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Chhath Puja Vrat Health Benefits Explained | Fasting | सेहतनामा- छठ व्रत के हेल्थ बेनिफिट्स: डॉक्टर बता रहे, लंबा उपवास शरीर को कैसे करता है डिटॉक्स, न्यूट्रिशनिस्ट से जानिए 14 फायदे

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कुछ ही क्षण पहलेलेखक: शशांक शुक्ला

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छठ का त्योहार भारत के कई हिस्सों में बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार सूर्य देवता और छठी मैया को समर्पित है, जिन्हें ऊर्जा, स्वास्थ्य, समृद्धि और जीवन रक्षक के रूप में पूजा जाता है। इस त्योहार पर चार दिनों तक कठिन व्रत पालन किया जाता है।

छठ का व्रत केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है। इसके पीछे स्वास्थ्य से जुड़े कई फायदे भी छुपे हुए हैं। छठ व्रत उपवास और सूर्योपासना का संगम है, जो हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।

आइए, आज सेहतनामा में जानते हैं कि –

  • छठ व्रत के हेल्थ बेनिफिट्स क्या हैं?
  • छठ का व्रत शरीर को कैसे डिटॉक्सिफाई करता है?
  • स्वास्थ्य के लिए उपवास रखना क्यों इतना जरूरी है?

छठ के व्रत से यह लाभ होते हैं

छठ व्रत के दौरान उपवास, सूर्य स्नान, और प्राकृतिक खानपान हमारे शरीर को नेचुरल तरीके से डिटॉक्स करता है और इसके कई सारे स्वास्थ्य लाभ होते हैं। हमारे पूर्वजों के बनाए कई सारे नियम आज के समय में भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितना पहले हुआ करते थे। उपवास का कॉन्सेप्ट तो आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और फास्ट फूड पर निर्भर रहने वाली पीढ़ी के लिए और अधिक जरूरी है।

आइए ग्राफिक के जरिये छठ व्रत से होने वाले लाभ के बारे में समझते हैं।

प्राकृतिक डिटॉक्सिफिकेशन के लाभ

छठ व्रत की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह आपके शरीर को नेचुरल तरीके से डिटॉक्स करता है। इस दौरान लोग चार दिनों तक उपवास करते हैं, जिसमें पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य, और चौथे दिन उषा अर्घ्य होता है। इन दिनों में सादा और हल्का भोजन किया जाता है, जिससे शरीर को डिटॉक्सिफिकेशन में मदद मिलती है।

उपवास करने से शरीर को विषैले तत्वों से मुक्त होने का मौका मिलता है। उपवास के दौरान शरीर पहले से जमा फैट और ग्लाइकोजेन का इस्तेमाल करता है, जिससे ऑर्गन सिस्टम में सुधार होता है।

पाचन तंत्र की सेहत में सुधार

व्रत के दौरान भोजन बहुत ही सादगी से लिया जाता है, जिसमें नमक और मसालों का कम-से-कम इस्तेमाल होता है। इससे पाचन तंत्र को आराम मिलता है और पेट संबंधी समस्याओं से भी राहत मिलती है।

जिन लोगों को अपच, गैस और एसिडिटी की शिकायत होती है, वे छठ व्रत के जरिए पाचन तंत्र को आराम देकर रिकवर करने का मौका दे सकते हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, उपवास शरीर की आंतों में जमी गंदगी को निकालकर उसे विषमुक्त बनाता है, जिससे पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और गैस्ट्रिक समस्याएं दूर होती हैं।

इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद मिलती है

छठ व्रत में गन्ने का रस, नारियल पानी और फलों का सेवन किया जाता है, जो इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मददगार होता है। साथ ही इसमें मौजूद विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर को संक्रमण से बचाने में सहायक होते हैं। ये शरीर में फ्री रेडिकल्स को कम करते हैं और कोशिकाओं को सुरक्षा प्रदान करते हैं।

