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Rabies Virus Vaccine Explained; How It Spreads | Dog Bite Death | जरूरत की खबर- क्या टीका लगाने पर भी होता रेबीज: कुत्ते-बिल्ली का काटना क्यों है खतरनाक, डॉक्टर से जानें हर सवाल का जवाब

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26 मिनट पहलेलेखक: संदीप सिंह

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हाल ही में एक बच्चे को कुत्ते ने काट लिया। इसके बाद उसे हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने इसे थर्ड ग्रेड डॉग बाइट मानते हुए बच्चे को रेबीज का टीका लगाया और ईम्यूग्लोबिन सीरम की डोज दी। साथ ही बच्चे को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में समयानुसार रेबीज के तीन और टीके भी लगवाए गए, लेकिन इसके एक महीने बाद रेबीज के लक्षणों के कारण बच्चे की मौत हो गई।

ऐसे में सवाल उठता है कि टीका लगवाने के बाद भी बच्चे को रेबीज कैसे हो गया। किन वजहों से बच्चे पर टीके का असर नहीं हुआ।

तो चलिए, आज जरूरत की खबर में इन्हीं सवालों के जवाब जानेंगे। साथ ही बात करेंगे कि-

  • रेबीज किन वजहों से फैल सकता है?
  • रेबीज से बचाव के लिए क्या करें?

एक्सपर्ट:

डॉ. अजय सिंह, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर AIIMS, भोपाल

डॉ. प्रशांत निरंजन, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज, जालौन

सवाल- रेबीज क्या है?

जवाब- रेबीज एक वायरल इन्फेक्शन है, जो आमतौर पर कुत्ते, बिल्ली और बंदर के काटने से होता है। यह संक्रमित जानवर के काटने, खरोंचने या उसकी लार के किसी खुले जख्म के संपर्क में आने से इंसानों में फैल सकता है। रेबीज वायरस इंसान के ब्रेन और नर्वस सिस्टम पर हमला करता है। अगर सही समय पर इलाज न मिले तो व्यक्ति कोमा में जा सकता है या उसकी मौत भी हो सकती है।

सवाल- रेबीज के लक्षण क्या हैं?

जवाब- रेबीज के लक्षणों में सबसे पहले काटने वाली जगह के आसपास चुभन और खुजली महसूस होती है। व्यक्ति को तेज बुखार और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है। रेबीज वायरस धीरे-धीरे नसों के जरिए ब्रेन तक पहुंचता है। इसके बाद के सभी लक्षण ब्रेन से जुड़े होते हैं। इसमें सबसे कॉमन लक्षण पानी को देखकर डर लगना है। कूलर या पंखे की तेज हवा से डरना भी इसका एक लक्षण है। इसके अलावा इसके कुछ अन्य लक्षण भी हैं, इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- किसी जानवर के काटने के बाद आपने रेबीज का टीका लगवाया, लेकिन क्या इसके बाद भी रेबीज हो सकता है?

जवाब- भोपाल AIIMS के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह बताते हैं कि रेबीज एक लाइलाज बीमारी है। अगर कोई व्यक्ति रेबीज से संक्रमित हो गया तो उसे बचाना मुश्किल है। रेबीज का टीका लगवाने के बाद भी मौत होने के कई संभावित कारण हो सकते हैं। जैसेकि-

  • अगर कुत्ते के काटने के बाद तुरंत बाद टीका न लगवाया गया हो।
  • अगर टीकाकरण के दौरान लापरवाही बरती गई हो।
  • अगर जानवर ने शरीर के ऊपरी हिस्से में (गर्दन और चेहरे के आसपास) गहरा जख्म दिया हो।
  • अगर रेबीज टीके के रखरखाव में कोल्ड चेन मेंटेन न की गई हो यानी टीका सही टेम्परेचर पर न रखा गया हो।
  • इसके अलावा अगर कुत्ते ने कई लोगों को काटा हो या कुत्ता पागल हो।

सवाल- क्या इस बात से भी फर्क पड़ता है कि रेबीज संक्रमित जानवर ने शरीर के किस हिस्से में काटा है?

