आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में रेप के बाद ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के मामले में पीड़ित पक्ष के वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में कोलकाता पुलिस की जांच के तरीके पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि कोलकाता पुलिस इस केस में जिस ढंग से जांच कर रही थी उसी को लेकर हमारी शिकायत थी. इसीलिए यह मामला सीबीआई को ट्रांसफर हुआ है. कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआई को जांच का जिम्मा सौंपा है, अब हम इंतजार कर रहे हैं कि केंद्रीय एजेंसी क्या नतीजे निकालेगी.
वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा, ‘पहले अस्पताल से पीड़िता के मां-बाप को कॉल किया गया कि आपकी बेटी बीमार है. माता-पिता ने पूछा कि वह तो बिल्कुल स्वस्थ थी, कैसे बीमार पड़ गई. तब आधे घंटे बाद बताया गया कि आप आ जाइए, आपकी बेटी ने सुसाइड कर लिया है. अस्पताल है, वहां तमाम डॉक्टर हैं जो देखकर बता सकते थे कि यह रेप और मर्डर केस है. फिर भी आरजी कर अस्पताल प्रशासन ने इसे सुसाइड बताने का प्रयास किया और पुलिस ने भी इसी थ्योरी पर ठप्पा लगा दिया. इतने गंभीर मामले की जांच वैज्ञानिक तरीके से होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.’
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पुलिस और CM ने कैसे तय किया वॉलंटियर दोषी है: वकील
पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा कि कोलकाता पुलिस ने एक सिविक वॉलंटियर को पकड़कर कह दिया कि हमने दोषी को पकड़ लिया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी बयान देती हैं कि हमने दोषी को पकड़ लिया. आपने कैसे तय किया कि वही दोषी है? इसलिए हमें अस्पताल प्रशासन और पुलिस की जांच पर शक हुआ. हम चाहते हैं कि इस केस की जांच साइंटिफिक तरीके से हो और जो भी दोषी मिले उसको सख्त से सख्त सजा हो. दोषी को उसके किए की सजा मिलने पर ही पीड़िता और उसके परिवार के साथ न्याय होगा.
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पीड़िता के शव को जल्द से जल्द जलाने की कोशिश की गई
विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि पहले तो अस्पताल प्रशासन और पुलिस की ओर से यह कोशिश की गई कि डेड बॉडी को जल्द से जल्द जला दो. इस तरह के केस में डेड बॉडी ही सबसे बड़ा एविडेंस होता है. छात्र संगठनों ने ऐसा होने से रोका. पोस्टमार्टम के लिए शव को बाहर क्यों ले जाया गया? पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखने वाले डॉक्टरों का ओपिनियन है कि अकेले आदमी के लिए ये करना संभव नहीं है, इसके पीछे जरूर एक से अधिक लोग हैं. आरजी कर अस्पताल प्रशासन ने मामले में अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई. हमारे घर में हमारी बेटी की मृत्यु हो जाए तो क्या हमारी जिम्मेदारी नहीं बनती. यहां पर ही शक की गुंजाइश पैदा होती है और इसीलिए हमने सीबीआई जांच की मांग की.
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सीबीआई ठीक ढंग से जांच करे और नतीजे पर पहुंचे: वकील
यह पूछे जाने पर कि क्या पीड़ित परिवार को सीबीआई जांच पर भरोसा है, उनके वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा, ‘अब तो चार पांच दिन हो गए हैं सीबीआई को जांच अपने हाथों में लिए. भरोसा करना पड़ेगा. अभी तक की जांच में सीबीआई को यह शक हुआ है कि मर्डर वहां पर नहीं हुआ, जहां डेड बॉली मिली. दूसरी जगह हत्या करके शव को वहां लाकर छोड़ दिया गया ऐसा शक है. अगर यह सच है तो बहुत गंभीर बात है. हम चाहेंगे कि सीबीआई ठीक ढंग से जांच करे और नतीजे पर पहुंचे. इस तरह की जांच में टाइमफ्रेम निर्धारित करना मुश्किल है. मेरा काम था लूपहोल्स को कोर्ट के संज्ञान में लाना, और मैंने वो किया.’ आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पर उपद्रवियों द्वारा हुए हमले को लेकर ममता बनर्जी ने कहा था कि यह ‘वाम और राम’ का काम है. उन्होंने इस हमले के पीछे लेफ्ट और भाजपा की साजिश होने का आरोप लगाया था.
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अस्पताल पर हमला TMC ने करवाया: पीड़ित पक्ष के वकील
पीड़ित परिवार के वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘मेरा सीधा आरोप है कि यह ममता बनर्जी ने करवाया था. मुख्यमंत्री ने उस दिन बयान दिया कि तीन दिन से विपक्षियों और छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया, अब मैं मैदान में उतरुंगी. उनके इस बयान के अगले ही दिन आरजी कर मेडिकल कॉलेज पर उपद्रवियों ने धावा बोला. टीएमसी ने गुंडों को इकट्ठा किया और अस्पताल पर हमला करवाया. इसके पीछे का मकसद आंदोलन कर रहे छात्रों को डराना और सबूतों को नष्ट करना था. उपद्रवी थर्ड फ्लोर तक पहुंच गए थे, इमरजेंसी में तोड़फोड़ की. चौथी मंजिल पर सेमिनार हॉल में नहीं पहुंच सके. मैं यह दावा करता हूं कि यह टीएमसी का प्लान था. पुलिस ने अब तक जितने लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें से ज्यादातर टीएमसी के आदमी हैं. इस घटना से कोलकाता की छवि को बहुत नुकसान पहुंचा है. पूरी दुनिया में इस घटना की बात हो रही है.’