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Punjab Telegram Group Scam (Dos And Don’ts) | Cyber Crime | जरूरत की खबर- टेलीग्राम पर 2.45 लाख की ठगी: चैटिंग ऐप पर अगर कोई करे ये 8 दावे तो वो फ्रॉड है, साइबर एक्सपर्ट की सलाह

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24 मिनट पहलेलेखक: संदीप सिंह

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पंजाब के मोहाली में साइबर क्रिमिनल्स ने टेलीग्राम पर एक फर्जी बिजनेस ग्रुप बनाया और एक युवक से 2.45 लाख रुपए से ज्यादा ठग लिए। पीड़ित ने इसकी शिकायत साइबर थाना पुलिस से की है।

युवक ने बताया कि उसे टेलीग्राम पर एक मैसेज मिला था, जिसके जरिए उसे एक बिजनेस ग्रुप में जोड़ा गया। उस ग्रुप में पहले से 78 लोग जुड़े हुए थे। इस ग्रुप में लाखों रुपए कमाने के दावे किए गए थे। ग्रुप छोटे–छोटे कामों के जरिए घर बैठे आसानी से पैसे कमाने का वादा कर रहा था।

युवक को पहले ये काम मिला कि उसे किसी होटल में कुछ कमरे बुक करने हैं। उसने टास्क पूरा कर दिया तो 1,017 रुपए की पेमेंट भी मिल गई। यह घर बैठे बिना ज्यादा कुछ किए हुई कमाई थी। जाहिर है, इससे उसकी उम्मीद और लालच दोनों बढ़ गए।

इसके बाद उस पर अपने बैंक अकाउंट में अधिक पैसे जमा करने का दबाव डाला गया, जिससे वह आगे के टास्क पूरे कर सके और बड़ी रकम उसके खाते में ट्रांसफर हो सके। जैसे ही उसने कई बार अपने अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए, उसके खाते से 2 लाख, 45 हजार, 302 रुपए गायब हो गए।

हो सकता है कि स्कैमर्स ने युवक का अकाउंट या मोबाइल पहले ही हैक कर लिया हो, जिसके बारे में युवक को कोई जानकारी नहीं थी। चंद रुपए कमाने का लालच उस पर भारी पड़ गया और वह अपनी गाढ़ी मेहनत की कमाई भी गंवा बैठा।

पिछले कुछ समय से साइबर क्रिमिनल लोगों को फंसाने के लिए टेलीग्राम, वॉट्सएप जैसे मैसेजिंग ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। स्कैमर्स इन मैसेजिंग ऐप्स पर जल्दी पैसा कमाने के लुभावने ऑफर्स देते हैं, जिससे अधिकांश लोग उनके झांसे में आ जाते हैं।

तो चलिए, जरूरत की खबर में बात करेंगे कि टेलीग्राम के जरिए होने वाले इस स्कैम की पहचान कैसे करें? साथ ही जानेंगे कि-

  • स्कैमर्स टेलीग्राम के जरिए लोगों को अपना शिकार कैसे बनाते हैं?
  • इस तरह के स्कैम से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

एक्सपर्ट: पवन दुग्गल, साइबर सिक्योरिटी और एआई एक्सपर्ट, नई दिल्ली

सवाल- स्कैमर्स फ्रॉड के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल क्यों करते हैं?

जवाब- टेलीग्राम एक बेहद पॉपुलर मैसेजिंग ऐप है, जिसके भारत में 10 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं। टेलीग्राम के जरिए स्कैम की घटनाओं को अंजाम देने की कई वजहें हैं। जैसेकि-

  • इसमें वॉट्सएप की तुलना में ज्यादा बड़ी फाइलें शेयर की जा सकती हैं। यही वजह है कि टेलीग्राम यूजर्स में एक बड़ा वर्ग छात्रों का है, जो परीक्षा की तैयारी से जुड़े PDF या वीडियो शेयर करने के लिए इसका इस्तेमाल करता है। स्कैमर्स के लिए छात्रों को नौकरी का झांसा देना आसान होता है।
  • इसमें फोन नंबर का इस्तेमाल किए बिना भी ऐप को लॉगिन कर सकते हैं। इससे यूजर की पहचान का पता लगाना मुश्किल होता है।
  • टेलीग्राम एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप है, जिसमें कोई भी थर्ड पर्सन आपके डेटा की निगरानी नहीं कर सकता है। इसलिए स्कैमर्स के लिए यूजर्स के नंबर पर सीधे कॉन्टैक्ट करना आसान होता है।
  • ग्रुप चैट, फाइल शेयरिंग जैसे ऑप्शन स्कैमर्स के काम को आसान बनाते हैं। इससे वे एक क्लिक में सैकड़ों लोगों तक अपना फेक मैसेज पहुंचा सकते हैं।

सवाल- स्कैमर्स टेलीग्राम के जरिए ठगी की घटनाओं को कैसे अंजाम देते हैं?

