21 मिनट पहलेलेखक: शिवाकान्त शुक्ल
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हमारे खान-पान और रहन-सहन का स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अगर आदतें अनहेल्दी हैं तो हमें बीमारियों से कोई नहीं बचा सकता। पिछले कुछ सालों में लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां काफी तेजी से बढ़ रही हैं। फैटी लिवर जैसी बीमारी भी खराब लाइफस्टाइल का ही नतीजा है।
फैटी लिवर ने पिछले 50 सालों में पूरी दुनिया के करीब एक चौथाई लोगों को अपनी चपेट में लिया है। जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल हेपेटोलॉजी में पब्लिश एक स्टडी के अनुसार, अकेले भारत में हर 3 में से 1 व्यक्ति को फैटी लिवर है।
ये बीमारी एडल्ट्स और बच्चों, दोनों को प्रभावित कर रही है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की एक लेटेस्ट स्टडी के अनुसार, भारत की लगभग 38% आबादी फैटी लिवर या नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) से पीड़ित है। चिंता की बात यह है कि ये बीमारी सिर्फ एडल्ट्स तक ही सीमित नहीं है। लगभग 35% बच्चों में भी ये दिक्कत देखी जा रही है।
इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में हम फैटी लिवर के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
- घर बैठे फैटी लिवर का पता कैसे लगाएं?
- इससे कैसे बचा जा सकता है?
फैटी लिवर क्या है?
यह एक लाइफस्टाइल डिजीज है। जब लिवर में फैट का लेवल सामान्य से ज्यादा हो जाता है तो इसे फैटी लिवर कहते हैं। यह एक आम समस्या है, खासकर उन लोगों में जिनका वजन ज्यादा है।
फैटी लिवर का कोई खास लक्षण नहीं होता, लेकिन यह सीरियस हेल्थ इश्यू का कारण बन सकता है। मोटापा, शराब का सेवन, फैट युक्त डाइट का अधिक सेवन फैटी लिवर के मुख्य कारण हैं।
अधिकांश मामलों में फैटी लिवर के मरीजों को अपनी लाइफस्टाइल व डाइट में बदलाव करने, नियमित एक्सरसाइज करने और वजन कम करने की सलाह दी जाती है।
घर बैठे फैटी लिवर का पता कैसे लगाएं
फैटी लिवर के लक्षण आमतौर पर बहुत सामान्य हैं। कोई इन पर ध्यान नहीं देता। आइए नीचे पॉइंटर्स के जरिए फैटी लिवर के 7 संकेतों के बारे में जानते हैं, जिसका घर बैठे आसानी से पता लगाया जा सकता है।
दाईं पसली के नीचे दर्द
दाईं पसली के नीचे लगातार हल्का दर्द एक रेड फ्लैग हो सकता है। ये वह एरिया है, जहां लिवर होता है। यहां पर दर्द इस बात का संकेत हो सकता है कि लिवर में सूजन है या फैट कलेक्ट होने की वजह से उसका साइज बढ़ गया है। इसके लिए एहतियात के तौर पर हेल्दी डाइट शुरू करें और नियमित व्यायाम करें। अगर दर्द तेज है और लगातार बना हुआ है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
पेट के आसपास फैट जमा होना
अचानक या धीरे-धीरे वजन बढ़ना, पेट के आसपास फैट जमा होना, फैटी लिवर का संकेत हो सकता है। लिवर फैट मेटाबॉलिज्म में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और जब यह ठीक से काम नहीं कर रहा होता है तो पेट के आसपास फैट जमा हो सकता है। अगर आपने अपनी डाइट में कोई विशेष बदलाव नहीं किया है, लेकिन पेट के आसपास फैट बढ़ रहा है तो इसकी जांच कराना जरूरी है।
मुंहासे या स्किन संबंधी समस्याएं
कई लोगों के लिए यह हैरानी की बात हो सकती है, लेकिन हमारी स्किन लिवर की हेल्थ के बारे में बहुत कुछ बता सकती है। जी हां, लगातार होने वाले मुहांसे फैटी लिवर से जुड़े हो सकते हैं।
दरअसल, लिवर बॉडी से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है और जब यह फैट के कारण अधिक वर्क करता है तो टॉक्सिन स्किन के माध्यम से बाहर निकल सकते हैं, जिससे मुंहासे, मस्से या दाग-धब्बे हो सकते हैं।
