कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर से रेप-मर्डर की घटना के बाद देशभर में गुस्सा है. ममता सरकार पर भी सवाल उठ रहे हैं. टीएमसी के कई नेता भी इस मामले में प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं. इसी बीच, टीएमसी सांसद जून मालिया भी इस घटना के विरोध में मेदिनीपुर में आयोजित एक प्रदर्शन में शामिल हुईं. उन्होंने सैकड़ों लोगों के साथ यहां कैंडल मार्च निकाला.
क्या बोलीं टीएमसी सांसद
दरअसल, डॉक्टर से रेप-मर्डर मामले में सोमवार को मेदिनीपुर में एक बड़ा विरोध मार्च आयोजित किया गया था. इस मार्च का नेतृत्व टीएमसी सांसद जून मालिया ने किया. जून मालिया के नेतृत्व में भारी संख्या में महिलाओं ने कैंडल मार्च निकाला. इस दौरान उन्होंने कहा, ‘मैं एक महिला के रूप में सड़क पर आई हूं. एक सांसद या नेता के तौर पर नहीं. यहां कई महिलाएं हैं जिनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. सहज रूप से हम सभी की एक ही मांग है कि ऐसा करने वालों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए. हम इस मुद्दे को संसद में मिलकर उठाएंगे. यह एक बड़ी लड़ाई है.. यह एक दिन या कुछ महीनों की लड़ाई में खत्म होने वाली नहीं है.
सुखेंदु शेखर ने भी उठाए थे सवाल
बता दें कि इससे पहले टीएमसी के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर ने भी सवाल खड़े किए थे. उन्होंने कहा था कि वह भी डॉक्टरों की हड़ताल में शामिल होने जा रहे हैं. सुखेंदु ने कहा था,’मैं प्रदर्शनकारियों को ज्वाइन करने जा रहा हूं. क्योंकि मेरी भी लाखों बंगाली परिवारों की तरह एक बेटी और छोटी पोती है. हमें इस मौके पर उठ खड़ा होना चाहिए. महिलाओं के खिलाफ क्रूरता बहुत हो चुकी है.’
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TMC सांसद सुखेंदु शेखर ने कई सवाल खड़े किए थे, उन्होंने कहा था, ‘चाहे कुछ भी हो, आइए हम सब मिलकर इस घटना का विरोध करें. आरजी कर अस्पताल में बलात्कार और निर्दयतापूर्वक हत्या की गई. वे कौन लोग हैं? अब सीबीआई जांच करेगी. दरिंदों को बचाने की कोशिश क्यों की जा रही है? जो भी इस अपराध के लिए जिम्मेदार है, उसे फांसी पर लटकाया जाना चाहिए.’
हालांकि, सुखेंदु के इस कदम के बाद उनकी मुश्किलें भी बढ़ गई थीं. कोलकाता पुलिस ने उन्हें नोटिस भेजा था. सुखेंदु शेखर पर आरोप लगा है कि उन्होंने आरजी कर अस्पताल में हुए रेप और हत्या मामले के संबंध में हो रही जांच के बारे में “गलत सूचना” एक्स पर पोस्ट की है.
दरअसल, 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक महिला डॉक्टर का शव मिला था. इसके बाद से ही रेजिडेंट डॉक्टर्स मामले में पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं.