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Cigarette Smoking Side Effects; Life Expectancy | Quitting Impact | सेहतनामा- हर सिगरेट से कम होते जिंदगी के 20 मिनट: UCL की नई स्टडी डराने वाली है, आज ही छोड़ें सिगरेट की बुरी लत

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42 मिनट पहलेलेखक: गौरव तिवारी

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हर एक सिगरेट स्मोकर की लाइफ एक्सपेक्टेंसी 20 मिनट कम कर रही है। यह हम नहीं कह रहे हैं। यूनिवर्सिटी कॉलेज, लंदन (UCL) की एक स्टडी में यह सामने आया है।

स्टडी के मुताबिक, एक सिगरेट पीने से महिला की लाइफ एक्सपेक्टेंसी 22 मिनट और पुरुष की लाइफ एक्सपेक्टेंसी 17 मिनट तक कम हो जाती है। दोनों जेंडर्स में यह औसत 20 मिनट है।

इसका मतलब है, अगर कोई रोज 10 सिगरेट भी पीता है तो उसकी लाइफ एक्सपेक्टेंसी हर दिन 3 घंटे 20 मिनट कम हो रही है।

इससे पहले तक इस कैलकुलेशन के लिए साल 2000 में पब्लिश हुई यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की स्टडी को आधार माना जाता था। उस स्टडी के मुताबिक हर सिगरेट पीने के साथ लोगों की लाइफ एक्सपेक्टेंसी 11 मिनट तक कम होती थी।

इस तरह के कैलकुलेशन के लिए सिगरेट से होने वाले नुकसान और बीमारियों को आधार माना जाता है। इसके बाद यह देखा जाता है कि सिगरेट पीने के कारण हुई बीमारियों से कितने लोगों की मौत किस उम्र में हुई। अब नई स्टडी ने पूरी दुनिया के स्मोकर्स को चिंता में डाल दिया है।

इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में सिगरेट पर आई इस नई स्टडी की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-

  • सिगरेट छोड़ने के कितने दिन बाद सुधार होने लगता है?
  • 10 साल तक रोज 10 सिगरेट पीने से कितनी जिंदगी घट जाती है?
  • सिगरेट छोड़ने के लिए क्या उपाय करने चाहिए?

भारत में सिगरेट से हर साल 10 लाख लोगों की मौत

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, पूरी दुनिया में हर साल सिगरेट पीने की वजह से 80 लाख से ज्यादा लोगों की प्रीमेच्योर डेथ होती है। वहीं भारत में हर साल स्मोकिंग के कारण 10 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। इसमें अगर अन्य तंबाकू उत्पादों के सेवन के कारण हुई मौतों के आंकड़े भी जोड़ दिए जाएं तो भारत में हर साल लगभग 13.5 लाख लोगों की मौत तंबाकू के सेवन के कारण होती है।

सिगरेट छोड़ते ही होने लगते हैं सुधार

स्मोकिंग छोड़ने के लिए कभी सही समय का इंतजार नहीं करना चाहिए। यह किसी भी उम्र में और किसी भी समय छोड़ी जा सकती है। पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. अंकित सिंघल के मुताबिक, सिगरेट छोड़ते ही हमारी बॉडी रिकवरी शुरू कर देती है। इसके सकारात्मक असर भले ही देर से सामने आते हैं, लेकिन शरीर के भीतर पहले मिनट से ही सुधार होने शुरू हो जाते हैं।

हर सिगरेट के साथ सिकुड़ रही है जिंदगी

यूनिवर्सिटी कॉलेज, लंदन के मुताबिक, सिगरेट पीने से लोगों की लाइफ एक्सपेक्टेंसी तेजी से घट रही है। एक सिगरेट पीने से जिंदगी के 20 मिनट कम हो रहे हैं। वहीं अगर कोई 10 साल तक रोज 10 सिगरेट पी रहा है तो इसका मतलब है कि उसकी जिंदगी के 500 दिन कम हो गए हैं। पूरा कैलकुलेशन ग्राफिक में देखिए:

सिगरेट छोड़ने से पटरी पर लौटेगी जिंदगी

डॉ. अंकित सिंघल कहते हैं कि अगर सिगरेट छोड़ दी जाए तो पहले मिनट से हमारी बॉडी में हीलिंग शुरू हो जाती है। अगर कोई रोज एक सिगरेट कम पी रहा है तो उसकी जिंदगी में रोज 20 मिनट जुड़ जाएंगे। वहीं जो लोग रोज 10 सिगरेट पीते हैं, वे 10 साल तक सिगरेट न पिएं तो उनकी जिंदगी में 500 दिन बढ़ जाएंगे।

स्मोकिंग और हीलिंग से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब

सवाल: सिगरेट पीने से लाइफ एक्सपेक्टेंसी घटने का क्या मतलब है?

