Clinically Bharat

We Can Cover You

Women

जरूरत की खबर- लोकपर्व छठ में डूब न जाए जिंदगी:तेज बहाव, ज्यादा गहराई से होते हादसे, गंदे पानी से इन्फेक्शन, कैसे करें बचाव

Email :13


इस साल लोक आस्था का पावन पर्व छठ 5 नवंबर से नहाय-खाय के साथ शुरू हो जाएगा। यह पर्व चार दिन तक चलेगा। फिर खरना, संध्या अर्घ्य और प्रात:कालीन अर्घ्य के साथ 8 नवंबर को समाप्त हो जाएगा। छठ उत्तर भारत का सबसे लोकप्रिय त्योहार है। यह खासतौर पर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। इसमें महिलाएं सूर्य देव और छठी मैया की पूजा-अर्चना करती हैं और 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखती हैं। इसे सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। इस व्रत के दौरान सूर्यदेव को अर्घ्य देते समय महिलाएं जल में उतरती हैं। इसके लिए आसपास के तालाब, नदी का रुख किया जाता है। वहां सुंदर घाट तैयार किए जाते हैं, लेकिन ज्यादा भीड़-भाड़, पानी का तेज बहाव या पानी की गहराई अधिक होने से हादसे होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा तालाब या नदी का पानी दूषित होने से भी कई स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। इन खतरों से बचने के लिए कुछ सावधानियां जरूरी हैं। इसलिए आज जरूरत की खबर में जानेंगे कि छठ घाटों पर नहाते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. अमृता मिश्रा, न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटेटिक्स (नई दिल्ली) एक्सपर्ट: डॉ. उर्वी महेश्वरी, फिजिशियन, जायनोवा शेलबी हॉस्पिटल (मुंबई) सवाल- छठ घाटों पर नहाते समय किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए? जवाब- लोक आस्था के महापर्व छठ में अस्ताचलगामी और उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसका मतलब है कि सूर्यास्त के समय और सूर्योदय के समय अर्घ्य दिया जाता है। इसके लिए बड़ी संख्या में लोग नजदीकी तालाब या नदी के घाटों पर पहुंचते हैं। कई बार घाटों पर भीड़ की वजह से हादसे भी देखने को मिलते हैं। पिछले वर्ष बिहार में छठ घाटों पर डूबने से करीब 22 लोगों की मौत हो गई थी। यही वजह है कि छठ पूजा की भीड़ को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर नदियों में गहरे पानी को लेकर साइन बोर्ड, आपात स्थिति से निपटने के लिए पुलिस फोर्स और एंबुलेंस के इंतजाम किए जाते हैं। ताकि कहीं कोई दुर्घटना होने पर तुरंत उससे निपटा जा सके। इसलिए हमेशा ऐसी जगह पर स्नान करें, जहां प्रशासनिक अनुमति और इंतजाम किए गए हों। नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि छठ घाटों पर जाने से पहले किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए। सवाल- छठ घाटों पर नहाने के बाद किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए? जवाब- छठ के दौरान तालाब या नदी में नहाने का विशेष महत्व है। हजारों लोग एक साथ छठ घाटों पर आस्था के साथ डुबकी लगाते हैं। आज के समय में अधिकांश तालाबों और नदियों का पानी काफी दूषित हो चुका है। ऐसे पानी में नहाने से आंख, नाक, कान समेत स्किन इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। फिजिशियन डॉ. उर्वी महेश्वरी बताती हैं कि हमें दूषित पानी में नहाने से बचना चाहिए। अगर तालाब या नदी में नहा रहे हैं तो ध्यान रखें कि पानी मुंह, नाक या कान के जरिए शरीर के अंदर न जाए। साथ ही नहाने के बाद एक बार साफ पानी से जरूर नहाना चाहिए। इससे इन्फेक्शन के जोखिम से बच सकते हैं। सवाल- छठ पूजा के बाद व्रतियों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जवाब- छठ में व्रती महिलाएं 36 घंटे तक बिना खाए-पिए व्रत रखती हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा खतरा शरीर के डिहाइड्रेट होने का रहता है। इसके अलावा कई दिन तक खाना न खाने से मेटाबॉलिज्म भी धीमा पड़ जाता है। ऐसे में लंबा उपवास पूरा होने के बाद एक साथ बहुत ज्यादा खाने से बचना चाहिए। इससे आपकी सेहत बिगड़ सकती है। इसके अलावा जंक फूड और फास्ट फूड जैसी चीजें नहीं खानी चाहिए। न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. अमृता मिश्रा कहती हैं कि व्रत के कुछ दिनों बाद तक नारियल पानी, नींबू पानी रेगुलर पीना चाहिए। इससे शरीर को हाइड्रेशन में मदद मिलती है। इसके अलावा आसानी से पचने वाले फूड आइटम्स जैसे फल, उबली हुई सब्जियां या हल्के सूप का सेवन कर सकते हैं। इससे पाचन तंत्र को धीरे-धीरे सामंजस्य स्थापित करने में मदद मिलेगी। सवाल- अगर कोई व्यक्ति पानी में डूब जाए तो प्राथमिक बचाव के लिए क्या उपाय कर सकते हैं? जवाब- छठ घाटों पर भीड़-भाड़ की वजह से लोगों के पानी में डूबने की खबरें सामने आती हैं। ऐसे में प्रशासनिक सहायता मिलने में अगर देरी हो रही है तो आप खुद भी लोगों की मदद कर सकते हैं। इसके लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें। …………………………
जरूरत की ये खबर भी पढ़िए
जरूरत की खबर- डूबने से हर साल 38000 मौत: डूबने वालों में 24% बच्चे, स्विमिंग पूल में रहें सावधान सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल करीब 38 हजार लोगों की पानी में डूबने की वजह से मौत हो जाती है। स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण ने पिछले साल दिसंबर में इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक सेफ्टी मैकेनिज्म बनाने पर जोर देने की बात भी कही थी। पूरी खबर पढ़िए…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Post