कोलकाता में लेडी डॉक्टर से रेप के बाद हत्या के मामले को लेकर देशभर में हड़ताल कर रहे रेजिडेंट डॉक्टर अब बंट गए हैं. कारण, हड़ताल में शामिल इन रेजिडेंट डॉक्टरों के दो संगठनों के अलग-अलग बयान सामने आए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद जहां एक तरफ FORDA ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया है तो वहीं दूसरी ओर FAIMA ने हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है. दरअसल, जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद हड़ताल में शामिल FORDA ने बयान जारी कर कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में पत्र में लिखी सभी मांगों को स्वीकार कर लिया है. केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम के लिए अनुरोध के अनुसार FORDA समिति का हिस्सा होगा, जिस पर 15 दिनों के भीतर काम शुरू हो जाएगा. मंत्रालय से जल्द ही आधिकारिक सूचना दी जाएगी. इसलिए हड़ताल वापस लेने का फैसला किया गया है.
वहीं फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने हड़ताल जारी रखने का ऐलान करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हमारी कोई मांग नहीं मानी गई है. हमारी सिर्फ एक मांग मानी गई है कि मामला सीबीआई को सौंपा जाए, वो भी माननीय हाईकोर्ट के आदेश पर हुआ है. हमारी प्राथमिकता डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित कराना है. जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती, हड़ताल जारी रहेगी.
उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर की, जिसमें FORDA का प्रतिनिधिमंडल की जेपी से नड्डा से मुलाकात करते तस्वीरें भी शेयर की गईं. इसमें लिखा गया, “केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आज फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की. उन्होंने जनहित में हड़ताल वापस लेने के उनके निर्णय का स्वागत किया और उन्हें आश्वासन दिया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय सुरक्षित और बेहतर कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए उनकी सभी चिंताओं का समाधान करेगा.”
सीबीआई को सौंपी गई मामले की जांच
इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट ने केस को सीबीआई को सौंप दिया है. यानी अब मामले की जांच बंगाल पुलिस नहीं, बल्कि सीबीआई करेगी. कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस मामले से जुड़े सीसीटीवी फुटेज, और बयानों के दस्तावेज बुधवार सुबह 10 बजे तक सीबीआई को सौंप दिया जाए. कोर्ट इस पूरे केस में निगरानी करेगी. सीबीआई समय-समय पर कोर्ट में रिपोर्ट देगी और पीड़ित परिवार को खतरा महसूस हो तो सुरक्षा देने के आदेश भी कोर्ट ने दिए हैं.
कोर्ट से आदेश मिलते ही सीबीआई ने मामले में दोबारा केस दर्ज किया है. बुधवार को दिल्ली से सीबीआई के अफसर कोलकाता पहुंचेंगे. इसके बाद फोरेंसिक टीम के साथ मौका-ए-वारदात का दौरा करेंगे. इससे पहले कोलकाता पुलिस ने केस की जांच कर रही एसआईटी को मजबूत करने के लिए एक तेज तर्रार अफसर को शामिल किया था. हालांकि प्रदर्शनों और पीड़ित परिवार की मांग पर कोर्ट ने मामला सीबीआई को सौंप दिया.
मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन
मंगलवार को विरोध प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने आरजी मेडिकल कॉलेज में जमकर हंगामा किया. प्रदर्शनकारी बैरिकेड तोड़ कर अस्पताल के अंदर घुस गए. उनका आरोप था कि घटनास्थल के अंदर सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई. प्रदर्शनकारियों में रेजिडेंट डॉक्टर्स के साथ मेडिकल के स्टूडेंट्स भी शामिल थे. इसके बाद अतिरिक्त पुलिस बल का प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर शांत कराया गया.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई बर्बरता की बात
बता दें कि सोमवार को रेप और मर्डर का शिकार हुई लेडी डॉक्टर के परिजनों को पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंप दी. इस रिपोर्ट में हत्या, मौत से पहले की प्रकृति और सेक्सुअल पेनेट्रेशन की बात की कही गई है. इसमें बताया गया है कि पीड़िता की गला घोंटकर हत्या की गई थी. उससे पहले उसका बलात्कार किया गया था. आरोपी ने दो बार उसका गला घोंटा था. उसकी मौत सुबह 3 से 5 बजे के बीच हुई थी.
ऑटोप्सी रिपोर्ट में भी आत्महत्या की संभावना को खारिज करते हुए कहा गया था कि पीड़िता की बलात्कार के बाद हत्या की गई थी. इस रिपोर्ट मुताबिक, ट्रेनी डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट, आंखों और मुंह से खून बह रहा था. चेहरे और नाखून पर भी चोट के निशान थे. उसके पेट, बाएं पैर, गर्दन, दाहिने हाथ और होठों पर भी चोट के निशान थे. उसकी गर्दन की हड्डी भी दो हिस्सों में टूटी हुई पाई गई थी.
ये था पूरा मामला
ये खौफनाक वारदात 8-9 अगस्त की रात की है, जब कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज से ट्रेनी डॉक्टर की लाश मिली थी. इस डॉक्टर की उम्र 31 वर्ष थी, जो उस दिन तीन और डॉक्टर्स के साथ नाइट ड्यूटी पर थी. इनमें दो डॉक्टर चेस्ट मेडिसिन डिपार्टमेंट थे, एक ट्रेनी थी. एक कर्मचारी अस्पताल के हाउस स्टाफ से था. उस रात को इन सभी डॉक्टर्स और कर्मचारियों ने साथ में खाना खाया था. इसके बाद महिला डॉक्टर रात को करीब दो बजे सोने के लिए अस्पताल के सेमिनार हॉल में चली गई.
इसके बाद संजय रॉय पीछे के रास्ते से इस सेमिनार हॉल में आया और पहले उसने इस डॉक्टर की निर्ममता से हत्या की और फिर उसका रेप किया. सबसे बड़ी बात ये है कि ये आरोपी ना तो अस्पताल के स्टाफ से था, ना ही किसी मरीज का कोई रिश्तेदार था. वो कोलकाता पुलिस के लिए सिविक वांलटियर का काम करता था. वो इस मेडिकल कॉलेज में जब कोई पुलिसकर्मी भर्ती होता, तो वो उसकी दवाइयां लाने के लिए और उसकी दूसरी मदद के लिए सहायक के तौर पर मौजूद रहता था. लेकिन जिस दिन ये घटना हुई, उस दिन आरोपी किसी काम से अस्पताल नहीं आया था. उस दिन ये अस्पताल के पीछे वाले हिस्से में शराब पीने के लिए आया और इसने शराब पीने के बाद अपने मोबाइल फोन पर अश्लील वीडियो देखे थे. फिर वारदात को अंजाम दिया.