5 दिन पहलेलेखक: गौरव तिवारी
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दोपहर के खाने के बाद हमें जोर का आलस आता है। मन करता है कि बस कुछ देर की नींद मिल जाए। यह सच भी है कि दोपहर में खाने के बाद कुछ मिनटों की नींद गजब का सुकून दे सकती है।
घर में दादी-नानी ने आपको कभी-न-कभी दोपहर के खाने के बाद कुछ देर आराम करने की सलाह जरूर दी होगी। असल में दोपहर में कुछ मिनटों की नींद हमारी परंपरा का हिस्सा रही है। दुनिया की सभी सभ्यताओं में इस परंपरा के संकेत मिलते हैं। अब तो कई साइंस स्टडी और रिसर्च भी इस बात की पुष्टि कर रही है कि दोपहर की थोड़ी नींद एक जादुई थेरेपी की तरह है
जर्नल ऑफ क्लिनिकल स्लीप मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, लंच के बाद रोज 15 मिनट की नैप से हमारी अलर्टनेस, रचनात्मकता और हार्ट हेल्थ में सुधार होता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश साल 2023 की एक स्टडी के मुताबिक, दोपहर में 5 से 30 मिनट की नैप मस्तिष्क को इंफॉर्मेशन ओवरलोड से बचाती है। इससे स्ट्रेस दूर होता है और मूड बेहतर होता है। इसके अलावा नैप लेने के बाद किसी जानकारी को प्रोसेस करने और स्टोर करने में भी आसानी होती है।
हालांकि इस स्टडी में यह भी पाया गया कि जो लोग हल्की नैप न लेकर 1 घंटे से ज्यादा सो रहे थे, उन्हें फायदे की जगह कई नुकसान हो गए।
आज ‘सेहतनामा’ में बात करेंगे नैप यानी झपकी की। साथ ही जानेंगे कि-
- इसके क्या फायदे होते हैं?
- नैप लेने का सही तरीका और समय क्या है?
- क्या इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं?
दिन में नैप लेने के क्या फायदे हैं
अगर सही तरीके से नैप ली जा रही है तो इसके कई फायदे हो सकते हैं। कुछ मिनटों की नींद हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बूस्ट कर सकती है। नेशनल स्लीप फाउंडेशन के मुताबिक, एक अच्छी नैप कॉफी पीने से कहीं अधिक फायदेमंद होती है। इससे क्या-क्या फायदे होते हैं, आइए ग्राफिक में देखते हैं।
अब ग्राफिक्स में दिए कुछ पॉइंट्स विस्तार से समझते हैं।
कॉग्निटिव फंक्शन बेहतर होता है
एक पावर नैप लेने के बाद हम अधिक अलर्ट महसूस करते हैं। इसका फायदा ये होता है कि हमारा मस्तिष्क अधिक कुशलता से कार्य कर पाता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, नैप लेने से मस्तिष्क में एडेनोसिन का लेवल कम हो जाता है। एडेनोसिन एक न्यूरोट्रांसमीटर है, जिससे हमें नींद और आलस का एहसास होता है। इसके कम होने से अलर्टनेस और कॉग्निटिव फंक्शन बेहतर हो जाता है।
मेमोरी पॉवर बढ़ती है
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, नैप हमारी मेमोरी को संजोने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एक नैप दिन में सीखी गई चीजों को याद रखने में उतनी ही मदद कर सकती है, जितनी रात की नींद करती है। इससे मोटर स्किल्स और मेमोरी बेहतर होती है। अगर कोई दिन में पढ़ाई करता है तो नैप बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है।
स्ट्रेस कम होता है, हार्ट हेल्थ सुधरती है
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, जो लोग प्रतिदिन 20 से 30 मिनट की नैप लेते हैं, उन्हें मानसिक तनाव की आशंका कम होती है। इन लोगों का ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है। इससे शरीर को राहत मिलती है और हार्ट हेल्थ बेहतर रहती है।
क्रिएटिविटी बढ़ती है
दुनिया के सबसे अच्छे लेखकों और कलाकारों को सबसे रचनात्मक विचार अपनी नींद के दौरान आए। असल में नींद के दौरान हमें सपने भी इसीलिए आते हैं। ये हमारी क्रिएटिविटी का ही हिस्सा हैं। एक अच्छी नैप के बाद क्रिएटिविटी कई गुना बढ़ जाती है।
