3 मिनट पहलेलेखक: गौरव तिवारी
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ‘द लिवर डॉक’ के नाम से मशहूर डॉ. एबी फिलिप्स अक्सर चर्चा में रहते हैं। वह हेल्थकेयर से जुड़ी भ्रांतियों के खिलाफ वैज्ञानिक तर्कपूर्ण बात रखने के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में जोहो कॉरपोरेशन के को-फाउंडर और सीईओ श्रीधर वेम्बू और एबी फिलिप्स के बीच नंगे पैर घास में चलने के फायदे को लेकर तीखी बहस छिड़ गई। श्रीधर वेम्बू भारत के 55वें सबसे अमीर शख्स हैं, लेकिन वो डॉक्टर नहीं हैं।
श्रीधर वेम्बू ने लगभग एक साल तक अपने खेत में नंगे पैर चलने का अपना व्यक्तिगत अनुभव साझा किया है। उन्होंने कहा है कि ग्राउंडिंग के कई स्वास्थ्य लाभ हैं और यह बेहद सरल काम है। इसकी खास बात ये है कि इसमें एक भी पैसे का खर्च नहीं है। उन्होंने दूसरे लोगों को इसे आजमाने के लिए प्रोत्साहित किया और सुझाव दिया कि घास जैसी प्राकृतिक सतहों पर चलकर पृथ्वी की ऊर्जा से जुड़ना फायदेमंद है।
इसके जवाब में डॉ. एबी फिलिप्स ने लिखा है कि ग्राउंडिंग पूरी तरह स्यूडोसाइंटिफिक प्रैक्टिस है। इसका मतलब होता है कि कोई ऐसी प्रैक्टिस, जिसे लोग वैज्ञानिक मानकर सालों से करते चले आ रहे हैं, जबकि वास्तव में उसके पीछे कोई वैज्ञानिक तर्क नहीं है। इस बहस से सवाल उठता है कि दोनों में से कौन ज्यादा सही है।
इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में बात करेंगे ग्राउंडिंग यानी अर्थिंग की। साथ ही जानेंगे कि-
- इसके पीछे क्या वैज्ञानिक तर्क दिए जाते हैं?
- ग्राउंडिंग के क्या लाभ बताए जाते हैं?
- क्या विज्ञान वाकई इसकी पुष्टि करता है?
ग्राउंडिंग क्या है
ग्राउंडिंग का मतलब पृथ्वी की सतह के साथ त्वचा का सीधा संपर्क होने से है। इसके लिए कोई नंगे पैर जमीन पर चल सकता है, कोई अपने हाथ से जमीन छू सकता है या फिर शरीर का कोई भी हिस्सा जमीन के सीधे संपर्क में आ सकता है।
इसके पीछे तर्क ये है कि हमारा शरीर एक बायो इलेक्ट्रिकल सिस्टम है। जब हम जमीन से फिजिकली जुड़ते हैं तो इसकी इलेक्ट्रिकल एनर्जी हमारी अपनी इलेक्ट्रिकल एनर्जी को रीबैलेंस कर देती है। ग्राउंडिंग का समर्थन करने वाले लोग मानते हैं कि बीते समय में बीमारियां इसलिए बढ़ी हैं क्योंकि हम रबर से बने जूते-चप्पल पहनने लगे हैं। रबर बिजली का कुचालक है तो हमारी इलेक्ट्रिक ऊर्जा असंतुलित हो जाती है और हम बीमार पड़ जाते हैं।
अर्थिंग के सही तरीके क्या हैं
जितनी बहस इस विषय पर होती है कि अर्थिंग फायदेमंद है या नहीं, उतनी ही बहस इसकी टेक्निक्स को लेकर भी होती है। कुछ लोग मानते हैं कि अर्थिंग में हमारे शरीर का जमीन से सीधा संपर्क होना नितांत आवश्यक है। जबकि दूसरों का मानना है कि कोई शख्स किसी भी बिजली से संचालित होने वाले उत्पाद का उपयोग करता है तो उसके भी उतने ही फायदे होते हैं।
