14 मिनट पहलेलेखक: संदीप सिंह
- कॉपी लिंक
मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में साइबर ठगों ने हॉस्पिटल में अपॉइंटमेंट के नाम पर एक व्यक्ति को ठगी का शिकार बनाया। ठगों ने इसके लिए पहले गूगल से पीड़ित का नंबर निकालकर उससे बात की और फिर 10 रुपए का ऑनलाइन पेमेंट करवाया। ऑनलाइन पेमेंट करते ही युवक का अकाउंट हैक हो गया और उसके अकाउंट से 24 हजार रुपए निकाल लिए गए।
गनीमत रही कि पीड़ित की शिकायत के बाद साइबर सेल ने तत्परता दिखाई और उसके 24 हजार रुपए वापस करवाए।
ऐसा ही एक मामला राजस्थान के डूंगरपुर जिले से सामने आया। जिसमें डॉक्टर के अपॉइंटमेंट के नाम पर एक युवक से साइबर ठगों ने 2.98 लाख रुपए ठग लिए।
दरअसल इंटरनेट की मदद से स्कैमर्स ऑनलाइन अपॉइंटमेंट के ट्रैप में लोगों को फंसाते हैं और उसके अकाउंट को हैक कर लेते हैं।
इसलिए आज जरूरत की खबर में बात करेंगे फेक ऑनलाइन अपॉइंटमेंट स्कैम की। साथ ही जानेंगे कि-
- इस स्कैम में साइबर ठग लोगों को कैसे अपना शिकार बनाते हैं?
- स्कैम से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
एक्सपर्ट: राहुल मिश्रा, साइबर एडवाइजर (उत्तर प्रदेश पुलिस)
सवाल- फेक ऑनलाइन अपॉइंटमेंट स्कैम क्या है?
जवाब- जब हम इंटरनेट के जरिए किसी हॉस्पिटल या डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लेते हैं तो सबसे पहले गूगल पर उसका नाम सर्च करते हैं।
साइबर ठग इसी का फायदा उठाते हैं और वे हॉस्पिटल की फेक वेबसाइट्स बनाकर या फेक मोबाइल नंबर के जरिए लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। इसके लिए वह SEO यानी सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन का इस्तेमाल करते हैं। जिससे सर्च करने पर असली वेबसाइट की जगह फेक वेबसाइट ऊपर दिखाई देती है। जब कोई फेक वेबसाइट या मोबाइल नंबर पर संपर्क करता है तो साइबर ठग उसे अपने जाल में फंसा लेते हैं।
हाल ही में इंदौर के एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश डण्डोतिया ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें उन्होंने अपॉइंटमेंट स्कैम को लेकर सावधान और सतर्क रहने की सलाह दी है।
सवाल- फेक अपॉइंटमेंट स्कैम से कैसे बच सकते हैं?
जवाब- आज के डिजिटल युग में टेक्नोलॉजी के विस्तार का असर हेल्थ सेक्टर में काफी बढ़ गया है। बड़े-बड़े मेडिकल इंस्टीट्यूशन और डॉक्टर्स का अपॉइंटमेंट आप घर बैठे ले सकते हैं।
ऐसे में साइबर अपराधी कई वेबसाइट पर फेक मोबाइल नंबर अपलोड कर देते हैं, जिससे लोग असली अपॉइंटमेंट तक नहीं पहुंच पाते हैं।
साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा ने अपॉइंटमेंट स्कैम से बचने के कुछ टिप्स बताए हैं। इन्हें आप नीचे दिए ग्राफिक में समझ सकते हैं।
आइए ग्राफिक में दिए इन पॉइंट्स को विस्तार से समझते हैं।
- डॉक्टर के अपॉइंटमेंट को लेकर कोई भी मैसेज मिलने पर उसे वेरिफाई जरूर करना चाहिए। वैलिड अपॉइंटमेंट के मैसेज आमतौर पर ऑफिशियल सोर्स के जरिए आते हैं। अज्ञात या संदिग्ध मैसेज को लेकर सावधान रहें क्योंकि वे आपको धोखा देने का प्रयास कर सकते हैं।
