6 मिनट पहलेलेखक: शिवाकान्त शुक्ल
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देश आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 155वीं जयंती मना रहा है। 155 साल पहले जन्मे उस शख्स को दुनिया आज भी याद करती है। वह आज भी पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं। तभी तो दुनिया के सबसे बड़े वैज्ञानिकों में से एक अल्बर्ट आइंस्टीन ने गांधीजी के बारे में कहा था, ”आने वाली पीढ़ियां ये मुश्किल से यकीन करेंगी कि गांधी जैसा हाड़-मांस का काेई व्यक्ति कभी इस धरती पर चला था।”
तो आज रिलेशनशिप कॉलम में हम बात करेंगे महात्मा गांधी के उन जीवन मूल्यों की, जो हमें उनसे सीखने और अपने जीवन में उतारने की जरूरत है।
आगे बढ़ने से पहले आइए ग्राफिक के जरिए महात्मा गांधी के जीवन से सीखने योग्य बातों पर एक नजर डाल लेते हैं।
महात्मा गांधी एक ऐसा नाम है, जिसे किसी परिचय की जरूरत नहीं है। वह असाधारण बुद्धि और सिद्धांतों वाले व्यक्ति थे। उनका जीवन सभी उम्र के लोगों को प्रेरित करता है। गांधी का जीवन जीने का तरीका और उनके द्वारा कही गई हर एक बात हमें कुछ न कुछ सीख देती है। नीचे पॉइंटर्स में इस बारे में विस्तार से जानिए।
हमेशा सच बोलें
बापू हमेशा सत्य की शक्ति में विश्वास करते थे। लोग अक्सर कहते हैं कि बस थोड़ा सा झूठ बोला है, लेकिन झूठ चाहे छोटा हो या फिर बड़ा, वह झूठ ही होता है। अपने बच्चों को हमेशा अपनी गलतियों को स्वीकार करना और सच बोलना सिखाएं। सच बोलने से विनम्रता और सरलता आती है।
स्वयं के प्रति सच्चे रहें
गांधीजी हमेशा अपने विश्वासों के प्रति सच्चे रहे। तब भी जब लोग उनसे असहमत थे। गांधीजी का अपने सिद्धांतों के प्रति समर्पण दर्शाता है कि हमें खुद पर विश्वास नहीं छोड़ना चाहिए, भले ही दूसरे हमसे असहमत हों। हमें अपने और अपने लक्ष्यों के प्रति सच्चा रहना चाहिए।
सादा जीवन, उच्च विचार
गांधीजी बहुत ही साधारण व्यक्ति थे। उन्होंने कभी भी विलासितापूर्ण जीवन नहीं जिया। जो कुछ भी उनके पास था, उससे संतुष्ट और खुश रहते थे। इससे ये सबक मिलता है कि हमारे पास जो भी और जितना भी है, हम उसमें खुश रहें। बहुत अधिक के लिए चिंता न करें। उनका आदर्श वाक्य था, “सादा जीवन, उच्च विचार।” उन्होंने हमें सिखाया कि सच्ची खुशी भीतर से आती है, भौतिक संपत्ति से नहीं।
अहिंसा की राह पर चलें
महात्मा गांधी का हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण संदेश था कि हमें निरंतर अहिंसा के मार्ग पर चलना चाहिए। उनका मानना था कि किसी भी समस्या का समाधान हिंसा के बिना भी किया जा सकता है। उन्होंने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी धैर्य और दया बनाए रखने की बात कही है। अहिंसा के प्रति गांधीजी के विचार से पता चलता है कि हमें हमेशा समस्याओं को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की कोशिश करनी चाहिए।
ईमानदार और सत्यनिष्ठ बनें
बापू का मानना था कि ईमानदारी जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीज है। उन्होंने हमें हमेशा खुद के साथ और दूसरों के साथ ईमानदार रहना सिखाया है। ईमानदारी के प्रति गांधीजी की प्रतिबद्धता दर्शाती है कि हमें हमेशा सत्यनिष्ठ रहना चाहिए, भले ही यह मुश्किल हो।
क्षमाशील बनें
गांधीजी का मानना था कि क्षमा हर व्यक्ति के अंदर जरूर होनी चाहिए क्योंकि यह घावों को भर सकती है और लोगों को एक-दूसरे को बेहतर ढंग से समझने में मदद कर सकती है। उन्होंने हमें सिखाया कि हमें दूसरों को क्षमा करना चाहिए, भले ही यह मुश्किल हो। क्षमा पर गांधीजी की ये सीख हमें क्रोध और नफरत को त्यागने के लिए भी प्रोत्साहित करती है।
दृढ़ संकल्प रहें
गांधी हमेशा अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित थे, भले ही हालात कठिन रहे हों। उन्होंने हमें सिखाया कि हमें अपने सपनों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए, चाहे हमें कितनी भी समस्याओं का सामना क्यों न करना पड़े। उन्होंने हमें दिखाया कि अगर हम दृढ़ रहें और कभी हार न मानें तो हम जो भी ठान लें, उसे हासिल कर सकते हैं।
दयालु बनें
गांधी एक बहुत दयालु व्यक्ति थे, जो दूसरों की परवाह करते थे। उन्होंने हमें सभी के प्रति दयालु होना सिखाया।
विनम्र बनें
गांधीजी विनम्रता के समर्थक थे, जो हमेशा खुद से पहले दूसरों को प्राथमिकता देते थे। उन्होंने हमें सिखाया कि विनम्र होना और दूसरों की मदद करना एक सरल इंसान की पहचान है। गांधी ने हमें दिखाया कि सच्ची महानता निस्वार्थ होने और दूसरों की मदद करने से आती है। उन्होंने नेताओं के भी विनम्र होने की बात कही है।
साहसी बनें
गांधीजी बहुत ही साहसी व्यक्ति थे। उन्होंने अंग्रेजों के सामने अपने रुख से पीछे न हटते हुए अपार साहस का परिचय दिया और आजादी हासिल करके दिखाई। इससे सीख मिलती है कि हमें अपने लक्ष्य को पाने के लिए साहस की भी जरूरत होती है।
अपने आसपास सफाई रखें
महात्मा गांधी स्वच्छता के परिचायक थे। उनका मानना था कि स्वच्छता से शारीरिक तंदुरुस्ती और स्वस्थ वातावरण मिलता है। उन्होंने स्वच्छता को ‘आजादी से ज्यादा जरूरी’ बताया था।
प्रेम के बारे में महात्मा गांधी का नजरिया
महात्मा गांधी का मानना था कि प्रेम जीवन का एक मूलभूत हिस्सा है और इसे बिना किसी सीमा या शर्त के व्यक्त किया जाना चाहिए। उनका मानना था कि प्रेम वह गोंद है, जो लोगों को एक साथ जोड़े रखता है और इसे कई तरीकों से व्यक्त किया जा सकता है, जैसे शब्दों, कार्यों और तोहफों के माध्यम से। नीचे ग्राफिक में प्रेम के बारे में उनके कुछ विचार देखिए-