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FSSAI Food Packets Expiry Date Guidelines; Best Before Vs Use By Difference | जरूरत की खबर- फ्लाइट में दिया गया एक्‍सपायर्ड ब्रेकफास्ट: फूड और कॉस्मैटिक्स की एक्सपायरी डेट चेक करना क्यों जरूरी, कैसे चेक करें

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18 मिनट पहलेलेखक: संदीप सिंह

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गोरखपुर से बेंगलुरु जा रही अकासा एयरलाइंस की फ्लाइट में बीते शनिवार को एक यात्री को एक्सपायर हो चुके फूड पैकेट परोसने का मामला सामने आया है।

इसे लेकर यात्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर अकासा एयरलाइंस से शिकायत की, जिसके बाद एयरलाइंस ने स्वीकारा कि कुछ यात्रियों को अनजाने में ऐसा ब्रेकफास्ट परोसा गया, जो हमारे क्‍वालिटी स्‍टैंडर्ड को पूरा नहीं करता है। एयरलाइंस ने मामले की जांच और कार्रवाई का आश्‍वासन दिया है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यात्री की ट्विटर पोस्ट

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यात्री की ट्विटर पोस्ट

हम सब जानते हैं कि फूड प्रोडक्टस, मेडिसिन, ग्रॉसरी आइटम्स सहित कॉस्मैटिक प्रोडक्ट्स पर भी एक्सपायरी डेट, बेस्ट बिफोर या यूज बाय डेट लिखी होती है। इन सभी संकेतों का मतलब प्रोडक्ट इस्तेमाल किए जाने की आखिरी तारीख से है, लेकिन इसमें थोड़ा अंतर होता है, जिसे समझना जरूरी है।

इसलिए आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि किसी भी प्रोडक्ट की एक्सपायरी डेट देखना क्यों जरूरी है?

  • एक्सपायरी डेट के बाद किसी फूड प्रोडक्ट को खाने से किस तरह की प्रॉब्लम्स हो सकती हैं?
  • ऑनलाइन कोई भी सामान खरीदने से पहले किन चीजों का ध्यान रखें?

सवाल- ‘एक्सपायरी’, ‘बेस्ट बिफोर’ और ‘यूज-बाय’ डेट में क्या फर्क होता है?

जवाब- आमतौर पर बेस्ट बिफोर डेट और यूज-बाय डेट को भी लोग प्रोडक्ट की एक्सपायरी डेट समझते हैं और कंफ्यूज होकर प्रोडक्ट को फेंक देते हैं, जबकि इन तीनों के बीच भी अंतर होता है।

आइए, नीचे दिए ग्राफिक के जरिए इन तीनों के बीच के अंतर को समझते हैं।

सवाल- किन चीजों को खरीदने से पहले एक्सपायरी डेट जरूर देखनी चाहिए?

जवाब- पैकेट में मिलने वाली खाने-पीने की चीजों, दवाओं, ग्रॉसरी आइटम्स और कॉस्मैटिक प्रोडक्ट्स की एक शेल्फ लाइफ होती है। शेल्फ लाइफ के बाद इनका असर कम हो सकता है या फिर यह आपकी हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकती हैं। चीजों की शेल्फ लाइफ को निर्धारित और मान्य करने की जिम्मेदारी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी की होती है। इसलिए एक्सपायरी डेट चेक करना बहुत जरूरी होता है।

सवाल- कॉस्मैटिक प्रोडक्ट्स की शेल्फ लाइफ कितनी होती है?

जवाब- कॉस्मैटिक प्रोडक्ट्स की शेल्फ लाइफ उसके रखरखाव पर निर्भर करती है। आमतौर पर अधिकांश कॉस्मैटिक्स प्रोडक्ट्स की शेल्फ लाइफ 30 महीने और खोलने के बाद 10-12 महीने तक होती है। इसे चेक करने के दो तरीके हैं।

  • हर प्रोडक्ट्स के पैकेट पर एक्सपायरी डेट लिखी होती है।
  • दूसरी प्रोडक्ट पर खोलने के बाद की अवधि (Period After Opening) होती है। इस डेट से यह पता चलता है कि खोलने के बाद उस प्रोडक्ट को कितने समय तक इस्तेमाल करना सुरक्षित है।

सवाल- एक्सपायरी डेट के बाद प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से किस तरह के साइड इफेक्ट हो सकते हैं?

जवाब- एक्सपायरी डेट के बाद फूड आइटम्स की क्वालिटी, कैपेसिटी या स्वाद में धीरे-धीरे गिरावट आ जाती है। इसे रंग, बनावट या गंध में हुए बदलाव से पहचान सकते हैं। इसके अलावा एक्सपायरी डेट के बाद कॉस्मैटिक प्रोडक्ट्स की क्षमता कम हो जाती है। एक्सपायर्ड फूड आइटम्स या कॉस्मैटिक प्रोडक्ट्स से शरीर को क्या और कितना नुकसान होगा, यह इस बात निर्भर करता है कि प्रोडक्ट्स कितने दिन पहले एक्सपायर हुआ है।

जैसे एक्सपायर्ड डेयरी प्रोडक्ट्स को खाने से अपच या फूड पॉइजनिंग हो सकती है क्योंकि शेल्फ लाइफ खत्म होने के बाद उसमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं। वहीं एक्सपायर्ड क्रीम या लोशन लगाने से स्किन से जुड़ी प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।

नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि एक्सपायरी डेट के बाद फूड या कॉस्मैटिक प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना कितना खतरनाक हो सकता है।

सवाल- ऑनलाइन ग्रॉसरी या कॉस्मैटिक प्रोडक्ट्स खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

जवाब- ऑनलाइन शॉपिंग में एक्सपायर हो चुके सामान की डिलीवरी होने का खतरा रहता है क्योंकि डील्स या ऑफर्स के दौरान लोग जल्दबाजी में प्रोडक्ट से जुड़ी डिटेल को ध्यान से नहीं पढ़ते हैं।

ऐसे में इन बातों का विशेष ध्यान रखें-

  • प्रोडक्ट खरीदने से पहले रिव्यू जरूर पढ़ें।
  • सेल के दौरान प्रोडक्ट खरीदने से पहले एक्सपायरी डेट ध्यान से देखें। अधिकांश कंपनियां ऐसे प्रोडक्ट्स की सेल करती हैं, जिनकी एक्सपायरी डेट जल्द ही आने वाली है।
  • अगर किसी प्रोडक्ट पर एक्सपायरी डेट नहीं लिखी है तो उसे न खरीदें।
  • केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक ऑनलाइन बेचे जाने वाले प्रोडक्ट की एक्सपायरी डेट भी उस पर लिखी होनी चाहिए। इससे उन ऑनलाइन वेबसाइट पर लगाम लगेगी, जो 70-80 फीसदी डिस्काउंट देने का दावा करती हैं।
  • क्वालिटी प्रोडक्ट पर कंपनियां अधिक ऑफर नहीं देती हैं। इसलिए कोई भी सामान खरीदने से पहले प्रोडक्ट के बारे में रिसर्च करें।

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