जवाब- स्कैमर्स टेलीग्राम के जरिए लोगों को ठगने के लिए कई तरीके अपनाते हैं। इसमें फिशिंग मैसेज, नौकरी का लालच, इन्वेस्टमेंट या लॉटरी लगने जैसी चीजें शामिल हैं।

नीचे दिए ग्राफिक में कुछ तरीके बताए गए हैं, जिनका स्कैमर्स अधिकतर इस्तेमाल करते हैं।

फिशिंग लिंक बनाकर ठगी

स्कैमर्स फिशिंग लिंक के जरिए लोगों को उस पर क्लिक करने के लिए कहते हैं। ये लिंक यूजर्स को अक्सर नकली वेबसाइट्स पर ले जाते हैं, जो असली जैसी लगती हैं। इन पर लॉगिन डिटेल या पर्सनल जानकारी मांगी जाती है। ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए।

नौकरी का झांसा देकर ठगी

टेलीग्राम पर नौकरी का झांसा देकर स्कैम के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं। स्कैमर्स अक्सर वर्क फ्रॉम होम या कुछ घंटों में अधिक-से-अधिक पैसा कमाने के लिए फर्जी नौकरी के पोस्ट डालते हैं। वे आपसे टेलीग्राम पर एक ‘हायरिंग मैनेजर’ से जुड़ने के लिए कहते हैं। जब आप उनसे संपर्क करते हैं तो वे आपसे ट्रेनिंग के नाम पर कुछ पेमेंट करने के लिए कहते हैं। यह स्कैमर्स का जाल होता है। इसमें कभी भी नहीं फंसना चाहिए।

सवाल- फर्जी टेलीग्राम अकाउंट या प्रोफाइल की पहचान कैसे कर सकते हैं?

जवाब- साइबर सिक्योरिटी और एआई एक्सपर्ट पवन दुग्गल बताते हैं कि फर्जी टेलीग्राम अकाउंट या प्रोफाइल की पहचान करना बेहद आसान है। इसके लिए कुछ चीजों की जांच करना जरूरी है। इसे नीचे पॉइंटर्स से समझिए-

  • फर्जी अकाउंट में अक्सर अस्पष्ट प्रोफाइल फोटो और बायो होता है।
  • असामान्य यूजरनेम भी फर्जी टेलीग्राम अकाउंट का संकेत हो सकता है।
  • बड़ी-बड़ी कंपनियों का नाम इस्तेमाल करके नौकरी का झांसा दिया जाता है।
  • अक्सर फर्जी ग्रुप और चैनल में स्कैमर्स के ही कुछ लोग होते हैं, जो नौकरी लगने की बात कहते हैं।

इसके अलावा कुछ और भी संकेत हैं, जिससे फेक अकाउंट्स की पहचान की जा सकती है। इसे नीचे ग्राफिक में देखिए-

सवाल- अगर टेलीग्राम स्कैम का शिकार हो जाएं तो क्या करें?

जवाब- टेलीग्राम का एक आधिकारिक बॉट चैनल है, जिसका नाम ‘नो टू स्कैम’ है। अगर आप टेलीग्राम पर किसी भी तरह के स्कैम का शिकार हो जाते हैं तो इसकी रिपोर्ट कर सकते हैं।

इसके लिए अपने टेलीग्राम अकाउंट को लॉगिन करें। इसके बाद चैट सेक्शन में जाएं और ‘@notoscam’ बॉट को देखें। इस बॉट का नाम रिपोर्ट इंपर्सोनेशन (report impersonation) है और इसमें एक वेरिफाइड चेकमार्क होता है।

चैट विंडो में स्कैमर्स के अकाउंट या चैनल को टैग करें। इसके बाद संक्षेप में बताएं कि आप उनकी रिपोर्ट क्यों कर रहे हैं। इसके बाद टेलीग्राम टीम आपकी सहायता करेगी।

इसके अलावा अपने साथ पैसों की ठगी होने पर नजदीकी साइबर क्राइम थाना या हेल्पलाइन नंबर 1930 से संपर्क करें।

साइबर स्कैम से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए

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