45 मिनट पहलेलेखक: गौरव तिवारी
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हम सबने कभी-न-कभी पेट में दर्द, सीने में जलन और अपच का अनुभव किया होगा। ये सब एसिड रिफ्लक्स के लक्षण हैं। अगर ये कंडीशन हफ्ते में दो या इससे अधिक बार बन रही है तो यह गैस्ट्रोएसोफेजील रिफ्लक्स डिजीज (GERD) के कारण हो सकता है।
आमतौर पर एसिड रिफ्लक्स की शिकायत तब होती है, जब हम भारी, गरिष्ठ भोजन करने के तुरंत बाद लेट जाते हैं या साे जाते हैं। इससे होता ये है कि पेट का एसिड बार-बार मुंह और पेट को जोड़ने वाली नली इसोफेगस में प्रवाहित होने लगता है, जिससे सीने में जलन और अन्य लक्षण पैदा होते हैं। आमतौर पर एसिड रिफ्लक्स को घर पर ही नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन क्रॉनिक एसिड रिफ्लक्स (GERD) के लिए ट्रीटमेंट की जरूरत हो सकती है। अगर समय पर GERD का इलाज न किया जाए तो एसिड इसोफेगस के टिश्यूज को नुकसान पहुंचा सकता है।
GERD के इलाज के लिए डॉक्टर कुछ दवाओं के साथ लाइफस्टाइल में बदलाव की सलाह देते हैं। अगर स्थिति गंभीर हो रही है तो कुछ मामलों में सर्जरी की भी जरूरत पड़ती है।
इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में बात करेंगे एसिड रिफ्लक्स और GERD की। साथ ही जानेंगे कि-
- इसके क्या लक्षण और संकेत हैं?
- किन कारणों से यह कंडीशन बनती है?
- इसका इलाज क्या है?
एसिड रिफ्लक्स क्या है
हमारे पेट की स्वस्थ स्थिति ये है कि पेट की किसी भी सामग्री को केवल एक ही दिशा में जाना चाहिए, नीचे की ओर। जब हमारे पेट के अंदर से एसिड पीछे की ओर यानी ऊपर इसोफेगस की ओर और गले में प्रवाहित होता है तो इसे एसिड रिफ्लक्स कहा जाता है। इसके कारण हमें कई बार सीने में जलन महसूस होती है। कई बार अजीब खट्टी डकारें भी आती हैं।
- लगभग हर किसी को कभी-न-कभी एसिड रिफ्लक्स का अनुभव होता है। यह अपच जैसा महसूस हो सकता है। खाने के बाद पेट में या सीने में जलन हो सकती है।
- एसिड रिफ्लक्स कभी-कभी असुविधाजनक हो सकता है। हालांकि यह कोई बीमारी नहीं है। जब यह समस्या हर दूसरे दिन या रोज होने लगे तो ऐसा GERD के कारण हो सकता है। यह हमारी क्वालिटी लाइफ को प्रभावित कर सकता है और टिश्यूज को नुकसान पहुंचा सकता है।
GERD क्या है
GERD का पूरा नाम गैस्ट्रोएसोफेजील रिफ्लक्स डिजीज है। क्रॉनिक एसिड रिफ्लक्स के लिए मेडिसिन की भाषा में इस शब्द का इस्तेमाल होता है। जब एसिड रिफ्लक्स कई हफ्तों तक सप्ताह में कम-से-कम दो बार होता है तो इसे क्रॉनिक माना जाता है।
कभी-कभार एसिड रिफ्लक्स या अपच होना, खट्टी डकारें आना सामान्य बात है। लेकिन इसका अर्थ ये नहीं है कि यह GERD है। इस बीमारी की स्थिति तब बनती है, जब एसिड रिफ्लक्स की समस्या बहुत ज्यादा होने लगती है। यह इस बात का संकेत है कि हमारा पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर रहा है।
