12 मिनट पहलेलेखक: शिवाकान्त शुक्ल
- कॉपी लिंक

कल दिवाली है। हर कोई अपने परिवार और प्रियजनों के साथ रोशनी व खुशियों का ये त्योहार मना रहा है और आप अपने घर से दूर किसी शहर में अकेले बैठे हैं। बहुत से लोग इस साल दिवाली पर अपने घर से दूर होंगे। कोई पढ़ाई के लिए तो कोई नौकरी के लिए। कई वजहों से ऐसा हुआ होगा कि आप त्योहार पर घर नहीं जा पाए होंगे।
यह बहुत ही इमोशनल मोमेंट होता है, जब खुशी के मौके पर आप घरवालों के साथ नहीं होते। बाकी दिन तो काम की भागदौड़ में कट जाते हैं। लेकिन उस वक्त में घरवालों की बहुत याद आती है, जब आसपास हर कोई अपने परिवार के साथ खुशियां मना रहा हो।
लेकिन जैसाकि भगवान बुद्ध ने कहा है कि खुशी हमारे भीतर है। वैसे ही शायद आप इस दिवाली अपने भीतर, अपने साथ भी उस खुशी को ढूंढ सकते हैं। कम-से-कम इसकी कोशिश तो जरूर करनी चाहिए।
तो चलिए आज रिलेशनशिप कॉलम में इसी बारे में बात करते हैं कि अकेले रहकर भी हम दिवाली को कैसे खुशनुमा और यादगार बना सकते हैं। इस स्टोरी में दिए सारे आइडियाज उन मांओं ने बताए, जिनके बच्चे इस दिवाली उनसे दूर हैं।
पहले आइए जानते हैं कि किन वजहों से त्योहार पर अकेलापन महसूस हो सकता है। नीचे ग्राफिक में देखें-

घर से दूर रहकर कैसे मनाएं दिवाली?
आप घर से दूर और अकेले हैं, इसका मतलब ये नहीं कि खुशी के दिन खुशियां न मनाई जाएं। वैसे भी खुशी तो हमारा चुनाव होता है। हम चाहें तो थोड़ी कोशिशों से इस दिन को अकेले भी बहुत खास बना सकते हैं।
ये एक मौका भी है, अपनी क्षमताओं को परखने, नए दोस्त बनाने और खुद से एक छोटा सा वादा करने का कि चाहे हम अकेले हों या अपनों के साथ, हमेशा खुश रहेंगे।
तो चलिए, इस दिवाली हम आपको दे रहे हैं कुछ छोटे-छोटे टिप्स, जो घर से दूर भी आपके इस त्योहार को रोशन कर सकते हैं।
बातें बड़ी मामूली हैं, कोई जादू का पिटारा नहीं है। बस दिवाली के दिन गुमसुम, अकेले, अपने पायजामे में टीवी के सामने पड़े न रहकर त्योहार मनाने का फैसला करना है।
पहले नीचे ग्राफिक में लिखी कुछ बातें पढ़िए, फिर ये तय करते हैं कि इन कामों को करने की शुरुआत कहां से की जाए।

अब आइए इस बारे में विस्तार से बात करते हैं।
खुद को मानसिक रूप से तैयार करें
हम बचपन से दिवाली अपने परिवार व दोस्तों के साथ मनाते आ रहे हैं। ऐसे में जब इस दिवाली हम उनसे दूर हैं तो उनकी याद आना और अकेलापन महसूस होना तो लाजिमी है। लेकिन मायूस होकर बैठना भी कहां तक सही है। तो उदासी छोड़कर आइए सबसे पहले खुद को मानसिक रूप से दिवाली सेलिब्रेशन के लिए तैयार करें।
क्यों न शुरुआत हो घर की साफ-सफाई से
तो फिर अब देरी किस बात की है। शुरूआत करें साफ-सफाई के साथ। जैसे हमारी मां और बहनें दिवाली पर घर को स्वर्ग बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ती हैं। उसी तरह हम भी झाड़ू उठाएं और घर का एक-एक कोना चमका दें। स्वच्छता के बारे में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा है-

