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Diwali Utsav Relationship Misunderstandings Impact | Complaints | रिलेशनशिप- दिवाली की रोशनी में खत्म हो रिश्तों की धुंध: पुरानी बातें, शिकायतें भुलाकर करें नई शुरुआत, साइकोलॉजिस्ट के 5 सुझाव

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48 मिनट पहलेलेखक: शशांक शुक्ला

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दिवाली रोशनी और खुशियों का त्योहार है। यह त्योहार हमें नए सिरे से जीने और जिंदगी में उजाला लाने का मौका देता है। दिवाली के त्योहार पर हम हर साल अपने घर को दीयों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाते हैं। पूरे घर को रौशन करते हैं। लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि ये उजाला केवल बाहर ही नहीं, हमारे रिश्तों में भी कितना जरूरी है?

रिश्ते भी कई बार समय के साथ धुंधला जाते हैं। ऐसे में उनमें भी नई रोशनी भरने की जरूरत होती है। हम अपने घर को साफ-सुथरा करने में, गैरजरूरी चीजें हटाकर नई सजावट करने में जितनी मेहनत करते हैं, क्या उतनी मेहनत अपने रिश्तों की धुंध साफ करने में भी करते हैं? दिवाली में उत्सव का माहौल तभी है, जब हम अपने पुराने गिले-शिकवे मिटाकर एक नई शुरुआत करें।

ऐसे में आज हम रिलेशनशिप में बात करेंगे कि-

  • रिश्तों में गलतफहमी से हमें क्या नुकसान हो सकते हैं?
  • दिवाली पर शिकायतें किस तरह खत्म कर सकते हैं?
  • दिवाली के त्योहार पर कैसे रिश्तों में नई रोशनी ला सकते हैं?

क्यों खराब होते हैं रिश्ते?

रिश्तों में धुंध नाराजगी या पुरानी बातों से पैदा होती है। कभी-कभी हम छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज नहीं कर पाते हैं। बाद में यह बातें धीरे-धीरे मन में बैठ जाती हैं। ऐसे में हम अपने करीबियों से बात करना कम कर देते हैं। इससे गलतफहमियां बढ़ जाती हैं। कई बार हम ईगो को बीच में लाकर किसी पुराने मसले पर अड़े रहते हैं। अगर समय रहते हम इसे ठीक नहीं करते हैं तो इससे रिश्ते टूट भी सकते हैं।

इसके साथ ही आपसी रिश्तों में हम कई बार किसी तीसरे व्यक्ति की सलाह के अनुसार निर्णय लेने लग जाते हैं। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि दो व्यक्तियों के बीच के रिश्ते को कोई तीसरा बेहतर तरीके से नहीं समझ सकता है। साथ ही आपसी रिश्ते में सिर्फ अपनी बात मनवाने की आदत भी रिश्ते खराब होने की बड़ी वजह होती है।

आइए ग्राफिक में दिए गए कारणों को विस्तार से समझते हैं।

रिश्ते में तनाव का मुख्य कारण बन सकता है पैसा

रिश्तों में तनाव के कई प्रमुख कारण हैं। इसमें विश्वास की कमी एक बड़ी वजह बन सकती है। एक बार विश्वास के टूटने पर रिश्ते में इसकी जगह असुरक्षा और संदेह ले लेते हैं। साथ ही रुपये-पैसे का लेन-देन भी रिश्तों में खराबी की बड़ी वजह के रूप में सामने आते हैं।

अनसुलझे विवाद भी बन सकते हैं तनाव का कारण

अनसुलझे विवाद भी रिश्तों में कड़वाहट और तनाव पैदा करते हैं। अगर झगड़े समय पर सुलझाए नहीं जाते, तो उनका प्रभाव बढ़ता जाता है। इसके साथ किसी से अधिक अपेक्षा या अधिक की इच्छा तनाव का कारण बन सकती है। साथ ही बाहरी दबाव, परिवार या स्वास्थ्य समस्याएं भी रिश्ते पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

उपहास उड़ाना भी रिश्तों में तनाव का कारण

इसके साथ ही बात करने की नकारात्मक शैली, व्यंग्यात्मक व्यवहार या अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल सामने वाले के आत्मसम्मान को चोट पहुंचा सकता है। कई बार हमारी आदत होती है कि हम सामने वाले का मजाक उड़ाते हुए कोई बात कह देते हैं। भले ही हमारा इरादा उसे नीचा दिखाने का न हो, लेकिन तब भी लोगों को बात बुरी लग सकती है।

पुरानी शिकायतें कैसे मिटाएं?