एसिड रिफ्लक्स और GERD कितना आम है
- मौजूदा समय में गैस्ट्रोएसोफेजील रिफ्लक्स (GER) और गैस्ट्रोएसोफेजील रिफ्लक्स डिजीज (GERD) दोनों आम हैं।
- BMC पब्लिक हेल्थ के मुताबिक, पूरी दुनिया में साल 1990 से 2019 तक GERD के मामले 44 करोड़ से बढ़कर 78 करोड़ हो गए।
- नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, भारत में GERD 7.6% से लेकर 30% तक लोगों को प्रभावित करता है।
एसिड रिफ्लक्स और GERD के क्या लक्षण हैं
एसिड रिफ्लक्स के लक्षण आमतौर पर अपच जैसे होते हैं। इसमें पेट का एसिड और भोजन वापस गले में आता रहता है।
एसिड के कारण सीने और गले में जलन होती है और गले में खट्टेपन के साथ जलन का एहसास होता रहता है। इसके और क्या लक्षण होते हैं, ग्राफिक में देखिए।
GERD के रिस्क फैक्टर्स क्या हैं
जिन लोगों को अक्सर अपच की शिकायत रहती है या जिन्हें पाचन तंत्र से जुड़ी कोई समस्या है तो इस बात की बहुत आशंका है कि उन्हें एसिड रिफ्लक्स की शिकायत भी हो सकती है। यह समस्या ऐसे लोगों को अधिक होती है, जो फिजिकल एक्टिविटीज कम करते हैं या जिन्हें मोटापे की शिकायत है।
इन वजहों से बढ़ सकती है यह समस्या
अगर किसी को पहले से एसिड रिफ्लक्स की समस्या है तो उसे कुछ कारणों से बढ़ावा मिल सकता है। ज्यादा तला-भुना खाना और स्मोकिंग इसमें सबसे बड़े ट्रिगरिंग फैक्टर्स हैं। आइए ग्राफिक में देखते हैं।
इसका इलाज क्या है
जिन लोगों की समस्या गंभीर नहीं है, वे जीवन शैली में बदलाव करके एसिड रिफ्लक्स को कम कर सकते हैं। जैसेकि अपने खाने की आदतों को बदलकर, शराब और तंबाकू के सेवन को कम करके और वजन को मेन्टेन करके। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
जिन लोगों को क्रॉनिक एसिड रिफ्लक्स या GERD है तो उन्हें अपने पेट के एसिड को कम करने के लिए दवाओं की जरूरत पड़ सकती है। GERD के लिए दवाएं आसानी से उपलब्ध हैं और अत्यधिक प्रभावी हैं। इसके इलाज में आमतौर पर एंटाएसिड दवाएं दी जाती हैं।
लाइफस्टाइल में बदलाव से मिलेगी राहत
अगर एसिड रिफ्लक्स का कारण GERD नहीं है तो यह कोई बीमारी नहीं है। इसके लिए दवाओं के साथ लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके आसानी से राहत पाई जा सकती है।
- सांस से जुड़े व्यायाम करें। इसमें प्राणायाम बेस्ट ऑप्शन है।
- हेल्दी वेट बनाए रखने का प्रयास करें।
- अगर धूम्रपान करते हैं तो धूम्रपान छोड़ दें।
- शाम को गरिष्ठ या भारी भोजन करने से बचें।
- खाने के तुरंत बाद न लेटें। खाने और सोने के बीच कम-से-कम तीन घंटे का अंतराल रखें।
- नींद के दौरान अपना सिर बिस्तर के लेवल से थोड़ा ऊपर रखें यानी तकिया लगाकर सोएं।
- खाने-पीने के लिए ऐसी चीजों का चुनाव करें, जो सुपाच्य हों। भारी और गरिष्ठ भोजन से बचें।
- एसिड रिफ्लक्स होने पर खाने में दलिया, हरी सब्जियां, मूंग दाल की खिचड़ी वगैरह बेहतर ऑप्शन हैं।