Clinically Bharat

Women

How to Clean Winter clothes Explained: Tips To Wash Clothes | जरूरत की खबर- क्यों खराब होते हैं सर्दियों के कपड़े: क्या है ऊनी कपड़ों को धोने, सुखाने का सही तरीका, एक्सपर्ट के 8 सुझाव

Email :69

23 मिनट पहलेलेखक: शशांक शुक्ला

  • कॉपी लिंक

ठंड के दस्तक देने से पहले ही हम शॉपिंग मॉल, ऑनलाइन स्टोर्स या नजदीकी रिटेल आउटलेट से अच्छे और स्टाइलिश कपड़े खरीदते हैं। यह कपड़े अच्छे दिखते हैं, क्वालिटी भी अच्छी लगती है। इसके बावजूद भी सर्दियां खत्म होने से पहले ही ये खराब होने लगते हैं। वहीं, कई दोस्तों के पुराने कपड़े भी सालों-साल नए जैसे बने रहते हैं।

हम सोचते हैं कि हमारे कपड़े तो ब्रांडेड हैं, ऑथेंटिक स्टोर्स से लिए गए हैं, फिर क्यों खराब हो रहे हैं? किसी जान-पहचान वाली दुकान से लिए होते हैं, तो उससे शिकायत करते हैं या कंपनी को कोस रहे होते हैं। जबकि गलती हमारी ही होती है।

ऐसे में आज हम जरूरत की खबर में जानेंगे कि-

  • किन गलतियों की वजह से सर्दियों के कपड़े खराब होते हैं?
  • उनके रख-रखाव का सही तरीका क्या है?

सवाल- सर्दियों के कपड़े क्यों खराब होते हैं?

जवाब- सर्दी के कपड़े ऊन और फर जैसे नाजुक मटेरियल से बने होते हैं। ऐसे कपड़े नमी सोखते हैं, जिससे इनमें फंगस और बदबू की समस्या पैदा हो सकती है। इनके फाइबर को कीड़े नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन कपड़ों को सूखे और हवादार स्थान पर रखना चाहिए और नेफ्थलीन बॉल्स का इस्तेमाल करना चाहिए।

गर्म कपड़े गलत तरीके से धोने, सही से स्टोर न करने के कारण जल्दी खराब हो सकते हैं। ऊनी कपड़े गर्म पानी में धोने पर सिकुड़ जाते हैं और अपनी कोमलता खो देते हैं। बार-बार लगातार पहनने से भी इनकी गुणवत्ता खराब होती है।

आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं।

आइए ग्राफिक के प्वाइंट्स को विस्तार से समझते हैं।

धुलाई का गलत तरीका

सर्दियों के कपड़े आमतौर पर ऊन, लिनेन, सिल्क, लेदर और जानवरों के फर जैसे डेलिकेट मटेरियल्स से बनाए जाते हैं। ऐसे में इनकी धुलाई के तरीके भी अलग होते हैं। लेकिन हम इन कपड़ों को भी सामान्य डिटर्जेंट से धो देते हैं और उनकी चमक खत्म हो जाती है।

अनियमित सफाई

सर्दियों में पसीना नहीं होने के कारण अक्सर कपड़े गंदे नहीं दिखते हैं। ऐसे में बहुत सारे लोग कपड़े नियमित रूप से नहीं धुलते हैं, जबकि लगातार जमा हो रही धूल और गंदगी की वजह से कुछ ही दिनों में उनकी क्वालिटी खराब होने लगती है।

सारे कपड़ों को एक साथ मशीन या टब में डालना

हममें से बहुत सारे लोग एक साथ ही सारे कपड़ों को वॉशिंग मशीन या टब में डाल देते हैं। जबकि अलग-अलग फैब्रिक का इस्तेमाल कर बनाए गए कपड़े अलग-अलग तरीके से धुलाई और रख-रखाव की मांग करते हैं।

वॉशिंग मशीन में देर तक रखना

वॉशिंग मशीन में कपड़े डालकर लंबे समय तक के लिए छोड़ देते हैं और अन्य कामों में लग जाते हैं। इसकी वजह से भी कपड़े जल्दी खराब होते हैं और उनका रंग फीका पड़ जाता है।

गलत तरीके से स्टोर करना

सर्दियां खत्म होते ही हमें ऊनी कपड़े भारी-भरकम बोझ की तरह लगने लगते हैं और हम इनके साथ सौतेला व्यवहार करते हैं। उनका इस्तेमाल खत्म होते ही हम उन्हें जैसे-तैसे एक ढेर की तरह किसी सूटकेस, आलमारी या बक्से में जमा कर देते हैं। धूल और कीड़ों के कारण इन पर दाग और बदबू आने के साथ छेद भी हो सकता है।

अधिक और लगातार उपयोग

सर्दियों में अक्सर लोग अपने फेवरेट स्वेटर या जैकेट को बार-बार पहनते हैं। अधिक और लगातार पहनने से कपड़े का रंग फीका पड़ जाता है और वे खराब दिखने लगते हैं।

सवाल- सर्दियों के कपड़ों की देखभाल का सही तरीका क्या है?

