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Car Insurance Policy Comparison; IDV | Claim Settlement Ratio | जरूरत की खबर- पहली बार ले रहे कार इंश्योरेंस पॉलिसी: खरीदते हुए चेक करें 5 चीजें, इन 7 कारणों से क्लेम हो सकता है खारिज

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4 मिनट पहलेलेखक: संदीप सिंह

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मोटर वाहन एक्ट, 1988 के अनुसार, हर कार मालिक के पास अपनी कार का इंश्योरेंस होना चाहिए। इंश्योरेंस के बिना कार चलाना गैरकानूनी है। ऐसा करने पर भारी जुर्माने से लेकर कार जब्त तक हो सकती है।

लेकिन सिर्फ जुर्माने के डर से नहीं, बल्कि सड़कों पर बढ़ती दुर्घटनाओं की वजह से भी आपके पास कार इंश्योरेंस होना जरूरी है। देश में कई विश्वसनीय इश्योरेंस कंपनियां हैं, जो काफी आकर्षक फीचर्स वाली पॉलिसी ऑफर करती हैं। इन सभी की पॉलिसी में अंतर होता है।

ऐसे में लोगों को बीमा पॉलिसी चुनने में कई तरह की परेशानियां होती हैं। लेकिन अगर आपने कोई नई कार खरीदी है, आप पहली बार कार इंश्योरेंस लेने जा रहे हैं या फिर आपकी पुरानी कार का इंश्योरेंस खत्म हो गया है तो हम आपको कुछ तरीके बता रहे हैं, जिसकी मदद से आप एक सही इंश्योरेंस पॉलिसी का चयन कर सकते हैं।

इसलिए आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कार इंश्योरेंस की। साथ ही जानेंगे कि-

  • कार इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?
  • बीमा पॉलिसी बेहतर है या नहीं, ये कैसे जान सकते हैं?

सवाल- कार इंश्योरेंस क्यों जरूरी है?

जवाब- कार इंश्योरेंस एक ऐसा टूल है, जिसकी मदद से आप भविष्य में होने वाली किसी भी दुर्घटना के वक्त खुद को फाइनेंशियल रिस्क से बचा सकते हैं।

इसके अलावा भारतीय कानून के मुताबिक सभी कार मालिकों के लिए थर्ड-पार्टी कार इंश्योरेंस लेना अनिवार्य है क्योंकि अगर आपकी कार किसी दुर्घटना में शामिल होती है या उससे किसी को कोई नुकसान पहुंचता है तो इंश्योरेंस कंपनी उसका मुआवजा देगी।

सवाल- पहली बार कार इंश्योरेंस लेते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?

जवाब- पहली बार कार इंश्योरेंस लेते समय सभी विकल्पों पर सोच-समझकर विचार करने की जरूरत है। पहली बार खरीदार के रूप में अपनी नई कार के लिए सही कवरेज देने वाली पॉलिसी चुननी चाहिए।

नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि कार इंश्योरेंस लेते समय किन बातों का ख्याल रखें।

ग्राफिक-1

पहली बार कार इंश्योरेंस लेते समय रखें इन बातों का ख्याल

  • कंपनी पॉलिसी में IDV (इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू) जरूर चेक करें। IDV के आधार पर ही कार चोरी होने पर बीमा कंपनी पूरा भुगतान करेगी।
  • इंश्योरेंस प्लान चुनने से पहले अन्य इंश्योरेंस कंपनी के प्लान से तुलना जरूर करें।
  • कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो (CSR) चेक करें। यह बताता है कि एक वित्त वर्ष में कंपनी ने कुल दावों में से कितनों का निपटारा किया।
  • बीमा कंपनी को हमेशा सही जानकारी दें। गलत जानकारी होने पर आपका इंश्योरेंस रद्द हो सकता है।
  • इंश्योरेंस पॉलिसी में क्या कवर होगा और क्या नहीं, यह ध्यान से पढ़ें।

सोर्स: पॉलिसी बाजार

सवाल- कौन-कौन सी चीजें इंश्योरेंस में कवर नहीं होती हैं?

जवाब- आमतौर पर कार इंश्योरेंस लेते समय लोग पॉलिसी के पूरे दस्तावेजों को ध्यान से नहीं पढ़ते हैं। इंश्योरेंस पॉलिसी के फाइन प्रिंट में कुछ ऐसी जानकारियां होती हैं, जो पॉलिसी में बताई गई बातों को स्पष्ट करती हैं।

इंश्योरेंस कंपनी के पास आपके क्लेम के दावे को रिजेक्ट करने या पूरी तरह से पेमेंट न करने को लेकर कुछ अधिकार होते हैं।

नीचे दिए ग्राफिक से इसे समझिए।

ग्राफिक-2

इन स्थितियों में नहीं मिलेगा कार इंश्योरेंस क्लेम

  • कार के इंजन, ट्रांसमिशन या इलेक्ट्रिकल पार्ट में कोई खराबी आने पर
  • टायरों या ब्रेक पैड्स के घिसने पर
  • शराब पीकर गाड़ी चलाते समय दुर्घटना होने पर
  • बिना ड्राइविंग लाइसेंस गाड़ी चलाते हुए एक्सीडेंट होने पर
  • इंश्योरेंस कंपनी को सूचना दिए बगैर कार को मॉडीफाई करने पर
  • पॉलिसी की डेडलाइन के बाद दुर्घटना या नुकसान की जानकारी देने पर
  • इंश्योरेंस पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन करने पर

सोर्स: इन्वेस्टोपीडियो

सवाल- कार के लिए सही इंश्योरेंस पॉलिसी कैसे चुन सकते हैं?

