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Diwali Celebration 2024; Children Safety Tips (Do’s And Don’ts) | जरूरत की खबर- दिवाली पर बच्चों की सेफ्टी जरूरी: बरतें 10 सावधानी, बच्चों को सिखाएं ‘डेंजर’ पहचानना, सेल्फ केयर के 10 टिप्स

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2 मिनट पहलेलेखक: संदीप सिंह

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दिवाली का त्योहार आने में कुछ ही दिन बाकी हैं। हर कोई दिवाली की तैयारियों में जुटा है। बच्चों में त्योहारों को लेकर सबसे ज्यादा उत्साह और जोश देखने को मिलता है। वे खूब मौज-मस्ती करते हैं। दिवाली के समय उन्हें मिठाइयों के साथ-साथ पटाखे फोड़ने का मौका भी मिलता है।

हालांकि कई बार बच्चे नासमझी में पटाखों से हाथ जला लेते हैं या फिर स्वाद-स्वाद में ज्यादा मिठाइयां खा लेते हैं, जिससे वे फूड पॉइजनिंग का शिकार हो जाते हैं। इसलिए पेरेंट्स को त्योहार के समय बच्चों के खान-पान से लेकर सेफ्टी तक खास एहतियात बरतने की जरूरत होती है।

तो चलिए आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि दिवाली पर पेरेंट्स अपने बच्चों को लेकर किन बातों का ख्याल रखें। साथ ही जानेंगे कि-

  • दिवाली के दिन बच्चों को लेकर क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
  • बच्चों को सेफ्टी के बारे में कौन सी बेसिक चीजें सिखाना जरूरी है?

एक्सपर्ट: डॉ. अंशु शर्मा, बाल रोग विशेषज्ञ (मथुरा)

सवाल- दिवाली के समय पेरेंट्स को बच्चों की सेफ्टी को लेकर क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

जवाब- त्योहार के समय घर के अधिकांश सदस्य छोटे-बड़े कामों और जिम्मेदारियों में व्यस्त रहते हैं। इधर-उधर जलते दीए, गली-मोहल्ले में पटाखों की तेज आवाज के बीच बच्चों की खास देखभाल जरूरी है। दिवाली के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं में सबसे आम बच्चों का पटाखों से जलना है। ऐसे में पेरेंट्स को बिल्कुल लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। जरा सी लापरवाही त्योहार की खुशियों को फीका कर सकती है।

नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि दिवाली पर बच्चों को लेकर किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए।

आइए, ग्राफिक में दिए इन पॉइंट्स को विस्तार से समझते हैं।

बच्चों को बाहर अकेले न जाने दें

दिवाली के समय गली-मोहल्लों में पटाखों का शोर रहता है। लोग सड़क पर पटाखे फोड़ते हैं। कई बार बच्चे इन्हें देखने के लिए घर से बाहर निकल आते हैं और हादसों का शिकार हो जाते हैं। इसलिए दिवाली के समय बच्चों को कभी भी अकेले बाहर न जाने दें। हमेशा उनकी निगरानी करते रहें।

दिवाली पर खाने-पीने का रखें ध्यान

दिवाली के समय घरों में अलग-अलग तरह के पकवान और मिठाइयां बनाई जाती हैं। कुछ लोगों का त्योहार ताे बिना तली-भुनी चीजों को खाए पूरा ही नहीं होता है। बच्चों को इस तरह की खाने-पीने की चीजें खूब स्वादिष्ट लगती हैं। कई बार बच्चे स्वाद-स्वाद में इन्हें जरूरत से ज्यादा खा लेते हैं, जिससे फूड पॉइजनिंग, अपच या पेट से जुड़ी अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए त्योहार पर बच्चों के खान-पान का विशेष ध्यान रखें, जिससे आपके साथ बच्चे भी उत्साह से त्योहार का आनंद ले सकें।

हवा में बढ़ते प्रदूषण से बच्चों को बचाएं

पटाखों से निकलने वाले धुएं से हवा में प्रदूषण का लेवल सामान्य से कई गुना बढ़ जाता है, जो हर उम्र के लोगों के लिए बेहद खतरनाक है, लेकिन बच्चों को इससे ज्यादा खतरा है।

यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में दुनिया भर में वायु प्रदूषण से 81 लाख लोगों की मौत हुई, जिसमें 5 वर्ष से कम उम्र के 7 लाख बच्चे शामिल थे। इसलिए पटाखों से निकलने वाले इस खतरनाक धुएं से अपने बच्चों को बचाना जरूरी है। यही वजह है कि दिवाली के समय दिल्ली-NCR जैसे कुछ प्रमुख शहरों में हवा की क्वालिटी खराब होने के कारण बच्चों को घर के अंदर रखने की अपील की जाती है।

बच्चों को बिजली की झालरें न छूने दें

त्योहार के समय हर कोई घर की सजावट करता है। इसके लिए लोग घरों को रंग-बिरंगी लाइट्स और झालरों से सजाते हैं। छोटे बच्चे इन झालरों के प्रति खूब आकर्षित होते हैं और उन्हें छूने की कोशिश करते हैं। इससे वे करंट की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए घर की सजावट करते समय झालरों को बच्चों की पहुंच से दूर लगाएं। साथ ही बच्चे झालरों के आसपास न खेलें, इसका विशेष ध्यान रखें।

पटाखों की तेज आवाज कान खराब कर सकती है

बच्चों के कान एडल्ट्स की तुलना में अधिक सेंसिटिव होते हैं। उनके कान की नली वयस्कों की तुलना में छोटी होती है। इसलिए कान में प्रवेश करने वाली आवाज का दबाव ज्यादा होता है। लंबे समय तक पटाखों की तेज आवाज के संपर्क में रहने से बच्चों के कान के पर्दे को नुकसान पहुंच सकता है। इससे उनके सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। इसलिए बच्चों को पटाखों की तेज आवाज से दूर रखें।

सवाल- दिवाली पर पेरेंट्स को बच्चों को किस तरह के सेल्फ केयरिंग टिप्स सिखाने चाहिए?

जवाब- त्योहार के समय माता-पिता घर की सफाई, सजावट या खरीदारी के लिए बाजार जाने जैसे कई जरूरी कामों में व्यस्त रहते हैं। ऐसे में बच्चों की देखभाल करना मुश्किल होता है।

इसलिए पेरेंट्स की जिम्मेदारी है कि बच्चों को कुछ सेल्फ केयरिंग टिप्स जरूर सिखाएं, जिससे वह अकेले होने पर भी सतर्क और सावधान रह सकें।

नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि बच्चों को सेल्फ केयरिंग की कौन-सी चीजें सिखानी चाहिए।

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, वह चलना, कुर्सी-टेबल और सीढ़ियों के ऊपर चढ़ना या हर चीज को मुंह में डालना सीखता है। इसलिए ऐसा नहीं है कि घर के बाहर ही बच्चों के लिए खतरे हैं। घर के अंदर भी कई ऐसी चीजें हैं, जो बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती हैं। ऊपर ग्राफिक में बताए इन सेल्फ केयरिंग टिप्स की मदद से बच्चे संभावित खतरों से बच सकते हैं और आप खुशी और उत्साह के साथ त्योहार का आनंद ले सकते हैं।

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