जवाब- सर्दी के कपड़ों की देखभाल के लिए हम कई सारे तरीके अपनाते हैं और जतन करते हैं, फिर भी कुछ ही दिनों में वे अपनी चमक खो देते हैं तो हम परेशान हो जाते हैं। ऐसे में हमें समझना चाहिए कि इरादा भले सही है, लेकिन तरीका गलत हो सकता है। आइए ग्राफिक के जरिए सर्दी के नाजुक कपड़ों के देखभाल का सही तरीका समझते हैं।

आइए अब ग्राफिक में दिए गए प्वाइंट्स को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि इन तरीकों को कैसे और किस तरह के कपड़ों पर इंप्लीमेंट किया जा सकता है।

ब्लेजर और कोट को ड्राई क्लीन करें: सर्दी के मौसम में ब्लेजर और कोट जैसे कपड़े अक्सर फॉर्मल या आउटडोर पहनने के लिए होते हैं। ये डेलिकेट मटेरियल से तैयार किए जाते हैं। ऐसे में सामान्य धुलाई से इनका आकार खराब हो सकता है और रंग उड़ सकता है। इन्हें ड्राई क्लीन कराना चाहिए। ड्राई क्लीनिंग कपड़ों को उनके मूल स्वरूप में बनाए रखने में मदद करती है। साथ ही गंदगी और दाग को भी कपड़े को नुकसान पहुंचाए बिना हटाती है।

स्पॉट क्लीनिंग करें: कपड़े के किसी हिस्से पर दाग लगने पर पूरी ड्रेस को धोने की बजाय उस हिस्से को तुरंत साफ करना चाहिए। इसके लिए कास्टिक सोडा फ्री साबुन, गीले कपड़े या स्पॉन्ज का इस्तेमाल कर सकते हैं।

ऊनी कपड़ों की देखभाल: ऊनी कपड़ों में लचीलापन होता है और अन्य कपड़ों की तुलना में भारी होने के कारण लटकाकर सुखाने पर वो फैल जाते हैं। ऐसे में इन्हें पंखे के नीचे या छांव में फैलाकर सुखाना चाहिए और फोल्ड करके रखना चाहिए। ऊनी स्वेटर, शॉल और कोट को हमेशा फोल्ड करके सूखे स्थान पर रखना चाहिए।

सिलिका जेल का इस्तेमाल: हम जब भी कोई कोट, जैकेट, जूते खरीदते हैं, तो डिब्बे में सिलिका जेल के छोटे-छोटे पाउच मिलते हैं। हममें से अधिकांश लोग इसे फेंक देते हैं। जबकि यह बहुत काम की चीज है। यह नमी सोखकर कीड़े और बदबू फैलने से रोकता है। कपड़े स्टोर करते समय इसे साथ में जरूर रखें और साथ ही फ्रेशनर भी रखें।

नमी, सीधी धूप और अधिक गर्म स्थान से बचाएं: सर्दी के कपड़ों को हमेशा नमी, सीधी धूप और अत्यधिक गर्म स्थान से बचाकर रखना चाहिए। नमी से कपड़े सड़ सकते हैं और धूप से उनका रंग फीका पड़ सकता है। अधिक गर्म जगह पर रखने से कपड़े सिकुड़ सकते हैं और उनकी गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। इन्हें हमेशा ठंडे, सूखे और हवादार स्थान पर स्टोर करें। ….. जरूरत की यह खबर भी पढ़ें

जरूरत की खबर- घर की सीलन से इंफेक्शन का खतरा:घर को सीलन से बचाएं, फर्नीचर को सुरक्षित रखने के 6 टिप्स जरूरी

कुछ समय पहले इंग्लैंड में सीलन और फंगस की वजह से दो साल के बच्चे की मौत हो गई थी। सुनने में ये बात बहुत अजीब लगती है कि सीलन, फंगस और काई मौत का कारण बन सकते हैं। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के मुताबिक भारत में 5 करोड़ से ज्यादा लोग फंगल डिजीज का सामना कर रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें ​​​

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Post