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Motion Sickness Causes; Symptoms, Risk Factors, And Prevention Tips | जरूरत की खबर- ट्रेन-बस में आते हैं चक्कर, उल्टियां: ये है मोशन सिकनेस, यह क्यों होती है, क्या है इलाज, डॉक्टर की 9 जरूरी सलाह

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10 मिनट पहलेलेखक: संदीप सिंह

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बहुत से लोगों को कार, बस, प्लेन या ट्रेन में सफर के दौरान चक्कर आते हैं, उल्टियां होती हैं। दरअसल ऐसा मोशन सिकनेस की वजह से होता है। यह परेशानी बच्चों से लेकर बड़ों तक किसी को भी हो सकती है। मोशन सिकनेस के कारण बहुत बार लोगों को ट्रैवल करने से भी डर लगता है।

तो आज हम जरूरत की खबर में मोशन सिकनेस के बारे में बात करेंगे, साथ ही जानेंगे कि-

  • मोशन सिकनेस क्या है और यह क्यों होता है?
  • किन लोगों को मोशन सिकनेस का खतरा ज्यादा रहता है?
  • मोशन सिकनेस से बचने के लिए किन बातों का ख्याल रखना जरूरी है?

एक्सपर्ट: डॉ. उर्वी महेश्वरी, फिजिशियन, जायनोवा शेलबी हॉस्पिटल (मुंबई)

सवाल- मोशन सिकनेस क्या है?

जवाब- मोशन सिकनेस कोई बीमारी नहीं है। यह सिर्फ एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें शरीर का सेंट्रल नर्वस सिस्टम कन्फ्यूज हो जाता है। जब शरीर यूं तो एक जगह स्थिर बैठा होता है, लेकिन वह किसी वाहन में बैठने की वजह से हिल भी रहा होता है। ऐसे में ब्रेन को कनफ्यूजिंग सिगनल मिलते हैं कि शरीर स्थिर है या मूवमेंट में है। कार, प्लेन, बस या पानी के जहाज में बैठने पर ऐसा हो सकता है। कुछ लोग वीडियो गेम और वर्चुअल रिएलिटी गेम खेलते समय भी वर्चुअल मोशन सिकनेस (VMS) का भी शिकार हो सकते हैं।

सवाल- मोशन सिकनेस क्यों होती है?

जवाब- जब हमारा शरीर हिल रहा होता है तो ब्रेन को आंखों, जॉइंट्स और कान के अंदरूनी हिस्से से सिग्नल मिलता है कि हमारे शरीर की पोजिशन इस वक्त क्या है। लेकिन जब इन तीनों में से किसी एक के भी सिग्नल में गड़बड़ी होती है या कोऑर्डिनेशन नहीं होता है तो ब्रेन मूवमेंट को ठीक तरह से पहचान नहीं पाता, जिससे मोशन सिकनेस होती है।

इसे ऐसे समझिए कि ट्रैवलिंग के दौरान हमारी आंखों को आसपास की चीजें स्थिर दिख रही हैं, जबकि जब हम खिड़की से बाहर देखते हैं तो सबकुछ चलता हुआ प्रतीत होता है। इसी तरह कान के आंतरिक भाग और मसल्स को तो यह लगता है कि आप स्थिर बैठे हैं, जबकि आंखों को लग रहा है कि मूवमेंट में हैं। दो अलग तरह के सिगनल मिलने की वजह ब्रेन कनफ्यूज हो जाता है। इसी कारण मतली, उल्टी या चक्कर आने का एहसास होता है।

सवाल- मोशन सिकनेस के लक्षण क्या हैं?

जवाब- आमतौर पर मोशन सिकनेस के लक्षण यात्रा के तुरंत बाद या यात्रा के दौरान कभी भी शुरू हो सकते हैं। इन लक्षणों की गंभीरता हर एक व्यक्ति में अलग हो सकती है। कुछ लोगों के लक्षण हल्के, जबकि अन्य के अधिक गंभीर हो सकते हैं।

नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि मोशन सिकनेस के लक्षण क्या हैं।

सवाल- किन लोगों को मोशन सिकनेस ज्यादा होती है?

