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13 मिनट पहलेलेखक: संदीप सिंह
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उत्तर प्रदेश के कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर अपने बेटे को वंदे भारत ट्रेन में बिठाना एक पिता को महंगा पड़ गया। दरअसल वे बेटे को बिठाने के लिए वंदे भारत के कोच में चढ़ गए। जब तक वे कोच से बाहर निकल पाते, ट्रेन के दरवाजे ऑटोमेटिक लॉक हो गए और वह अंदर ही फंस गए। इसकी वजह से उन्हें कानपुर से नई दिल्ली तक का सफर करना पड़ा क्योंकि ट्रेन का अगला स्टॉप नई दिल्ली ही था। इस दौरान उनसे 2870 रुपए का जुर्माना भी वसूला गया।
वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत साल 2019 में हुई थी। इसकी स्पीड अन्य भारतीय ट्रेनों से अधिक है। इसलिए इसका किराया भी अन्य ट्रेनों की तुलना में ज्यादा है।
इसके अलावा ये कई आधुनिक सुविधाओं से लैस है। रेलवे ने इस ट्रेन को लेकर अलग से कुछ नियम बनाए हैं, जिनके बारे में बहुत से लोगों को जानकारी नहीं है। ऐसे में वह अनजाने में इस तरह की गलतियां कर बैठते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है।
तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि वंदे भारत ट्रेन के लिए भारतीय रेलवे ने क्या नियम बनाए हैं। साथ ही जानेंगे कि-
- वंदे भारत ट्रेन में कौन-कौन सी आधुनिक सुविधाएं हैं?
- वंदे भारत में सफर के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
सवाल- भारतीय रेलवे द्वारा वंदे भारत ट्रेन के लिए क्या नियम बनाए गए हैं?
जवाब- जिस तरह अन्य ट्रेनों की तुलना में वंदे भारत का किराया महंगा है। ठीक उसी तरह इसके नियम भी बाकी ट्रेनों से कुछ हटकर हैं। इसमें यात्रियों की सुविधाओं का विशेष ख्याल रखा गया है। इसमें बिना कन्फर्म टिकट के यात्रा नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ अन्य नियम भी हैं। नीचे ग्राफिक से समझिए-
सवाल- वंदे भारत ट्रेन में यात्रियों को कौन-कौन सी आधुनिक सुविधाएं मिलती हैं?
जवाब- वंदे भारत ट्रेन में यात्रियों के लिए खाना, पानी और नाश्ते की व्यवस्था दी जाती है। इसके अलावा अगर किसी यात्री का सामान खो जाता है तो रेलवे प्रशासन सामान की कीमत के मुताबिक उसका मुआवजा देता है। इस ट्रेन में और कौन सी सुविधाएं दी जाती हैं, इसे नीचे दिए ग्राफिक में देखिए-
सवाल- अगर वंदे भारत ट्रेन के अंदर फंस जाएं तो क्या करें?
जवाब- अगर आप बिना टिकट वंदे भारत ट्रेन में जाते हैं और ट्रेन के दरवाजे ऑटोमेटिक बंद हो जाते हैं तो ऐसी स्थिति में आपको अगले स्टाॅप तक का सफर करना ही पड़ेगा। इस दौरान घबराएं नहीं। आप ट्रैवल टिकट एग्जामिनर (TTE) या अन्य सुरक्षागार्डों को इसकी जानकारी दें। ध्यान रहे कि इसके लिए आपको जुर्माना देना ही पड़ेगा क्योंकि आपने नियमों की अनदेखी की है।
इससे बचने का एक ही उपाय है कि अगर आप खुद यात्रा नहीं कर रहे हैं और सिर्फ किसी को छोड़ने के लिए गए हैं तो ट्रेन के भीतर न जाएं। बाहर प्लेटफॉर्म से ही गुडबाय कर लें।
सवाल- किसी भी ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करने पर दंड का क्या प्रावधान है?