स्किन पर काले धब्बे
गर्दन पर, बगल में या कोहनी के आसपास स्किन का काला पड़ना भी फैटी लिवर संकेत हो सकता है। यह स्थिति आमतौर पर इंसुलिन रेजिस्टेंस का संकेत है, जो नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) से जुड़ा है।
आंखों या स्किन का पीला पड़ना
पीलिया, जिसके कारण स्किन और आंखों का सफेद भाग पीला हो जाता है, लिवर की खराबी का संकेत है। यह तब होता है, जब लिवर रेड ब्लड सेल्स से निकलने वाले वेस्ट प्रोडक्ट बिलिरुबिन (Bilirubin) को ठीक से फिल्टर करने में असमर्थ होता है।
पैरों, तलवों या हाथों में सूजन
पैरों, टखनों या हाथों में सूजन तब होती है, जब लिवर पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन प्रोड्यूस करने में असमर्थ हो जाता है, जिससे फ्लूइड इम्बैलेंस होता है। अगर सूजन लगातार बनी हुई है या किन्हीं अन्य लक्षणों के साथ है तो ये फैटी लिवर का संकेत हो सकता है।
थकान या कमजोरी महसूस होना
आराम करने के बाद भी लगातार थकान महसूस होना लिवर की समस्याओं से जुड़ा हो सकता है। फैटी लिवर शरीर की ऊर्जा को स्टोर करने और उसे रिलीज करने की क्षमता को बाधित कर सकता है, जिससे व्यक्ति को थकान और कमजोरी महसूस होती है। अगर बिना किसी स्पष्ट कारण के एनर्जी लेवल कम है तो व्यक्ति को अपने लिवर की हेल्थ पर ध्यान देने की जरूरत है। नीचे ग्राफिक के जरिए जानें कि कैसे आसानी से फैटी लिवर का लगा सकते हैं।
फैटी लिवर से बचने के उपाय
इस खतरनाक बीमारी से बचने के लिए अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करना बहुत जरूरी है। संतुलित डाइट और एक्सरसाइज से इस पर काबू पाया जा सकता है। नीचे पॉइंटर्स में इस बारे में जानें।
- वजन कंट्रोल करके फैटी लिवर समेत कई बीमारियों से दूर रह सकते हैं।
- शराब या बीयर का सेवन न करें।
- चाय का सेवन बंद करें।
- सीढ़ियों का उपयोग करें, एस्केलेटर से चलने से परहेज करें।
- रोजाना कम-से-कम 45 मिनट व्यायाम करें।
- सोते समय मोबाइल का इस्तेमाल न करें।
- अच्छी दिनचर्या बनाएं। सभी काम निर्धारित समय पर करें।
- जरूरत से ज्यादा दवाएं न खाएं।
- समय पर सोएं और समय पर उठें।
- अगर आप अपने बच्चों को बीमारी से बचाना चाहते हैं तो अपना वेट मेंटेन रखें।
- एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्रतिदिन एक सेब का सेवन आपको डॉक्टर्स से दूर रखता है और दो सेब आपको सभी बीमारियों से दूर करता है। इसलिए अपनी डाइट में सेब को जरूर शामिल करें।
अल्कोहल लिवर के लिए नुकसानदायक है
लिवर का काम टॉक्सिन्स को तोड़ना है। जब कोई व्यक्ति शराब पीता है तो उसके लिवर में मौजूद अलग-अलग एंजाइम अल्कोहल को ब्रेक करने का काम करते हैं, ताकि इसे आपके शरीर से बाहर निकाला जा सके। लेकिन जब कोई अपने लिवर की क्षमता से ज्यादा अल्कोहल का सेवन करता है तो अल्कोहल और उसके बायप्रोडक्ट लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं।
अल्कोहल से संबंधित लिवर डिजीज के शुरुआती दौर में अक्सर कोई लक्षण नहीं होते हैं। इसलिए शायद पता भी न चले कि शराब की वजह से लिवर खराब हो रहा है। हालांकि थकान, बिना किसी कारण के वजन कम होना, भूख न लगना, मतली और उल्टी होना जैसे कुछ लक्षणों से इसकी पहचान कर सकते हैं।
शराब का सेवन बंद करके अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज से बचा जा सकता है। नीचे ग्राफिक में देखें फैटी लिवर से बचने के लिए अपनी डाइट में क्या शामिल कर सकते हैं।
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