जवाब- यूं तो मोशन सिकनेस की समस्या किसी को भी हो सकती है, लेकिन कुछ लोगों में इसका खतरा अधिक होता है। जैसेकि-

  • 2 से 12 साल के बच्चों को मोशन सिकनेस होने की आशंका अधिक होती है क्योंकि उनके ब्रेन और देखने के सिस्टम (vision system) के बीच समन्वय की क्षमता पूरी तरह से विकसित नहीं हुई होती।
  • गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में हॉर्मोनल बदलाव होते हैं। इस वजह से गर्भवती महिलाओं को भी मोशन सिकनेस होने की संभावना अधिक रहती है।
  • माइग्रेन, एंग्जाइटी, स्ट्रेस जैसी हेल्थ कंडीशंस से जूझ रहे लोगों को मोशन सिकनेस की समस्या अधिक होती है।
  • जिन लोगों को बहुत ज्यादा लंबी दूरी की यात्रा करने की आदत नहीं है, उन्हें भी मोशन सिकनेस हो सकती है।
  • बोट या फ्लाइट में यात्रा करने वालों को मोशन सिकनेस की आशंका अधिक होती है क्योंकि यह चीजें काफी तेज गति से चलती हैं।
  • शराब या नशीली दवाओं का सेवन करने वाले ज्यादातर लोग मोशन सिकनेस का शिकार होते हैं।
  • वाहन में खराब वेंटिलेशन होना भी मोशन सिकनेस का कारण बन सकता है।

सवाल- मोशन सिकनेस किसी भी तेज रफ्तार वाहन में हो सकती है। इस कंडीशन में किस सीट पर बैठना बेहतर होता है?

जवाब- मोशन सिकनेस के प्रभाव को कम करने के लिए सही सीट का चयन बहुत जरूरी है। नीचे ग्राफिक में कुछ सुझाव दिए गए हैं, इन्हें ध्यान में रखकर आप मोशन सिकनेस की समस्या को कम कर सकते हैं।

सवाल- क्या मोशन सिकनेस का कोई इलाज है। इसके लक्षणों को कैसे मैनेज कर सकते हैं?

जवाब- मोशन सिकनेस के लक्षणों को पूरी तरह से दूर नहीं किया जा सकता है, लेकिन कुछ टिप्स की मदद से आप इसके खतरे को कम जरूर कर सकते हैं।

ताजी हवा लें: अगर आप कार, बस या ट्रेन में हैं तो अपनी खिड़की के शीशे खोल दें और ताजी हवा आने दें। इससे मोशन सिकनेस का एहसास कम होगा। वहीं फ्लाइट में होने पर एयर वेंट या ओवरहेड वेंट को अपनी दिशा में करें। वेंट हवा को केबिन में सर्कुलेट करते हैं, जिससे थोड़ा बेहतर महसूस होता है।

अपनी नजर को बदलें: अगर किताब, फोन या टैबलेट पर कुछ पढ़ रहे हैं तो उसे बंद कर दें। बहुत नजदीक की चीजें न देखें। दूर की चीजों, दृश्य की ओर देखने का प्रयास करें।

पीछे लेट जाएं: सीट को पीछे की ओर झुकाएं और अपनी आंखें बंद करें। इससे शरीर स्थिर रहता है, जो मोशन सिकनेस के कारण होने वाली अस्थिरता को कम करता है।

पेपरमिंट या अदरक कैंडी खाएं: बेहतर महसूस करने के लिए कैंडी खा सकते हैं। दरअसल पेपरमिंट में मेंथॉल, जबकि अदरक में जिंजरोल नामक कंपाउंड होता है। यह दोनों चीजें पाचन तंत्र को शांत करती हैं और मतली की फीलिंग को कम करती हैं।

ब्रेक लें: अगर आप ट्रैवलिंग के दौरान वीडियो या वर्चुअल रिएलिटी गेम्स खेलते हैं तो इस कारण भी मतली या वर्चुअल मोशन सिकनेस हो सकती है। बेहतर होगा कि कोई गेम न खेलें। आंखें बंद करके, सिर झुकाकर सिर्फ रेस्ट करें।

सवाल- मोशन सिकनेस के साथ बस, मोटरगाड़ी आदि में यात्रा से पहले क्या तैयारी करनी चाहिए?

जवाब- मोशन सिकनेस को रोकने का सबसे अच्छा तरीका उन स्थितियों से बचना है, जो इसका कारण बनती हैं। इसके लिए यात्रा से पहले कुछ उपाय कर सकते हैं। नीचे ग्राफिक में देखिए-

सवाल- मोशन सिकनेस के साथ रोड ट्रैवल करते हुए किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?

जवाब- अगर किसी व्यक्ति को मोशन सिकनेस की समस्या है तो यात्रा से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए।

इसके अलावा नीचे ग्राफिक में दिए पॉइंट्स को फॉलो कर सकते हैं।

इन छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखकर आप मोशन सिकनेस के लक्षणों को कम कर सकते हैं और अपनी यात्रा को आरामदायक बना सकते हैं।

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