3 मिनट पहलेलेखक: संदीप सिंह
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आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास सबसे ज्यादा कमी समय की है। कुछ लोग अपने दिन भर के शेड्यूल में इतने व्यस्त होते हैं कि खाना खाने के लिए भी वक्त नहीं निकाल पाते हैं। जब खाने बैठते हैं तो खाने को आराम से चबा–चबाकर खाने की जगह जल्दबाजी में निगल रहे होते हैं।
मानो खाना शरीर की जरूरत नहीं बल्कि मजबूरी है। हम बचपन से सुनते आ रहे हैं कि हर निवाले को कम-से-कम 32 बार चबाना चाहिए। तभी खाने के जरूरी न्यूट्रिएंट्स शरीर को मिलते हैं। खाने को कम चबाने का खामियाजा हमारी सेहत को चुकाना पड़ता है।
इसलिए आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि जल्दबाजी में खाना खाने से क्या नुकसान होता है? साथ ही जानेंगे कि-
- खाने को देर तक चबाकर क्यों खाना चाहिए?
- आराम से चबाकर खाना खाने की आदत कैसे डेवलप करें।
एक्सपर्ट: डॉ. हरि प्रसाद यादव, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, मेदांता हॉस्पिटल (इंदौर)
सवाल- फास्ट ईटिंग क्या है?
जवाब- फास्ट ईटिंग (जल्दी खाना) एक ऐसी आदत है, जिसमें व्यक्ति बिना खाने को अच्छी तरह से चबाए जल्दी खत्म करना चाहता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। जैसेकि-
- बहुत तेज भूख लगना
- समय की कमी होना
- खाने के दौरान अन्य गतिविधियों में व्यस्त रहना
सवाल- फास्ट ईटिंग से किस तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं?
जवाब- जापान की हिरोशिमा यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने 5 सालों तक 642 पुरुषों और 441 महिलाओं पर एक स्टडी की। स्टडी के मुताबिक, जल्दबाजी में खाना खाने वाले लोगों में मेटाबॉलिक सिंड्रोम विकसित होने की आशंका 11.6% अधिक बढ़ जाती है, जो कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।
नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि फास्ट ईटिंग की वजह से किस तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स का खतरा बढ़ जाता है।
सवाल- फास्ट ईटिंग से मोटापा क्यों बढ़ता है?
जवाब- आज मोटापा दुनियाभर में सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। इसकी एक वजह फास्ट ईटिंग भी है। दरअसल, फास्ट ईटिंग करने से पाचन क्रिया धीमी हो जाती है, जिससे शरीर को खाने को पचाने का समय नहीं मिलता है और फैट जमा हो जाता है।
इसके अलावा फास्ट ईटिंग से लेप्टिन नाम के हॉर्मोन का लेवल कम हो जाता है, जिससे अधिक खाने की इच्छा होती है। यह हॉर्मोन ही भूख को कंट्रोल करता है। यही वजह है कि फास्ट ईटिंग से मोटापा बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।
सवाल- फास्ट ईटिंग से डायबिटीज का खतरा क्यों बढ़ जाता है?
जवाब- जब हम जल्दबाजी खाना खाते हैं तो शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस का खतरा बढ़ जाता है, जिससे हाई ब्लड शुगर और इंसुलिन का लेवल बिगड़ जाता है। लंबे समय तक ऐसा करने से ये डायबिटीज का कारण बन सकता है।
सवाल- धीरे-धीरे खाना शरीर के लिए कितना फायदेमंद है?
जवाब- अगर आप धीरे-धीरे खाते हैं तो आप अपना भोजन बेहतर ढंग से चबाएंगे। जिससे पाचन बेहतर होता है। असल में पाचन की प्रक्रिया हमारे मुंह से ही शुरू हो जाती है। इसलिए आप जितना अधिक काम वहां करेंगे, आपके पेट को खाने को पचाने में उतनी कम मेहनत करनी पड़ेगी। इससे पाचन संबंधी समस्या होने के खतरे कम हो जाएंगे।
नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि खाना चबाकर खाने के कौन-कौन से फायदे हैं।
सवाल- खाना खाने में कितना वक्त लेना सही है?
जवाब- डॉ. हरि प्रसाद यादव बताते हैं कि यह व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य की स्थिति पर निर्भर करता है। आमतौर पर खाना खाने में एक स्वस्थ व्यक्ति को कम-से-कम 25 से 30 मिनट का समय लेना चाहिए। इससे शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व मिलेंगे और बीमारियों का खतरा कम रहेगा।
सवाल- जिन लोगों को फास्ट ईटिंग की आदत है, वह इस आदत से कैसे छुटकारा पा सकते हैं?
जवाब- फास्ट ईटिंग की आदत से छुटकारा पाने के लिए सबसे जरूरी है माइंडफुल ईटिंग करना। यानी खाते समय सिर्फ अपने भोजन पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करना।
खाना खाते समय हमारी ज्यादातर इंद्रियां एक्टिव होती हैं। पहले हमारा हाथ इसका टेक्सचर फील करता है, फिर हमारी जीभ टेक्सचर और स्वाद का एहसास करती है। इस दौरान खाने की खुशबू भी महसूस होती है। इसलिए अगर हम माइंडफुल ईटिंग करें तो यह मेडिटेशन जैसा है। ये स्ट्रेस बस्टर हो सकता है।
नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि फास्ट ईटिंग की आदत से कैसे छुटकारा पा सकते हैं।
आइए ऊपर दिए इन पॉइंट्स के बारे में विस्तार से समझते हैं।
खाने के बीच में ब्रेक लें
अगर आपको बहुत तेजी खाने की आदत है तो खाने के बीच में कुछ देर का ब्रेक लें। जैसे अगर आप कांटे या चम्मच से खा रहे हैं तो हर एक कौर के बीच अपना कांटा नीचे रख दें। इससे आप खाने का आनंद ले सकेंगे। यह पाचन के लिए भी फायदेमंद है।
30 मिनट का टाइमर सेट करें।
खाने से पहले अपने मोबाइल या घड़ी में 30 मिनट का टाइमर सेट करें। इससे अपने खाने की स्पीड को कंट्रोल कर सकते हैं।
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