रंगोली से सजाएं अपना छोटा सा आशियाना
घर की साफ-सफाई हो गई। अब बारी है उसकी सजावट की। इसके लिए बिना देरी किए मार्केट जाएं और रंगोली के लिए कुछ कलर्स खरीदें। इसके अलावा झालर, लाइटें, फूल, माला, तोरण, दीए व मोमबत्ती भी खरीदना न भूलें क्योंकि इनके बिना तो त्योहार ही अधूरा है।
बाजार से आने के बाद घर के मेन गेट पर शानदार रंगोली तैयार करें। इसकी एक झलक अपनी फैमिली के साथ भी शेयर करें। अगर रंगोली बनाना नहीं भी आता है, फिर भी एक कोशिश जरूर करें। इसके लिए यूट्यब का भी सहारा ले सकते हैं।
अपने लिए कपड़े जरूर खरीदें
ध्यान रहे कि दिवाली पर जब शॉपिंग के लिए जाएं तो अपने लिए कपड़े खरीदना ना भूलें। ये आपको त्योहार का अनुभव कराते हैं। कपड़ों की चॉइस के लिए आप अपनी फैमिली को वीडियो कॉल भी कर सकते हैं।
इस दिवाली करें हर वो काम, जो घर पर मां करती हैं
ये सब करने के दौरान मां की याद आना तो स्वाभाविक है क्योंकि घर पर हम इन सारे कामों में सिर्फ मां का हाथ बंटाते थे। ऐसे में हम इस दिवाली अकेले भी हर वो काम जरूर करें, जो घर पर अपनी मां के साथ मिलकर करते थे। जैसे झालर, लाइटें, दीए व मोमबत्ती से अपने छोटे से आशियाने को रोशन करें, दरवाजे पर बंदनवार लगाएं, फूल-माला से अपने पूजा स्थान को सजाएं आदि।
मां से पूछें, खीर की रेसिपी
अब बात आती है खाने की। तो क्यों न इसके लिए अपनी मां को कॉल करें और उनसे उस खीर की रेसिपी पूछें। जो वह घर पर बनाती हैं तो सब बड़े ही चाव से खाते हैं। इसे खुद बनाएं और इसके स्वाद के बारे में अपनी मां को जरूर बताएं।
फैमिली के साथ वीडियो कॉल करें और उन्हें चिट्ठी लिखें
सबसे जरूरी बात। अपनी फैमिली के प्रत्येक सदस्य से बात करना नहीं भूलना है। इसके लिए उन्हें ग्रुप में वीडियो कॉल भी कर सकते हैं। और हां, अगर हो सके तो कुछ नया ट्राई करें। अपनी फैमिली को एक चिट्ठी लिखें। बेशक ये थोड़ा अटपटा लग सकता है, लेकिन जब उन्हें आपकी ये चिट्ठी मिलेगी तो ये उनके लिए एक अलग अहसास होगा।

क्यों न आज दिवाली के दिन पड़ोसी का दरवाजा खटखटाएं
इस दिवाली हमारी फैमिली तो हमारे साथ नहीं है, लेकिन हम अपने पड़ोसी के साथ इस कमी को थोड़ा बहुत पूरा कर सकते हैं। इसके लिए दिवाली के दिन मिठाई का डिब्बा लेकर अपने पड़ोसी के घर जाएं, उनका दरवाजा खटखटाएं और उनके साथ अपनी खुशी का इजहार करें। उनसे मेल-जोल बढ़ाएं।
अपने प्रियजनों को गिफ्ट करें
अगर दिवाली के अवसर पर हम अपने प्रियजनों, दोस्तों व फैमिली के लोगों को कुछ तोहफे भेंट करें तो ये काफी अच्छा आइडिया होगा। ये उन्हें स्पेशल फील कराएगा और इससे उनके दिल में आपके लिए और प्यार बढ़ेगा।
ऑफिस कुलीग्स को अपने घर बुलाएं
कितना अच्छा होगा, जब हम अकेले रहने की बजाय दिवाली पर ऑफिस कुलीग्स को अपने घर बुलाएं और उनके साथ त्योहार एंजॉय करें, मौज-मस्ती करें, पटाखे जलाएं और फिर साथ में डिनर करें। दोस्ती को लेकर महान दार्शनिक अरस्तू ने कहा है-

शाम को देखें शहर का खूबसूरत नजारा
अंत में रात का नजारा देखने के लिए शहर का एक चक्कर जरूर लगाएं। देखें कि रोशनी से कितना जगगम है पूरा शहर। हर तरफ खुशियों का माहौल और पटाखे की आवाज व रोशनी आपका दिल खुश कर देगी। अब हम खुद ये अनुभव कर सकते हैं कि इस बार फैमिली के साथ न होते हुए भी हमने कितने शानदार तरीके से दिवाली मनाई है।
……………………..
रिलेशनशिप की ये खबर भी पढ़िए
रिलेशनशिप- इस दिवाली खटखटाएं पड़ोसी का दरवाजा: पड़ोसियों के साथ बनाएं अच्छी बॉन्डिंग

पहले के समय में दिवाली पर मोहल्ले और कॉलोनियों के सभी लोग एकजुट होकर त्योहार मनाते थे। एक-दूसरे के घर जाकर मिठाइयां-उपहार बांटना, उनके साथ रंगोली बनाना, पटाखे जलाना और उन्हें घर पर खाने पर बुलाना। यही सब चीजें तो त्योहार को खास बनाती थीं। लेकिन आज ये सारी खुशियां फ्लैट वाली दिवाली में सिमटकर रह गई हैं। पूरी खबर पढ़िए…