- अपॉइंटमेंट मैसेज के दिए नंबर या लिंक पर क्लिक करने से बचें। नकली मैसेज में अक्सर व्याकरण, वर्तनी या भाषा की गलतियां होती हैं। जबकि ऑफिशियल मैसेज में डॉक्टर का नाम, तिथि, समय और क्लिनिक का पता जैसी जानकारी स्पष्ट लिखी होती है।
- साइबर अपराधी अक्सर फिशिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके एक लिंक भेजते हैं। जिसमें मरीज से उनकी पर्सनल जानकारी मांगते हैं। फिशिंग वेबसाइट्स के बैकअप में डार्क वेब और अन्य सोर्स के जरिए जानकारी प्राप्त करते हैं। फिशिंग मैसेज अक्सर पीड़ित को जल्दबाजी में काम करने के लिए मजबूर करने के लिए मजबूर करते हैं।
- ऐसे अपॉइंटमेंट लिंक से सावधान और सतर्क रहें, जिसमें क्लिक करने वाले लिंक होते हैं। खासकर अगर वे किसी संदिग्ध या अनजान नंबर से आए हों। लिंक पर क्लिक करने की बजाय हॉस्पिटल की ऑफिशियल वेबसाइट से ही अपॉइंटमेंट लें।
- साइबर ठग फर्जी मैसेज या लिंक भेजकर लोगों को अपॉइंटमेंट के लिए बेहद कम समय देते हैं। जिससे लोग घबराहट या जल्दबाजी में आकर लिंक पर डिटेल्स भर देते हैं। हमेशा ध्यान रखें कि हॉस्पिटल या मेडिकल सर्विस ऑफिशियल सोर्स के माध्यम से अपॉइंटमेंट में बदलाव या कैंसिल करने की सूचना देती हैं।
- अगर आपको कोई संदिग्ध अपॉइंटमेंट टेक्स्ट मैसेज मिलता है तो तुरंत मेडिकल इंस्टीट्यूट, डॉक्टर या स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दें। साथ ही राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें।
- इन घटनाओं की रिपोर्ट करने से जागरूकता बढ़ती हैं और आगे इस तरह के स्कैम को रोकने में मदद मिलती है।
सवाल- किसी भी हॉस्पिटल का अपॉइंटमेंट लेने का सही तरीका क्या है?
जवाब- आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करके किसी भी बड़े सरकारी अस्पताल में अपॉइंटमेंट ले सकते हैं। ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेने की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया बहुत आसान है।
आइए अपॉइंटमेंट के प्रोसेस को 5 आसान तरीकों से समझते हैं।
- सबसे पहले अपने स्मार्टफोन या लैपटॉप पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम(ORS) के पोर्टल https://ors.gov.in/orsportal/ पर जाना है। इसे ओपन करते ही बुक अपॉइंटमेंट का ऑप्शन आएगा। इसमें आपको अपना राज्य फिर जिस अस्पताल में इलाज करवाना है, उसका नाम चुनना है।
- इसके बाद पूछा जाएगा कि फिजिकली कंसल्ट करना है या टेलीकंसल्टेशन के लिए अपॉइंटमेंट लेना है। इसके बाद न्यू अपॉइंटमेंट या फॉलो अप अपॉइंटमेंट का विकल्प आएगा।
- अगले ऑप्शन में आपको अस्पताल के विभाग को चुनना है। यानी कि किस बीमारी के इलाज के लिए अपॉइंटमेंट लेना है। जैसे गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग, जनरल सर्जरी, जनरल मेडिसिन, क्रिटिकल केयर, अस्थि रोग, नेफ्रोलॉजी, नेत्र रोग या शिशु रोग व स्त्री रोग।
- विभाग चुनने के बाद तारीख का ऑप्शन आएगा। इसके साथ OPD के दौरान रेफरल डॉक्यूमेंट को लेकर एक मैसेज भी आएगा। इसके बाद कौन सी तारीख में अपॉइंटमेंट मिल सकता है। आप उसे चुन सकते हैं।
- ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेने के बाद अस्पताल में जाकर OPD कार्ड बनवा सकते हैं और डॉक्टर को आसानी से दिखा सकते हैं।