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Brain Exercise; Mental Fog Symptoms (Memory Improvement Tips) | रिलेशनशिप- याददाश्त बढ़ाने के 10 तरीके: इन 5 कारणों से होता मेंटल फॉग, साइकोलॉजिस्ट की 10 जरूरी सलाहों पर गौर करें

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19 मिनट पहलेलेखक: शशांक शुक्ला

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हमारा दिमाग शरीर के ऐसे अंगों में से एक है, जो कभी नहीं सोता। जब हम सब सोते हैं, तब भी दिमाग को कई सारे काम करने पड़ते हैं। जैसे शरीर के बाकी अंगों को बेहतर काम करने के लिए आराम और एक्सरसाइज की जरूरत पड़ती है। इसी तरह हमारे ब्रेन को भी आराम और एक्सरसाइज की जरूरत होती है।

दिमाग का ख्याल रखने की बात तो दूर, बल्कि यह ऐसा अंग है, जिसकी जरूरतों को हम सबसे अधिक नजरंदाज करते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि ब्रेन थकने के बाद भी हमारे लिए काम करने की कोशिश करता रहता है। वह अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के चक्कर में परेशानियों को देर से जाहिर करता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या हम ब्रेन के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं? क्या हम ब्रेन का ख्याल रखते हैं? क्या शरीर के बाकी अंगों की तरह ब्रेन को व्यायाम में शामिल करते हैं? ऐसा नहीं करते हैं तो हमारी कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। हमें शरीर के अन्य अंगों की तरह ब्रेन का भी ख्याल रखने की जरूरत है।

ऐसे में आज रिलेशनशिप में बात करेंगे कि मेंटल फॉग क्या है और किस वजह से यह स्थिति पैदा होती है। साथ ही जानेंगे कि-

  • कौन-सी एक्सरसाइज याददाश्त को सुधारने में मदद करती हैं?
  • किन तरीकों से ब्रेन की प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल को बेहतर बना सकते हैं?

मेंटल फॉग क्या है? मेंटल फॉग की स्थिति में व्यक्ति काम पर फोकस नहीं कर पाता है। इसे ‘ब्रेन फॉग’ भी कहते हैं। इस स्थिति में दिमाग पर थकान और सुस्ती छाई रहती है। किसी काम पर फोकस करने में और सोचने-समझने में मुश्किल होती है।

इन से तरीकों से मेमोरी को बनाएं बेहतर

मेमोरी को बेहतर बनाने के कई सारे तरीके मौजूद हैं। प्राथमिक तरीकों में बेहतर खान-पान, पर्याप्त नींद जरूरी है। इसके साथ ही इसमें हमें शुगर के इस्तेमाल से बचना चाहिए। चीनी के इस्तेमाल से दिमाग धीरे काम करता है। साथ ही कुछ एक्टिविटीज को फॉलो कर हम अपने दिमाग को बेहतर काम करने के लिए ट्रेन कर सकते हैं। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं।

आइए ग्राफिक को विस्तार से समझते हैं।

शतरंज- शतरंज एक ऐसा खेल है, जो दिमाग को पूरी तरह से एक्टिव रखता है। कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि शतरंज से बच्चों की सोचने की क्षमता में सुधार होता है।

सुडोकू- सुडोकू एक दिमागी कसरत है। यह आपकी सोचने की क्षमता और तर्कशक्ति को बढ़ाती है। जब आप सुडोकू हल करते हैं तो आपका ब्रेन सक्रिय रहता है। जब आप तनाव महसूस कर रहे हों तो यह मेंटल हेल्थ के लिए अच्छा हो सकता है।

ब्रिज- ब्रिज एक कार्ड के जरिए खेला जाने वाला खेल है, जो मानसिक विकास में मदद करता है। यह खेल सोचने, याद रखने और सही निर्णय लेने की क्षमता को बेहतर बनाता है। इससे याददाश्त और तर्कशक्ति में सुधार होता है।

नए रास्ते पर यात्रा करना- अगर आप अपने ऑफिस, कॉलेज या कहीं और जाते हैं तो बिना जीपीएस का इस्तेमाल करे नए रास्ते तलाशें। राहगीरों से रास्ता पूछकर यात्रा करें। यह तरीका आपके ब्रेन को एक्टिव रखेगा और साथ ही अपरिचित लोगों के साथ कम्युनिकेशन करने के तरीके विकसित करेगा।

आप ऐसा कोई भी काम कर सकते हैं, जो आपके लिए नया हो। ऐसी एक्सरसाइज से ब्रेन एक्टिव होता है।

क्रॉसवर्ड पजल्स- क्रॉसवर्ड पजल्स ब्रेन को एक्टिव रखने और याददाश्त तेज करने का एक मजेदार तरीका है। यह शब्दों और सुरागों के जरिए दिमाग को चुनौती देता है। इससे मानसिक कार्यक्षमता में सुधार होता है।

नई भाषा सीखना- आजकल नई भाषा सीखना पहले से कहीं ज्यादा आसान है। स्मार्टफोन और इंटरनेट की मदद से आप किसी भी भाषा को आसानी से सीख सकते हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपे एक शोध के मुताबिक दो भाषाओं का ज्ञान रखने वाले लोगों में डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) की संभावना कम होती है। ऐसे लोगों का दिमाग बढ़ती उम्र के साथ भी बेहतर काम करता है।

नियमित पढ़ना और नोट्स बनाना- जर्नल ऑफ स्टूडेंट रिसर्च के एक शोध में पाया गया कि कोई वीडियो देखते समय टाइपिंग के जरिए नोट्स बनाने पर दिमाग अधिक एक्टिव होता है और इससे चीजें याद रखने में आसानी होती है। ऐसे में आप भी पढ़ते समय नोट्स बना सकते हैं।

माइंडफुल ब्रीदिंग मेडिटेशन- माइंडफुलनेस और मेडिटेशन से दिमाग को बहुत फायदे होते हैं। ध्यान करने से मानसिक तनाव कम होता है। साइंस डायरेक्ट पर पब्लिश्ड एक शोध के मुताबिक, माइंडफुल ब्रीदिंग से मानसिक क्षमता और याददाश्त में सुधार हो सकता है।

संगीत- संगीत मस्तिष्क के प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स और हिप्पोकैम्पस को एक्टिव करता है। प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स ब्रेन को निर्णय लेने और योजना बनाने में मदद करता है। वहीं हिप्पोकैम्पस संगीत को याद रखता है और इससे हमारी याददाश्त बेहतर होती है।

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