हर रिश्ता खास होता है और हर शिकायत का अलग कारण हो सकता है। लेकिन इसका हल आपसी बातचीत से ही निकल सकता है। हालांकि, अगर आप चाहते हैं कि मनमुटाव खत्म हो तो आपको इसकी पहल करनी चाहिए।

खुलकर बात करें

कई बार हम अपनी भावनाओं को दबा लेते हैं और सामने वाले से बात नहीं करते। इससे गलतफहमियां बढ़ जाती हैं। अगर कोई बात आपको परेशान कर रही है तो दिवाली के मौके पर यह बात खुलकर सामने रखें। सही तरीके से बात करने से न सिर्फ शिकायतें दूर होंगी बल्कि रिश्ता और भी मजबूत होगा।

माफी मांगें और माफ करें

गलती चाहे आपकी हो या सामने वाले की, माफी मांगने से किसी का अपमान नहीं होता है। रिश्तों में छोटी-छोटी बातों को दिल से निकालना बेहद जरूरी है। अगर आपको लगता है कि आपसे कोई गलती हो गई थी तो खुलकर माफी मांगें। अगर सामने वाले ने कुछ किया हो तो उसे दिल से माफ करें।

पुराने गिले-शिकवे भुला दें

हर रिश्ते में कुछ-न-कुछ गिले-शिकवे होते हैं। अगर हम उन पर अटके रहेंगे तो आगे बढ़ना मुश्किल हो जाएगा। पुरानी बातों को बार-बार सोचने से कुछ नहीं बदलता, बल्कि रिश्ते में और खटास आती है। इस दिवाली इन शिकवों को खत्म करें और अपने रिश्ते में नई ताजगी लाएं।

समझदारी और संवेदनशीलता दिखाएं

रिश्तों में कभी-कभी हमारी समझदारी और संवेदनशीलता की परीक्षा होती है। दिवाली के इस मौके पर समझदारी दिखाएं। छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज करें और बड़े दिल से रिश्तों को संभालें। जो बातें अतीत का हिस्सा थीं, उन्हें वहीं छोड़ दें।

दिवाली पर नई शुरुआत का मौका

दिवाली केवल घर की सफाई और सजावट का पर्व नहीं है, बल्कि हमारे दिलों को भी फिर से साफ करने का अवसर है। हमें अनजाने में हुए मनमुटाव को पीछे छोड़ आगे बढ़ना चाहिए।

रिश्तों को रौशन करें

दिवाली पर जब आप अपने घर को लाइटों से सजाते हैं, तो एक पल रुककर सोचें– क्या आपके रिश्ते भी इसी तरह से रोशन हैं? अगर नहीं तो यही समय है, उन रिश्तों को फिर से सजाने का। अपने करीबी लोगों से मिलें, उनके साथ वक्त बिताएं और उन बातों को खुलकर सुलझाएं, जो आपके रिश्ते में दूरी का कारण बनी हैं।

नकारात्मकता से दूर रहें

दिवाली का यह पर्व हमें यह भी सिखाता है कि हमें नकारात्मकता से दूर रहना चाहिए। जब हम अपने मन में किसी के प्रति नकारात्मक भावना रखते हैं तो हम खुद ही उस अंधेरे में डूब जाते हैं। यह त्यौहार हमें अपने मन को सकारात्मकता से भरने का मौका देता है।

दिवाली की शुभकामनाएं: प्यार, अपनापन और रिश्तों का उजाला

दिवाली पर जब आप अपने घर के दीयों को जलाएं, तो अपने दिल के दीए को भी रोशन करें। इस त्योहार पर हर रिश्ते में प्यार और अपनापन लाएं। पुरानी बातों को पीछे छोड़ें और अपने रिश्तों को नई रोशनी में जीने का मौका दें।

इस दिवाली पर पुरानी शिकायतों को मिटाएं, दिलों को साफ करें और एक नई शुरुआत करें। यही सच्ची दिवाली होगी।

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