हालांकि, मेसाचुसेट्स हॉस्पिटल में न्यूरोसर्जन डॉ. मार्क अल्बर्स मानते हैं कि अगर कोई व्यक्ति ग्राउंडिग के लाभ बता रहा है तो वह कुछ देर सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से दूर पेड़-पौधों और घास के बीच रहने को कह रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि अभी तक हुई स्टडीज में ऐसा कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है, जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि ग्राउंडिंग के कोई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। इससे जो लाभ मिलते हैं, वे दुनियाभर की तमाम झंझटों से दूर पेड़-पौधों के बीच कुछ देर एकांत में रहने के कारण होते हैं।
- ग्राउंडिंग की इन टेक्निक्स को फॉलो करने के लिए समुद्र के किनारे बीच पर लेट सकते हैं।
- इसके अलावा घर में किसी खाली छूटी जगह पर गार्डनिंग कर सकते हैं।
- किसी पहाड़ पर ट्रैकिंग या कैंपिंग के लिए जा सकते हैं।
ये सभी तरीके अर्थिंग टेक्निक का हिस्सा हैं। इन टेक्निक्स के साथ अच्छी बात ये है कि ये हमें कुछ घंटे या कुछ दिन के लिए भागदौड़ भरी जिंदगी से दूर ले जाती हैं। प्रकृति के बीच चलने-फिरने से मानसिक और शारीरिक सेहत को जो लाभ होंगे, वे तो हैं ही।
अर्थिंग के क्या फायद हैं
इसके स्वास्थ्य लाभों पर बहुत अधिक शोध नहीं हुए हैं। जिन स्टडीज के आधार पर इससे होने वाले फायदों की बात की जाती है, उनके सैंपल साइज बहुत छोटे हैं और आंकड़े भी बहुत सटीक नहीं हैं। इसलिए डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बारे में बहुत ठोस दावे नहीं किए जा सकते। आमतौर पर इसके 7 फायदे बताए जाते हैं।
मार्क अल्बर्स खारिज करते हैं ये दावे
डॉ. मार्क अल्बर्स कहते हैं कि प्रकृति के करीब रहने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में निश्चित रूप से लाभ हो सकता है। मन और तन बेहतर रहने से यह भी संभव है कि किसी पुरानी हेल्थ कंडीशन के इलाज में इससे मदद मिल जाए। हालांकि यह दावा कहीं से भी तर्कसंगत नहीं लगता है कि अर्थिंग से बीमारियों को रोका जा सकता है या ठीक किया जा सकता है।
क्या ग्राउंडिंग के कुछ नुकसान हो सकते हैं
डॉ. मार्क अल्बर्स के मुताबिक, ग्राउंडिंग के लिए दिए जाने वाले वैज्ञानिक तर्क सही नहीं होने के बावजूद इसके पर्याप्त फायदे होते हैं। हालांकि इसे प्रैक्टिस में लाते समय इससे जुड़ी सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए, वरना इससे कई तरह के नुकसान हो सकते हैं।
- अगर किसी को पैरों में इन्फेक्शन की समस्या है या कोई एलर्जी है तो घास या जमीन पर नंगे पैर चलना मुश्किल में डाल सकता है।
- अगर पैरों की सेंसिटिविटी कम हो गई है तो कई बार छोटी चोटें महसूस नहीं होंगी। इसलिए नंगे पैर चलना भारी पड़ सकता है।
- प्रेग्नेंसी के समय ग्राउंडिंग से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान हमें छोटे इन्फेक्शन भी मुश्किल में डाल सकते हैं। घास में छिपे किसी कीड़े के काटने से संक्रमण का खतरा हो सकता है।
- अगर इम्यून सिस्टम कमजोर है तो ग्राउंडिंग से फायदे होने की बजाय ऐसी कई बीमारियों का खतरा हो सकता है, जो मिट्टी और घास के जरिए फैल सकती हैं।
- ग्राउंडिंग के लिए प्राकृतिक जलस्रोत में तैराकी अच्छी बात है, लेकिन इससे जुड़ी सावधानियां भी बरतनी चाहिए। स्विम सूट, सेफ्टी किट पहनकर ही तैरने के लिए उतरें। यह भी सुनिश्चित करें कि पानी साफ और संक्रमण रहित है।