इसके साथ ही उपवास तोड़ने के बाद, छठ व्रत में प्रसाद के रूप में ठेकुआ, चावल के लड्डू और फलों का सेवन किया जाता है। इन सभी का सेवन स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से लाभकारी है। आइए ग्राफिक की मदद से समझते हैं कि ठेकुआ और चावल का लड्डू हमारी सेहत के लिए कितना लाभकारी है।

छठ पूजा से स्ट्रेस कम होता है

छठ पूजा में सूर्य देव की पूजा और ध्यान त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। प्रार्थना के दौरान मन शांत होता है और मानसिक तनाव कम होता है। यह प्रथा सोशल कनेक्शन को बढ़ावा देती है, जिससे आपसी सहयोग और विश्वास बढ़ता है।

ध्यान और प्रार्थना से शरीर में ‘फील-गुड’ हॉर्मोन सेरोटोनिन और डोपामाइन रिलीज होता है, जो मानसिक शांति प्रदान करता है। माना जाता है कि धार्मिक गतिविधियों और ध्यान करने से मानसिक तनाव में कमी आती है।

वजन घटाने में सहायक

व्रत के दौरान साधारण और कम कैलोरी वाले आहार का सेवन करने से मेटाबॉलिक रेट बढ़ता है, जिससे कैलोरी बर्न होती है। जिन लोगों का वजन बढ़ा हुआ है, उनके लिए वजन को संतुलित करने के लिए छठ व्रत एक बेहतर अवसर है। उपवास के दौरान शरीर ऊर्जा के लिए जमा फैट को जलाने लगता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।

ग्लोइंग स्किन का राज

व्रत के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी, नारियल पानी और गन्ने के रस का सेवन किया जाता है, जो त्वचा को अंदर से हाइड्रेट करता है। यह त्वचा को ग्लोइंग और साफ-सुथरा बनाता है। शरीर से विषैले तत्वों के निकलने से त्वचा पर सकारात्मक असर पड़ता है। यह मुंहासों, दाग-धब्बों और अन्य स्किन प्रॉब्लम्स से राहत दिलाता है, जिससे त्वचा निखरती है और चमकती है।

हृदय को स्वस्थ रखता है

छठ व्रत के दौरान साधारण और कम वसा युक्त भोजन का सेवन किया जाता है, जिससे हृदय को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। नमक और मसालों की मात्रा भी सीमित रहती है, जिससे रक्तचाप नियंत्रित रहता है और हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा कम होता है। कम वसा और कम सोडियम वाले खाद्य पदार्थ से हार्ट के चारों ओर जमा फैट घटता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और हार्ट अटैक व स्ट्रोक का खतरा कम होता है।

आर्थराइटिस में फायदा

व्रत के दौरान कम नमक का सेवन किया जाता है, जो शरीर के जोड़ों के लिए लाभकारी है। अत्यधिक नमक का सेवन सूजन और दर्द का कारण बनता है, जबकि व्रत के दौरान कम नमक लेने से जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। नमक की कम मात्रा और सादे भोजन के सेवन से सूजन और जोड़ों के दर्द में कमी आती है।

शुगर लेवल पर नियंत्रण

छठ व्रत में मीठे खाद्य पदार्थों से परहेज किया जाता है और केवल नेचुुरल स्वीट्स का सेवन किया जाता है। इससे ब्लड शुगर लेवल स्थिर रहता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। प्राकृतिक शर्करा और सीमित मात्रा में कार्बोहाइड्रेट के सेवन से ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है और मधुमेह के मरीजों को लाभ पहुंचता है।

छठ व्रत एक धार्मिक आस्था के साथ-साथ स्वास्थ्य का अद्भुत संगम है। इस दौरान किए जाने वाले उपवास, सूर्योपासना और प्राकृतिक भोजन का सेवन शरीर को नेचुरली डिटॉक्सिफाई करता है, पाचन तंत्र को सुधारता है, इम्यूनिटी को मजबूत करता है और मानसिक शांति भी प्रदान करता है।

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