साइबर ठग भोले-भाले लोगों को ठगने की अलग-अलग तरकीबों का इजाद कर लेते हैं. अब इन ठगों ने डिजिटल अरेस्ट के जरिए लोगों को ठगने का नया तरीका इजाद किया है. ताजा मामला लखनऊ से हैं, जहां ठगों ने पीजीआई की महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर करीब तीन करोड़ रुपये चपत लगा दी. महिला डॉक्टर ने इसकी शिकायत साइबर क्राइम थाने में की है.
जानकारी के मुताबिक, पीजीआई की महिला डॉक्टर को उसके मोबाइल नंबर पर फोन आया, जिसमें ठग ने खुद को महिला को ट्राई (TRAI)अधिकारी बताया और कहा कि आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर 22 शिकायतें दर्ज कराई गई हैं. इसे जल्द ही अब बंद कर दिया जाएगा. इसी दौरान उसने कहा कि आपसे सीबीआई अफसर राहुल गुप्ता बात करेंगे और इसके लिए स्काइप ऐप डाउनलोड कर लीजिए, जिसके बाद डर से महिला ने तुरंत स्काइप ऐप डाउनलोड कर लिया.
CBI अफसर बनकर किया डिजिटल अरेस्ट
इसके बाद राहुल गुप्ता ने सीबीआई अफसर बनकर महिला से कहा कि आपका नाम नरेश गोयल मनी लांड्रिंग केस में आया है. साथ ही आपका बैंक अकाउंट भी इस्तेमाल किया गया है, जिसका पैसा वूमेन और चाइल्ड ट्रैफिकिंग के लिए यूज किया गया है. कोर्ट के पास आपके खिलाफ सबूत भी हैं, जिसमें आपने अपने फोन पर उनसे बात भी की है. इसकी भी रिकॉर्डिंग कोर्ट के पास मौजूद है. इतना सुनते ही महिला डॉक्टर डर गई.
नोएडा: साइबर ठगों ने महिला को 48 घंटे किया डिजिटल अरेस्ट, उड़ाए 9 लाख
फॉर्म भराकर ली प्रॉपर्टी की पूरी डिटेल
लेडी डॉक्टर के इसी डर का फायदा उठाकर ठग ने महिला डॉक्टर को एक फॉर्म भरने के लिए कहा. इसमें डॉक्टर से कहा गया कि यह फॉर्म कोर्ट ने फिल करने के लिए कहा है, जिसे मैंने आपको भेजा है. इसमें आपको अपनी निजी जानकारी देना होगी. आपको अरेस्ट करने का हमें ऑर्डर मिला है, लेकिन मेरी रिक्वेस्ट पर आपको सिर्फ डिजिटल अरेस्ट करके पूछताछ की जा रही है.
सीबीआई अफसर बनकर साइबर क्रिमिनल ने महिला डॉक्टर को ये भी कहा कि यह सब बातें आपको अपने परिवार में किसी को नहीं बतानी हैं, जब तक पूछताछ चल रही है. नहीं तो फिर आपको अरेस्ट करके जेल भेज दिया जाएगा. आप इस फॉर्म को जल्दी भरकर इसमें अपनी प्रॉपर्टी का विवरण दीजिए, उसको कोर्ट में सबमिट करना है और पूरा पैसा सरकारी खाते में जमा करिए ताकि उसकी जांच हो सके.
साइबर ठगों ने महिला को 72 घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा, खातों की डिटेल्स ली और फिर ठग लिए 72 लाख रुपए
5 अकाउंट से ट्रांसफर किए 2.81 करोड़ रुपये
इसके बदले में ठग ने अलग-अलग सात अकाउंट नंबर महिला डॉक्टर को मुहैया कराए, जिसमें महिला डॉक्टर ने पांच अलग-अलग बैंक खातों से दो करोड़ 81 लाख रुपये ट्रांसफर किए. वहीं जब महिला डॉक्टर को 6 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया. तब जाकर महिला डॉक्टर को ठगी का अंदाजा हुआ, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. फिलहाल साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच पड़ताल शुरू कर दी है.