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गैंगरेप, मर्डर, अंग तस्करी और हर दिन नई थ्योरी… क्या पॉलीग्राफ टेस्ट से CBI को पता चलेगा कोलकाता कांड का पूरा सच? – Kolkata rape and murder case will CBI know the truth through polygraph test

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Kolkata Trainee Doctor Murder Rape Case: कोलकाता की निर्भया का गुनहगार संजय राय अब सीबीआई की हिरासत में है. सीबीआई उससे इस वारदात का हर सच जानना चाहती है. यही वजह है कि अब उस दरिंदे का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की तैयारी है. मगर इस मामले मे हर दिन नई थ्योरी सामने आने से कई सवाल भी उठ रहे हैं. मसलन पहले इस मामले को पुलिस ने सुसाइड दिखाने की नाकाम कोशिश की. फिर ये वारदात गैंग रेप का मामला बन गई और अब अंग तस्करी का एंगल भी सामने आ रहा है. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर कोलकाता के निर्भयाकांड का सच क्या है? 

सच सामने लाने की कवायद
पूरा देश जानना चाहता है कि आखिर कोलकाता की ट्रेनी डॉक्टर बिटिया को इंसाफ कब मिलेगा? 6 दिनों से इस वारदात की जांच में जुटी सीबीआई को आखिर कितनी कामयाबी मिली है? क्या वाकई आरोपी संजय राय के पॉलीग्राफ टेस्ट से इस वारदात का सच सामने आ पाएगा? क्या सही में कोलकाता में अंग तस्करी का रैकेट चल रहा था? इन सारे सवालों को जवाब सीबीआई ही दे सकती है. वही कोलकाता के इस कांड का सच सुप्रीम कोर्ट में बताएगी.

आरोपों के पीछे दो बड़ी वजह
सोमवार को पीड़िता के पिता ने कोलकाता पुलिस और मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर सनसनीखेज इल्जाम लगाए हैं. घरवालों का कहना है कि पुलिस और मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष ने इस हत्याकांड पर पर्दा डालने की कोशिश की. घरवालों के आरोप के पीछे दो बड़ी वजह हैं. पहला पुलिस और मेडिकल कॉलेज प्रशासन का रवैव्या और दूसरा पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने किया बड़ा खुलासा
चौंकाने वाली बात ये है कि जिस केस को पहले आत्महत्या करार देने की कोशिश की गई, उसी केस की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पीड़िता के साथ हुई हैवानियत की गवाही दे रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक लेडी डॉक्टर के शरीर पर 14 से ज्यादा चोट के निशान मिले, सिर, दोनों गाल, होंठ, नाक, दायां जबड़ा, ठुड्डी, गर्दन, बाएं हाथ, कंधे, घुटने पर जख्मों के निशान मौजूद हैं. पीड़िता की हत्या गला घोंटकर की गई थी. 

घरवालों को अंधेरे में क्यों रखा? 
पीड़िता के घरवालों का इल्जाम है कि पहले हत्या को आत्महत्या का रंग देने की कोशिश की गई. यहां तक की सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई. घरवालों के मुताबिक कि पूरे मामले में आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की भूमिका शक के घेरे में है. हत्या के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन की तरफ से घरवालों को अंधेरे में रखा गया. सवाल यही है कि मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने क्यों रेप और हत्या जैसे संगीन मामले को दबाने की कोशिश की?

जल्दबाजी में क्यों कराया अंतिम संस्कार?
पीड़िता के पिता ने मीडिया के सामने चौंकाने वाला खुलासा किया. उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में पीड़िता का अंतिम संस्कार करवा दिया गया. घरवाले कुछ समझ पाते उससे पहले ही पुलिस ने अंतिम संस्कार करवा दिया. अब घरवाले अंतिम संस्कार को लेकर कोलकाता पुलिस पर संगीन आरोप लगा रहे हैं. इस मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है, लेकिन घरवालों का आरोप है कि कोलकाता पुलिस ने शुरूआती जांच में पूरे केस को उलझाने की कोशिश की. पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने की बजाय इस केस का कत्ल करने की साजिश रची.

पुलिस का दबाव!
जहां पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया, उस शमशान घाट के मैंनेजर भोलानाथ पात्रा ने आजतक को बताया कि पीड़िता के अंतिम संस्कार को लेकर कोलकाता पुलिस से उनकी बात हुई थी. पुलिस ने पीड़िता का अंतिम संस्कार जल्दी करवाने को कहा था. 

चार थ्योरी पर काम
कुल मिलाकर अब सीबीआई की टीम इस मामले में चार थ्योरी पर काम कर रही है. सोमवार को सीबीआई की टीम ने 7 घंटे तक पीड़ित परिवार के बयान दर्ज किए हैं. पीड़ित के वकील ने फिर गैंग रेप की तरफ इशारा किया. बीजेपी नेता और पूर्व सांसद लॉकेट चटर्जी ने कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में अंग तस्करी की आशंका जताई है. जिसे अब नई थ्योरी भी माना जा रहा है. 

अब कोलकाता के निर्भयाकांड की पूरी टाइमलाइन भी समझ लीजिए-

08 अगस्त – देर रात कोलकाता में हैवानियत के बाद ट्रेनी डॉक्टर की हत्या.
09 अगस्त – कुछ घंटों बाद ही आरोपी संजय रॉय की गिरफ्तारी.
12 अगस्त – डॉक्टरों ने की देशव्यापी हड़ताल.
13 अगस्त – कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिए सीबीआई जांच के आदेश.
14 अगस्त – रात में भीड़ ने आरजी कर अस्पताल पर किया हमला. सबूत मिटाने के आरोप.
17 अगस्त – अस्पताल में हिंसा तोड़फोड़ के 30 आरोपियों की गिरफ्तारी.
19 अगस्त – सीबीआई को मिली आरोपी संजय के पॉलिग्राफिक टेस्ट की मंजूरी.

इंसाफ दिलाने के लिए मुहिम
आरजी कर हॉस्पिटल की ट्रेनी डॉक्टर को इंसाफ दिलाने के लिए सोमवार को हज़ारो डॉक्टर सड़कों पर उतरे. वे इंसाफ मांग रहे थे. इस बीच कोलकाता पुलिस ने एक कॉलेज स्टूडेंट को ट्रेनी डॉक्टर की पहचान उजागर करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. इसके अलावा दिल्ली में AIIMS के रेजिडेंट डॉक्टरों ने स्वास्थ्य मंत्रालय के बाहर OPD लगाई. उन्होंने डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग को लेकर नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि ट्रेनी डॉक्टर के परिवार को न्याय मिलना चाहिए. 

डॉक्टरों ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
देश के 71 पद्म पुरस्कार डॉक्टर्स ने भी PM मोदी को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि तुरंत अध्यादेश लाकर मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. अब सीबीआई ने आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफी टेस्ट कराने के लिए कोर्ट से परमीशन हासिल कर ली है. इस मामले में एक तरफ इंसाफ के लिए धधकता आक्रोश है, तो दूसरी तरफ सियासत भी खूब हो रही है. 

(आज तक ब्यूरो)

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