मूड बेहतर होता है
स्लीप फाउंडेशन के मुताबिक, अगर कोई उदास महसूस कर रहा है तो हो सकता है कि उसका मूड ऑफ हो। ऐसे में एक नैप से हमारा मूड बेहतर हो सकता है। इससे हमें खुद में उत्साह की अनुभूति होती है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर दिन में लेटने पर नींद नहीं आ रही है तो माइंडफुल ब्रीदिंग से भी मूड बूस्ट हो सकता है।
इम्यून सिस्टम मजबूत होता है
नींद के दौरान हमारे शरीर और दिमाग के काम करने का तरीका एकदम अलग होता है। शरीर इसे अपनी मरम्मत का समय मानता है। जागने के दौरान शारीरिक और मानसिक जो भी बिगाड़ हुआ है, उसमें सुधार होता है। संभावित खतरों का आकलन करके उनसे लड़ने की तैयारी होती है। नैप के दौरान हमारे गट बैक्टीरिया की ताकत भी बढ़ जाती है। इसलिए अच्छी नींद को इम्यूनिटी बूस्टर माना जाता है। गट बैक्टीरिया की पॉवर बढ़ने से पाचन तंत्र भी सुधरता है।
नैप हो सिर्फ 20 से 30 मिनट की
एक अच्छी नैप बहुत लंबी नहीं होनी चाहिए। इसके अच्छे फायदों के लिए जरूरी है कि यह 30 मिनट से कम समय की हो। लेकिन सवाल उठता है कि 30 मिनट के अंदर कैसे उठें।
दोपहर की नैप के नुकसान
स्लीप फाउंडेशन के मुताबिक आमतौर पर नैप के कई फायदे होते हैं, लेकिन नैप ज्यादा देर तक ली जाए तो इसके नुकसान हो सकते हैं।
ग्राफिक में देखिए।
ऐसे मिलेगा नैप का सबसे ज्यादा फायदा
अमेरिकन बोर्ड ऑफ डेंटल स्लीप मेडिसिन और अमेरिकन स्लीप एंड ब्रीथिंग एकेडमी द्वारा प्रमाणित स्लीप एक्सपर्ट जेफ रॉजर्स ने इसके लिए कुछ तरीके सुझाए हैं।
- जेफ रॉजर्स के मुताबिक, दोपहर 1 से 3 बजे के बीच का समय नैप लेने के लिए सबसे अच्छा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दौरान इंसान प्राकृतिक रूप से सबसे कम ऊर्जावान महसूस करते हैं। अगर कोई इससे पहले झपकी लेने की कोशिश करता है तो संभव है कि उसका शरीर नींद के लिए तैयार नहीं होगा। ठीक इसी तरह इस समय के बाद अगर कोई नैप लेने की कोशिश करता है तो यह नैप रात की नींद में खलल बन सकती है।
- हमें नैप के लिए ठीक वैसा ही इनवायरमेंट बनाना चाहिए जैसा हम रात की नींद के लिए करते हैं। कमरे में जितना संभव हो सके, उतना अंधेरा करें। उसे ठंडा और शांत बनाएं। इससे भी अधिक कुछ कर सकते हैं तो आई मास्क पहनने से और बेहतर नींद आएगी।
- अगर किसी को नैप लेने के बाद उठने में समस्या होती है तो उसे बेड की बजाय सोफे या कुर्सी पर झपकी लेनी चाहिए। इससे हमें आधे घंटे के भीतर उठने में मदद मिलेगी।
- सबसे अच्छे परिणाम के लिए नैप से ठीक पहले एक कप कॉफी पी सकते हैं। इससे यह होगा कि नैप के बाद उठने पर तो ताजगी मिलेगी, साथ ही उस समय तक कैफीन का असर भी शुरू हो चुका होता है। ऐसा करने से नैप के बाद आप बहुत प्रोडक्टिव फील करेंगे। हालांकि शाम को नैप और कॉफी लेने से बचना चाहिए। इससे रात में नींद आने में दिक्कत हो सकती है।
नाइट शिफ्ट में काम करने वाले रात में भी ले सकते हैं नैप
हमारी प्राकृतिक घड़ी (सर्केडियन क्लॉक) सूरज ढलने और अंधेरा घिरने के साथ नींद का एहसास करने लगती है। ऐसे में अगर कोई नाइट शिफ्ट में काम कर रहा है तो उसे इस दौरान बार-बार नींद का एहसास होता रहता है। ऐसे लोग लो एनर्जी फील करने पर रात में भी नैप ले सकते हैं।
- अच्छी प्रोडक्टिविटी और बेहतर कॉग्निटिव फंक्शन के लिए काम के बीच में कभी भी 15 से 20 मिनट की नैप ले सकते हैं।
- सोकर उठने के 4 घंटे बाद तक या सोने जाने के समय के बहुत करीब नैप लेने से बचना चाहिए।
- हम अपनी नैप का टाइम अपने काम की टाइमिंग के हिसाब से तय कर सकते हैं। अगर रात में 9 से 5 बजे की शिफ्ट में काम कर रहे हैं तो रात के 1 से 3 बजे के बीच का समय नैप के लिए मुफीद होगा।