कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के बाहर बुधवार को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए थे. देर रात भीड़ उग्र हो गई और अस्पताल के भीतर घुस गई. प्रदर्शनकारियों ने न सिर्फ परिसर में खड़ी गाड़ियों के साथ तोड़फोड़ की बल्कि अस्पताल के भीतर इमरजेंसी वॉर्ड को भी तहस-नहस कर दिया.
भीड़ ने पुलिस वाहनों को भी निशाना बनाया और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया, जिसमें कई लोगों के घायल होने की खबर है. कोलकाता पुलिस कमिश्नर ने इसके लिए गलत मीडिया कैंपेन को जिम्मेदार ठहराया है.
‘गलत मीडिया कैंपेन की वजह से हुआ बवाल’
कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल ने कहा, ‘यहां जो कुछ हुआ, वह गलत मीडिया कैंपेन की वजह से हुआ है. यह एक दुर्भावनापूर्ण मीडिया कैंपेन है. कोलकाता पुलिस ने क्या नहीं किया? पुलिस ने इस मामले में सब कुछ किया. हमने परिवार को संतुष्ट करने की पूरी कोशिश की लेकिन अफवाहें उड़ाई जा रही हैं.’
विनीत गोयल ने कहा, ‘मैं बहुत नाराज हूं. हमने कुछ गलत नहीं किया. दुर्भावनापूर्ण मीडिया कैंपेन के कारण कोलकाता पुलिस ने लोगों का भरोसा खोया है. हमने कभी नहीं कहा कि सिर्फ एक ही व्यक्ति (आरोपी) है, हमने कहा है कि हम वैज्ञानिक सबूतों का इंतजार कर रहे हैं और इसमें समय लगता है. सिर्फ अफवाहों के आधार पर, मैं एक युवा पीजी स्टूडेंट को गिरफ्तार नहीं कर सकता. मीडिया का बहुत दबाव है, मैं इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट हूं कि हमने वही किया है जो सही है.’
‘गलत प्रचार किया जा रहा है’
उन्होंने कहा, ‘अब इसकी जांच सीबीआई कर रही है. हम सीबीआई की पूरी मदद करेंगे. गलत प्रचार किया जा रहा है.’ कोलकाता पुलिस कमिश्नर ने लोगों से अपील की है कि ‘कृपया अफवाहें न फैलाएं. हम जांच कर रहे हैं. हम सभी लोगों से लगातार पूछताछ कर रहे हैं.’
कमिश्नर ने कहा, ‘पहली रात को एडिश्नल सीपी यहां थे और उन्होंने सभी से व्यक्तिगत रूप से पूछताछ की थी. मुझे लगता है कि यह पूरा शहर लूजर है, विनीत गोयल नहीं… आपको सीबीआई से पूछना चाहिए कि इन चार दिनों में अधिकारियों ने किस तरह का काम किया है और शहर ने उन्हें यह दिया. यह उनके लिए हतोत्साहित करने वाला है.’
’24 घंटे के भीतर जिम्मेदार व्यक्ति की पहचान की जाए’
टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘आज रात आरजी कर में गुंडागर्दी और बर्बरता ने सभी सीमाओं को पार कर दिया. एक जन प्रतिनिधि के रूप में मैंने अभी कोलकाता पुलिस कमिश्नर से बात की और उनसे सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि आज की हिंसा के लिए जिम्मेदार प्रत्येक व्यक्ति की पहचान की जाए, उसे जवाबदेह ठहराया जाए और अगले 24 घंटों के भीतर कानून के दायरे में लाया जाए, भले ही वो किसी भी राजनीतिक दल से संबंध रखता है.’ उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मांगें उचित और जायज़ हैं. उन्हें सरकार से यही उम्मीद करनी चाहिए. उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
‘हमें जान बचाकर भागना पड़ा’
आरजी कर मेडिकल कॉलेज के एक ट्रेनी डॉक्टर, हसन मुश्ताक ने बताया, ‘हम प्रोटेस्ट साइट से रात 11 बजे निकलने वाले थे. लेकिन, कैंपस के बाहर लोगों का एक समूह था, वे नारा लगा रहे थे- ‘We want Justice’, लेकिन वे वहां से जा नहीं रहे थे.’
उन्होंने बताया, ‘भीड़ उग्र हो गई और वे कैंपस में घुसने की कोशिश कर रहे थे. अचानक वे भीतर घुसे और तोड़फोड़ करना शुरू कर दिया. हमने पहले ही अपनी महिला टीम को वहां से चले जाने के लिए कह दिया था. उनके जाते ही भीड़ ने बैरिकेड तोड़ दिया और अंदर घुस गई और हमें अपनी जान बचाने के लिए वहां से भागना पड़ा.’