जवाब- रेलवे एक्ट, 1989 के सेक्शन 138 के मुताबिक, किसी भी ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करना दंडनीय अपराध है। अगर कोई यात्री वंदे भारत या किसी अन्य ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करता है तो उसे कम-से-कम 500 रूपए का जुर्माना देना होगा। इसके साथ ही जहां से सफर शुरू किया है और जहां तक जाना है, वहां तक का किराया भी देना होगा।
TTE इसके लिए आपको जुर्माने की रसीद देगा। रेलवे के नियमों के मुताबिक, अगर आप जुर्माने की राशि नहीं भरते हैं तो 6 महीने तक की जेल हो सकती है।
सवाल- वंदे भारत ट्रेन के टिकट को कैंसिल करने पर कितना चार्ज कटता है?
जवाब- अगर आप वंदे भारत ट्रेन टिकट को ट्रेन रवाना होने से 48 घंटे पहले कैंसिल करते हैं तो एक फ्लैट कैंसिलेशन फीस कटेगी। यह चार्ज सेकेंड क्लास के लिए 60 रुपए है। वहीं AC फर्स्ट क्लास/एग्जीक्यूटिव क्लास टिकट के लिए 240 रुपए तक है। इसे नीचे पॉइंटर्स से समझिए-
- अगर यात्री ट्रेन रवाना होने से 48 से 12 घंटे पहले टिकट कैंसिल करता है तो कुल किराए का 25% चार्ज कटता है। इसके अलावा GST भी देना होता है।
- ट्रेन रवाना होने से 12 से 4 घंटे पहले टिकट कैंसल कराने पर न्यूनतम कैंसिलेशन फीस के साथ किराए का 50% शुल्क लिया जाता है।
- जिन यात्रियों का टिकट RAC (रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन) या वेटलिस्टेड है तो उन्हें इस ट्रेन में रेलवे कुछ रियायत देता है।
- अगर किन्हीं कारणवश आपका टिकट रेलवे द्वारा कैंसिल किया जाता है तो उसका फुल रिफंड मिलता है।
सवाल- अगर वंदे भारत में वेटिंग टिकट के साथ कोई यात्रा करता है तो क्या नियम है?
जवाब- वंदे भारत ट्रेन में वेटिंग टिकट की सुविधा नहीं होती है। वहीं अगर आप बिना टिकट यात्रा करते हैं तो TTE आपसे भारी भरकम जुर्माना वसूल सकता है। यही नहीं, वह आपको अगले स्टेशन पर जुर्माने के साथ उतार भी सकता है।
सवाल- वंदे भारत ट्रेन में किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति में क्या कर सकते हैं?
जवाब- वंदे भारत ट्रेन के हर एक कोच में इमरजेंसी टॉक बैक यूनिट होती है, जो एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है। इसके जरिए पैसेंजर अपनी सुविधा में लगे सुरक्षाकर्मी से सीधे बात कर सकते हैं। साथ ही किसी तरह की इमरजेंसी में मदद भी मांग सकते हैं।
इस डिवाइस में एक पुश बटन लगा होता है, जिसे दबाने पर रेड सिग्नल शुरू हो जाता है और ग्रीन लाइट जलने पर सुरक्षाकर्मी के साथ बातचीत शुरू हो जाती है। इसके जरिए आप अपनी बात रख सकते हैं। सुरक्षाकर्मी या रेलवेकर्मी आपकी समस्या का तुरंत समाधान करेंगे।
सवाल- ट्रेन में बीड़ी-सिगरेट पीने पर सजा का क्या प्रावधान है?
जवाब- रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 164 के तहत किसी भी ट्रेन में ज्वलनशील या विस्फोटक पदार्थ ले जाना दंडनीय अपराध है। इसमें अपराधी को 3 साल तक की जेल या 1000 रुपए का जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है। इसके अलावा ट्रेन में या रेलवे स्टेशन पर बीड़ी-सिगरेट पीने पर यात्री से मौके पर ही 200 रुपए का जुर्माना वसूल किया जाता है।
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