दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल फरवरी 2025 तक है. इसे ध्यान में रखते हुए राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. सत्ताधारी आम आदमी पार्टी पदयात्रा निकाल रही है, तो कांग्रेस ने अपने संगठन और ब्लॉक यूनिट को मजबूती देने का काम शुरू किया है. वहीं, दो दशक से अधिक समय से दिल्ली में सत्ता का वनवास झेल रही बीजेपी के लिए यह चुनाव करो या मरो जैसा है. पिछले तीन लोकसभा चुनावों में भाजपा ने दिल्ली की सातों संसदीय सीटों पर जीत हासिल की है.
लेकिन वह विधानसभा चुनाव में यह प्रदर्शन नहीं दोहरा पाती है. इस बार भी बीजेपी के सामने दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपना प्रदर्शन सुधारने की चुनौती है. बीजेपी के उन पूर्व सांसदों जिन्हें आम चुनावों में टिकट नही दिया गया था, पार्टी ने उन्हें तैयारी करने के लिए कहा है. सूत्रों ने बताया कि रमेश बिधूड़ी, परवेश वर्मा और मीनाक्षी लेखी को 2025 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए तैयार रहने को कहा गया है. इस बात की बहुत ज्यादा संभावना है कि तीनों पूर्व सांसद बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ें.
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वहीं गौतम गंभीर, हंसराज हंस और डॉ. हर्षवर्धन को लेकर अभी कुछ तय नहीं है. आम चुनाव 2024 में बीजेपी ने उन केंद्रीय मंत्रियों को मैदान में उतारा था, जो राज्यसभा सांसद थे. सूत्रों का कहना है कि पार्टी उसी तर्ज पर दिल्ली के पूर्व सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ा सकती है. पार्टी सूत्रों की मानें तो रमेश बिधूड़ी को तुगलकाबाद या बदरपुर से चुनावी समर में उतारा जा सकता है, तो मीनाक्षी लेखी को कस्तूरबा नगर या ग्रेटर कैलाश और परवेश वर्मा को मटियाला, नजफगढ़ या महरौली से मैदान में उतारा जा सकता है.
आपको बता दें कि रमेश बिधूड़ी 2003 से 2013 तक लगातार तीन बार तुगलकाबाद से दिल्ली विधानसभा के लिए चुने गए थे. वहीं 2013 में परवेश वर्मा महरौली से दिल्ली विधानसभा के लिए चुने गए थे. इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने चांदनी चौक से डॉ. हर्षवर्धन की जगह प्रवीण खंडेलवाल, नई दिल्ली से मीनाक्षी लेखी की जगह बांसुरी स्वराज, पश्चिमी दिल्ली से परवेश वर्मा की जगह कमलजीत सहरावत, दक्षिणी दिल्ली से रमेश बिधूड़ी की जगह रामवीर सिंह बिधूड़ी और पूर्वी दिल्ली से गौतम गंभीर की जगह हर्ष मल्होत्रा और उत्तर पश्चिम दिल्ली से हंसराज हंस की जगह योगेंद्र चंदोलिया को टिकट दिया था. सिर्फ उत्तर पूर्वी दिल्ली के ससंसद मनोज तिवारी का ही टिकट रिपीट हुआ था.