जवाब- डॉ. प्रशांत निरंजन बताते हैं कि बिल्कुल इस बात से फर्क पड़ता है। व्यक्ति को कुत्ते ने ब्रेन से जितनी दूर काटा होगा, उतने ही धीरे-धीरे उसके लक्षण दिखाई देंगे। यानी अगर कुत्ते ने व्यक्ति के पैर में काटा है तो रेबीज के लक्षण दिखने में समय लगेगा। जबकि हाथ, गर्दन या चेस्ट पर काटा है तो इन्फेक्शन जल्दी ब्रेन तक पहुंच सकता है। ऐसी स्थिति में भी कई बार मरीज को बचाना मुश्किल हो सकता है। रेबीज के लक्षण व्यक्ति में संक्रमित जानवर के काटने के कुछ दिनों, हफ्तों, महीनों या सालों बाद भी दिखाई दे सकते हैं।

सवाल- रेबीज के टीके की कितनी डोज दी जाती हैं?

जवाब- आज से 20-25 साल पहले पेट में रेबीज के 14 टीके लगते थे। अब आमतौर पर रेबीज के टीके का कोर्स 5 डोज का होता है। यह जिस दिन से कुत्ते ने काटा है, उस दिन से शुरू होता है। यानी रेबीज का टीका काटने वाले दिन से लेकर तीसरे, 7वें, 14वें और 21वें दिन दिया जाता है।

सवाल- क्या जानवर की मामूली खरोंच या दांत लगने पर भी पांच टीके लगते हैं?

जवाब- नहीं। यह इस पर निर्भर करता है कि घाव कितना ज्यादा है। कुत्ते, बिल्ली या बंदर के काटने या खरोंच मारने के बाद तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। डॉक्टर सबसे पहले यह देखेंगे कि घाव किस टाइप का है। आमतौर पर डॉग बाइट के मामलों को तीन कैटेगरी में बांटा जाता है।

पहला- अगर सिर्फ कुत्ते की लार लग गई है।

दूसरा- अगर कुत्ते के नाखून या दांत की रगड़ लग गई है, लेकिन खून नहीं निकला है।

तीसरा- अगर कुत्ते के दांत मांस में गड़ गए हैं और मांस उधड़ गया है।

सवाल- रेबीज के टीके और सीरम में क्या अंतर है?

जवाब- डॉ. प्रशांत निरंजन बताते हैं कि अगर थर्ड ग्रेड डॉग बाइट है तो वैक्सीन के बजाय तुरंत सीरम लगवाना ज्यादा सेफ है। वैक्सीन एक एंटीजन होता है। यह शरीर में जाने के बाद रेबीज वायरस से लड़ने के लिए पहले एंटीबॉडी बनाता है। इसमें 3 से 4 दिन लग जाते हैं। जबकि सीरम में एंटीबॉडी होती है। यह शरीर में जाते ही रेबीज के वायरस को खत्म करना शुरू कर देता है।

सवाल- रेबीज कितनी खतरनाक बीमारी है?

जवाब- रेबीज एक जानलेवा वायरस है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, हर साल दुनिया में रेबीज के कारण करीब 59,000 लोगों की मौत होती है। वहीं भारत में इससे हर साल 20,000 लोगों की जान जाती है। भारत में रिपोर्ट किए गए 60% रेबीज के मामले और मौतें 15 साल से कम उम्र के बच्चों की होती हैं क्योंकि बच्चों के काटने के मामले अक्सर रिपोर्ट नहीं किए जाते हैं।

सवाल- अगर कुत्ता काट ले तो क्या करें?

जवाब- कुत्ते के काटने के बाद लापरवाही न बरतें। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, ताकि इन्फेक्शन से बचा जा सके। इसके अलावा कुछ बेसिक गलतियां न करें। इसे नीचे दिए गए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- क्या हर कुत्ते के काटने से रेबीज होता है?

जवाब- आजकल लोग अपने पालतू कुत्तों को रेबीज का (एंटी-रेबीज) टीका पहले से लगवा देते हैं, जिससे रेबीज की संभावना कम रहती है। हालांकि चाहे पालतू कुत्ता काटे या आवारा, इसमें लापरवाही न बरतें। एक बार डॉक्टर को जरूर दिखाएं।

सवाल- क्या रेबीज संक्रामक बीमारी है?

जवाब- रेबीज एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। वायरस अक्सर संक्रमित जानवर के काटने से फैलता है।

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