जवाब: लाइफ एक्सपेक्टेंसी का मतलब है कि कोई कितने साल जीवित रहता है। भारत में साल 2024 में लाइफ एक्सपेक्टेंसी 70.62 साल थी। इसका मतलब है कि भारत में लोग औसतन 70 साल जीवित रहते हैं।

अगर सिगरेट पीने के कारण किसी की लाइफ एक्सपेक्टेंसी 10 साल कम हो गई है तो इसका सिर्फ ये मतलब नहीं है कि कोई 60 साल जीवित रहेगा। इसमें मुख्य तौर पर व्यक्ति की मिड एज प्रभावित होती है। इसे ऐसे समझिए कि इंसान 60 साल तो जीवित रहेगा ही, साथ ही उसकी हालत 50 साल की उम्र में ही 60 साल जैसी हो जाएगी।

सवाल: स्मोकिंग के कारण किन बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है?

जवाब: स्मोकिंग के कारण 10 से ज्यादा तरह के कैंसर, हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और अस्थमा का जोखिम होता है। दुनिया में सबसे अधिक मौतों की वजह कैंसर और हार्ट डिजीज ही हैं। इसके अलावा क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), प्रीमेच्योर बर्थ, डायबिटीज और विजन लॉस का जोखिम भी बढ़ जाता है।

सवाल: सिगरेट छोड़ना इतना मुश्किल क्यों होता है?

जवाब: सिगरेट में 7 हजार से ज्यादा केमिकल कंपाउंड्स होते हैं और निकोटिन होता है। ये केमिकल साइकोएक्टिव होते हैं और हमारे नर्वस सिस्टम को कंट्रोल करते हैं। निकोटिन के कारण डोपामाइन केमिकल रिलीज होता है, जो हमें एक साथ एक्टिव, एलर्ट और रिलैक्स मोड में ले जाता है।

इसलिए दिमाग सिगरेट का लती हो जाता है। इसके न मिलने पर उलझन, बेचैनी और झुंझलाहट होने लगती है। हमारे दिमाग को पता होता है कि स्ट्रेस होने पर सिगरेट पीने से रिलैक्स महसूस होता है। इसलिए सिगरेट क्विट करने के बाद भी स्ट्रेस बढ़ने पर स्मोकर फिर से सिगरेट जला लेता है।

सवाल: स्मोकिंग छोड़ने के लिए क्या करना होगा?

जवाब: सिगरेट छोड़ने के लिए सही उद्देश्य खोजकर अपनी लाइफस्टाइल के मुताबिक सटीक प्लान बनाना बहुत जरूरी है। इसके लिए निम्न बातों का ध्यान रखें:

  • स्मोकिंग क्विट करने के लिए सही उद्देश्य खोजें। उद्देश्य बहुत स्पष्ट और आसान होना चाहिए, जैसे आप अपने कारण फैमिली या बच्चों को पैसिव स्मोकर नहीं बनने देना चाहते हैं। आप अपना जीवन कम-से-कम बीमारियों के जोखिम के बीच स्वस्थ तरीके से बिताना चाहते हैं।
  • स्मोकिंग के लिए हर किसी के अपने ट्रिगर पॉइंट्स होते हैं। इनमें सबसे कॉमन ट्रिगर पॉइंट खालीपन है। अगर आपका ट्रिगर पॉइंट भी खालीपन है तो खुद को किसी-न-किसी काम में व्यस्त रखें। समय मिलने पर कोई फिल्म देख सकते हैं या म्यूजिक सुन सकते हैं।
  • अगर खाली समय होने पर दिमाग स्मोकिंग की तरफ जाता है तो इस दौरान अपने घर की साफ-सफाई और सजावट का काम कर सकते हैं। इससे घर तो सुंदर होगा ही, स्मोकिंग का ख्याल भी चला जाएगा।
  • अगर स्मोकिंग क्विट करने के कारण ऑफिस वर्क करना या घर के काम करने में मुश्किल हो रही है तो कुछ दिन का ब्रेक ले सकते हैं।

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