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Middle Age Dating Advice Tips (Kya 40 Ke Baad Bhi Pyar Hota Hai) | रिलेशनशिप- 40 के बाद भी हो सकता है प्यार: खुद को दें एक और मौका, लेकिन 40+ डेटिंग में न करें ये गलतियां, एक्सपर्ट के 10 टिप्स

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18 मिनट पहलेलेखक: शैली आचार्य

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“प्यार किया नहीं जाता, हो जाता है,

दिल दिया नहीं जाता, खो जाता है…”

एक हिंदी फिल्मी गीत की यह लाइन यही बताती है कि प्यार की कोई उम्र या सीमा नहीं होती है। यह किसी को भी, कहीं भी और किसी भी उम्र में हो सकता है। यह एक ऐसी भावना है, जो ‘एज टैग’ के साथ नहीं आती। प्यार की भावना उम्र, जाति, धर्म की सारी सीमाओं से परे है।

प्यार जीवन का सबसे खूबसूरत एहसास है, जो हमें खुशी, संतुष्टि और पूर्णता देता है। यह जीवन को समृद्ध करता है और हमें दूसरों के साथ जुड़ने का मौका देता है। यह पहली नजर में भी हो सकता है या धीरे-धीरे समय के साथ भी। यह 40 या 50 की उम्र में भी हो सकता है। यह हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हमें इसे खुलकर स्वीकार करना चाहिए।

दुनिया में कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने समाज की चिंता न करके अपने दिल की सुनी। अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से लेकर बॉलीवुड एक्ट्रेस नीना गुप्ता तक ऐसी कई बड़ी पर्सनैलिटी हैं, जिन्हें 40 की उम्र के बाद प्यार हुआ। कमला हैरिस जिनकी पहली शादी 19 साल की उम्र में हुई और लगभग 15 साल बाद उनका तलाक हो गया। 45 के बाद भी हैरिस ने यह उम्मीद नहीं की थी कि वे इस उम्र में फिर से प्यार खोज पाएंगी। 49 साल की उम्र में एक ब्लाइंड डेट पर वे अपने पति डगलस एमहॉफ से मिलीं। वहीं बॉलीवुड की बेहतरीन एक्ट्रेस नीना गुप्ता ने दिल्ली के एक चार्टेड अकाउंटेंट विवेक मेहरा को 6 साल डेट करने के बाद 49 साल की उम्र में शादी की।

आज रिलेशनशिप कॉलम में हम बात करेंगे मिडिल एज डेटिंग की। जानेंगे कि अगर आप सिंगल हैं और 40 से ज्यादा उम्र होने पर भी प्यार की खोज में हैं तो यह आप कैसे कर सकते हैं। साथ ही आपको डेटिंग के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

मिडिल एज डेटिंग क्या होती है

मिडिल एज डेटिंग यानी कि 40-50 साल की उम्र या उसके बाद किसी के साथ डेट करना। उम्र के इस पड़ाव पर इंसान प्यार की उम्मीद खोने लगता है। 40 की उम्र में कई बार लोग खुद को अकेला महसूस करते हैं।

वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो 40 के बाद सिर्फ अपने साथ रहना पसंद करते हैं और प्यार नहीं खोज रहे होते। लेकिन अचानक किसी पड़ाव पर उन्हें कोई ऐसा व्यक्ति मिल जाता है, जो उन्हें अच्छा लगने लगता है। फिर वो उसके साथ जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं।

वैसे कहते हैं न कि प्यार में उम्र की कोई सीमा नहीं होती। दुनिया में ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जिन्होंने ढलती उम्र में प्यार किया और किसी के साथ जीवन बिताने का फैसला किया।

एक उम्र के बाद बदल जाती है प्यार की परिभाषा

40-50 की उम्र में प्यार पाना एक चुनौती की तरह लग सकता है, लेकिन सही व्यक्ति के साथ यह बेहद खूबसूरत एहसास भी हो सकता है। हो सकता है कि आप जीवन में सेपरेशन, ब्रेक अप या तलाक से गुजरे हों, जिसने आपके मन में एक तरह का डर या निगेटिविटी भर दी हो।

एक उम्र के बाद डेटिंग का सबसे पॉजिटिव पहलू ये होता है कि उम्र की मैच्योरिटी के साथ हमारी प्यार की परिभाषा भी मैच्योर हो जाती है। 20 साल की उम्र में अकसर हम हॉर्मोन को प्यार से कनफ्यूज करते हैं। पैशन, पागलपन, दीवानगी एक स्थाई, गहरे प्यार से ज्यादा उम्र और हॉर्मोन्स का बहाव होते हैं।

लेकिन वक्त के साथ उसमें एक ठहराव आता है। फिर हमारे लिए प्यार का अर्थ भी मदद, करुणा, दया, ख्याल, सरलता जैसे शब्द होते हैं, न कि प्यार में पागलपन भरी दीवानगी।

40 के बाद कैसे करें डेटिंग की शुरुआत

प्यार खोजने की शुरुआत कभी भी और कहीं भी हो सकती है। लेकिन थोड़ी समझदारी और सावधानी की जरूरत तो हर उम्र में रहती है। एक उम्र के बाद कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना जरूरी होता है। अमेरिकन रिलेशनशिप कोच नैंसी माइकल और नील बी. वुड ने इस पर एक किताब लिखी है- ‘डेटिंग सक्सेस आफ्टर 40’। इस किताब में वे 40 प्लस सक्सेसफुल डेटिंग के कुछ टिप्स देते हैं।

प्यार ढूंढें, लेकिन गलत कारणों से नहीं

यह डायलॉग तो सुना ही होगा कि “जिसे शिद्दत से चाहो, उसे पूरी कायनात तुमसे मिलाने में लग जाती है।” उम्मीद है कि 40 की उम्र के बाद आपको ऐसी बातों पर यकीन नहीं होगा। ये फिल्मी बातें है। 20 साल के बच्चे इस पर यकीन करें तो समझ आता है। लेकिन 40 की उम्र में ऐसी रूमानियत यह दिखाती है कि आपकी सिर्फ उम्र बढ़ी है, मैच्योरिटी नहीं।

इसलिए एक उम्र के बाद पार्टनर खोजने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन यह खोज गलत कारणों से नहीं होनी चाहिए। कभी भी पार्टनर इसलिए न खोजें क्योंकि-

  • आपको अकेले होने से डर लगता है।
  • आप सिंगल होने के बाद खुद समाज से कटा हुआ महसूस करते हैं।
  • आपकी नजर में सिंगल होना एक टैबू है।
  • आप अपने साथ खुश नहीं हैं।
  • किसी और को देखकर आप प्रभावित हो जाते हैं।
  • आप बस किसी भी कीमत पर एक पार्टनर पाने के लिए डेस्परेट हैं।

अगर इनमें से एक भी कारण सही है तो आप पार्टनर की तलाश छोड़कर थोड़ा अपने साथ वक्त बिताएं और खुद को मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बनाने की कोशिश करें।

याद रखें, जल्दबाजी और बेचैनी में, खुद से भागने की कोशिश में किए गए किसी काम का नतीजा अच्छा नहीं होता। जब आप शांत मन से, खुशी से, सादगी, सरलता और गहराई से किसी सुंदर चीज के निकट जाते हैं तो उसका परिणाम भी सुंदर होता है।

नैंसी माइकल और नील बी. वुड अपनी किताब में कुछ गलतियों की ओर इशारा करते हैं, जो अकसर 40 के बाद डेट करते हुए लोग कर बैठते हैं। इसलिए इन गलतियों के प्रति सावधान रहना बहुत जरूरी है।

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