जवाब- कार इंश्योरेंस लेने से पहले यह समझना जरूरी है कि आपकी जरूरत क्या है। जैसे कार में हुए डैमेज को कवर करने के लिए आपको ऑन डैमेज पॉलिसी लेनी चाहिए। इसके अलावा गाड़ी के चोरी होने या किसी हादसे में नष्ट हो जाने पर इंश्योरेंस कंपनी द्वारा कितना मुआवजा मिलेगा, यह आपकी इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (IDV) पर निर्भर करता है। आसान भाषा में कहें तो IDV मौजूदा समय में आपके वाहन की बाजार की कीमत यानी मार्केट वैल्यू होती है।

ग्राफिक-3

ऐसे चुनें अपने वाहन के लिए सही इंश्योरेंस पॉलिसी

  • थर्ड पार्टी के साथ ऑन डैमेज कवर को नजरअंदाज न करें।
  • अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियों के बीमा की तुलना करें।
  • इंश्योरेंस पॉलिसी कवरेज के साइज पर ध्यान दें।
  • पॉलिसी के प्रीमियम और डिडक्टेबल की जांच करें।
  • अपनी जरूरतों के मुताबिक ऐड-ऑन कवर चुनें।
  • इंश्योरेंस पॉलिसी में अनावश्यक कवर से बचें।
  • कॉम्प्रिहेन्सिव प्लान लें, जिसमें थर्ड पार्टी के साथ ऑन डैमेज कवर शामिल हो।
  • जीरो डेप पॉलिसी भी ले सकते हैं, लेकिन उसके डिटेल फीचर जरूर पता कर लें।

सोर्स: पॉलिसी बाजार

सवाल- क्या ऑनलाइन कार इंश्योरेंस पॉलिसी लेना सही है?

जवाब- ऑनलाइन कार इंश्योरेंस पॉलिसी लेने में भी कोई दिक्कत नहीं है। इसके भी कई फायदे हैं। जैसेकि-

  • घर बैठे ही आसानी से पॉलिसी खरीदी जा सकती है।
  • अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियों की कीमतों की आसानी से तुलना कर सकते हैं।
  • ऑनलाइन कार इंश्योरेंस का प्रीमियम अक्सर ऑफलाइन इंश्योरेंस के प्रीमियम से कम होता है।
  • ऑनलाइन पॉलिसी में भी ऑफलाइन पॉलिसी के बराबर कवरेज मिलता है।

सवाल- ऑनलाइन असली और नकली पॉलिसी की जांच कैसे करें?

जवाब- अगर आप ऑनलाइन कार इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद रहे हैं तो सबसे जरूरी है सावधानी और सतर्कता बरतना। जरा सी लापरवाही से आप स्कैम या फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं।

ऑनलाइन कार इंश्योरेंस में इस तरह का खतरा इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि लोग आमतौर पर अपने अधिकृत एजेंटों या सीधे अपनी इंश्योरेंस कंपनी से पॉलिसी नहीं खरीदते हैं। ऐसे में वाहन चालक ऑनलाइन इंश्योरेंस धोखाधड़ी करने वालों के निशाने पर आ जाते हैं, जो ऐसी पॉलिसी बेचते हैं जो या तो असली नहीं होती या कुछ ही समय बाद रद्द हो जाती हैं।

नकली इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने वाले ठगों और स्कैमर्स से बचने के लिए इन बातों का ख्याल रखें। जैसेकि-

  • इंश्योरेंस कंपनी की वेबसाइट पर जाकर पॉलिसी नंबर डालकर ऑनलाइन पॉलिसी वेरिफिकेशन जरूर करें।
  • अगर पॉलिसी नंबर अमान्य है तो इंश्योरेंस कंपनी के कस्टमर केयर से संपर्क कर सकते हैं।
  • इंश्योरेंस कंपनी की वेबसाइट पर जाकर IRDAI प्रमाणन या रजिस्ट्रेशन नंबर देखें।
  • इंश्योरेंस कंपनी की वेबसाइट पर पॉलिसी सत्यापन लिंक का इस्तेमाल करें।
  • इंश्योरेंस पॉलिसी में क्यूआर कोड देखें। क्यूआर कोड स्कैन करने पर पॉलिसी की स्थिति, डिटेल और बीमाकृत वाहन की जानकारी मिल जाती है।

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