कोलकाता की महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर के मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद ने बड़ा ऐलान किया है. टीएमसी के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा है कि वह भी डॉक्टरों की हड़ताल में शामिल होने जा रहे हैं. सुखेंदु के ऐलान के मुताबिक वह आज (बुधवार) हड़ताली डॉक्टरों को ज्वाइन करेंगे. सुखेंदु ने कहा,’मैं प्रदर्शनकारियों को ज्वाइन करने जा रहा हूं. क्योंकि मेरी भी लाखों बंगाली परिवारों की तरह एक बेटी और छोटी पोती है. हमें इस मौके पर उठ खड़ा होना चाहिए. महिलाओं के खिलाफ क्रूरता बहुत हो चुकी है.’
TMC सांसद सुखेंदु शेखर ने कहा,’चाहे कुछ भी हो, आइए हम सब मिलकर इस घटना का विरोध करें. आरजी कर अस्पताल में बलात्कार और निर्दयतापूर्वक हत्या की गई. वे कौन लोग हैं? अब सीबीआई जांच करेगी. खैर. मुझे सीबीआई पर कोई भरोसा नहीं है. वे मूर्ख हैं. फिर भी सच्चाई सामने आनी ही है. दरिंदों को बचाने की कोशिश क्यों की जा रही है? जो भी इस अपराध के लिए जिम्मेदार है, उसे फांसी पर लटकाया जाना चाहिए.’
सेमिनार हॉल में मिली थी लाश
दरअसल, 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक महिला डॉक्टर का शव मिला था. इसके बाद से ही रेजिडेंट डॉक्टर्स मामले में पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं. सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात 31 वर्षीय पोस्टग्रेजुएट रेजिडेंट डॉक्टर के साथ 8 अगस्त की रात कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. अधिकारियों ने चेस्ट मेडिसिन विभाग के सेमिनार हॉल में द्वितीय वर्ष की छात्रा का अर्धनग्न शव बरामद किया था, जिस पर कई चोटों के निशान थे.
FAIMA डॉक्टरों की हड़ताल जारी
डॉक्टरों के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) के डॉक्टर्स का कहना है कि जब तक सरकार डॉक्टरों के लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं करती, तब तक उनका आंदोलन खत्म नहीं होगा. आंदोलन के चलते OPD सहित कई सेवाएं प्रभावित हो रही हैं. हालांकि, रेजिडेंट डॉक्टर्स के एक संगठन फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है. इस बीच मामले की जांच अब सीबीआई के हवाले कर दी गई है.
क्या है रेजिडेंट डॉक्टरों की डिमांड
1. मामले को बिना देरी किए तुरंत CBI के हवाले किया जाए. (CBI को जांच सौंपी जा चुकी है)
2. प्रिंसिपल के साथ-साथ MS और अल्पताल के सिक्योरिटी इंचार्ज का तुरंत इस्तीफा लिया जाए. (प्रिंसिपल का तबादला किया गया है)
3. केंद्र सरकार से लिखित में यह आश्वसन मिले कि डॉक्टरों के लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाएगा.
4. मृतक डॉक्टर के नाम पर किसी मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग या लाइब्रेरी का नाम किया जाए.
5. डॉक्टर के परिवार को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए.
6. डॉक्टरों पर शारीरिक हमले के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करे.