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Relationship Insecurity Warning Signs (How to Identify) | रिलेशनशिप- क्या आप रिश्ते में इनसिक्योर हैं: इन 8 संकेतों से पहचानें, रिलेशनशिप काउंसलर ने बताए इससे निपटने के 8 तरीके

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49 मिनट पहलेलेखक: शिवाकान्त शुक्ल

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किसी भी हेल्दी रिलेशनशिप में दोनों पार्टनर को प्यार, सम्मान और सुरक्षा महसूस होनी चाहिए। एक हेल्दी रिश्ता तब टूटता है, जब इसमें इनसिक्योरिटी बढ़ जाती है। रिश्ते में इनसिक्योरिटी का मतलब अपने पार्टनर पर विश्वास न होना है।

इनसिक्योरिटी के साथ जीना परेशान करने वाला हो सकता है। यह आत्मसंदेह की भावना पैदा कर सकता है। अगर समय रहते रिश्ते में इनसिक्योरिटी के संकेतों को नहीं पहचाना जाए तो यह धीरे-धीरे रिश्ते को खत्म कर सकता है।

तो आज रिलेशनशिप कॉलम में हम रिश्ते में इनसिक्योरिटी के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-

  • इनसिक्योरिटी कैसे रिश्ते को प्रभावित करती है?
  • इससे कैसे निपटा जा सकता है?

रिलेशनशिप में इनसिक्योरिटी क्या है?

रिलेशनशिप में इनसिक्योरिटी का मतलब है कि व्यक्ति अपने रिश्ते को लेकर चिंतित और अनिश्चित रहता है। जैसे-जैसे वह रिश्ते में आगे बढ़ता है, उसे इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इनसिक्योरिटी में ऐसा भी महसूस हो सकता है कि पार्टनर किसी दूसरे के साथ अटैच्ड है। जितना ज्यादा नकारात्मक विचारों में उलझेंगे, इनसिक्योरिटी उतनी ही बढ़ती जाएगी।

रिश्ते में इनसिक्योरिटी को पहचानें

रिलेशनशिप में इनसिक्योरिटी आम बात है। हालांकि इसकी अति रिश्ते को खत्म कर सकती है। इसलिए समय रहते रिलेशनशिप में इनसिक्योरिटी के संकेतों को पहचानना जरूरी है। नीचे दिए ग्राफिक के जरिए इसके संकेतों को समझिए-

इनसिक्योरिटी का रिश्ते पर पड़ता नकारात्मक प्रभाव

जब किसी व्यक्ति को खुद या अपने पार्टनर के लिए इनसिक्योरिटी फील होती है तो यह रिश्ते को नुकसान पहुंचा सकती है। इनसिक्योर व्यक्ति को लगता है कि वह परफेक्ट नहीं है या उसका पार्टनर उसे पसंद नहीं करता है। इनसिक्योरिटी की भावना रिश्ते में असंतुलन पैदा कर सकती है। इससे रिश्ता टूटने तक की नौबत आ सकती है।

इसके अलावा ये मेंटल हेल्थ पर भी बुरा असर डालती है। यह रोमांटिक रिलेशन के साथ-साथ दोस्तों, कुलीग्स, बच्चों और परिवार के सदस्यों के साथ आपके रिश्ते को भी प्रभावित करती है। इनसिक्योर व्यक्ति अपने पार्टनर पर विश्वास नहीं कर पाते हैं। यह अविश्वास संदेह को जन्म देता है, जो रिश्ते को कमजोर करता है। यदि कोई व्यक्ति बार-बार अपने पार्टनर पर डाउट करता है या उस पर सवाल उठाता है तो यह रिश्ते में तनाव और दूरियां पैदा कर सकता है।

इनसिक्योरिटी के कारण व्यक्ति अपने पार्टनर के फोन, सोशल मीडिया प्रोफाइल या पर्सनल मैसेजेस चेक करने की कोशिश कर सकता है। यह व्यवहार न केवल दूसरे व्यक्ति को असहज बनाता है, बल्कि रिश्ते में प्राइवेसी और स्वतंत्रता की कमी भी पैदा कर सकता है।

रिलेशनशिप में इनसिक्योरिटी पर ऐसे पाएं काबू

रिश्ते में इनसिक्योरिटी की भावना हावी न हो, इसके लिए अपने डर को समझना, अपनी भावनाओं के बारे में पार्टनर से खुलकर बात करना और जरूरत पड़ने पर प्रोफेशनल्स की सलाह लेना जरूरी है। इसके अलावा भी कुछ चीजें हैं, जिनके जरिए इनसिक्योरिटी की भावना को कम किया जा सकता है। इसे नीचे ग्राफिक से समझिए-

आइए, अब ऊपर दिए इन पॉइंट्स के बारे में विस्तार से बात करते हैं।

अपने डर का पता लगाएं

उन स्थितियों और विषयों की पहचान करें, जो इनसिक्योरिटी की भावनाओं को बढ़ावा देती हैं। इसके लिए एक डायरी बनाएं। इसमें इनसिक्योरिटी महसूस करने पर अपने विचार लिखें। यह अभ्यास उन स्थितियों की पहचान करने में मदद कर सकता है, जो इनसिक्योरिटी की भावना को जन्म देती हैं।

अपनी इनसिक्योरिटी के बारे में पार्टनर को बताएं

अपनी इनसिक्योरिटी के बारे में पार्टनर से खुलकर बातचीत करें। उन्हें बताएं कि आप किन चीजों के बारे में ज्यादा चिंतित रहते हैं। इससे पार्टनर को आपकी भावनाओं को समझने और इनसिक्योरिटी को दूर करने में मदद मिल सकती है। लेकिन इसे बताने के लिए सही समय का चुनाव करना जरूरी है। कई बार पार्टनर से बातचीत के बाद चीजें अपने आप हल हो जाती हैं।

पार्टनर से अपनी भावनाएं साझा करें

रिश्ते में इनसिक्योरिटी दूर करने के लिए पार्टनर के साथ अपनी भावनाएं साझा करना मददगार हो सकता है। इस दौरान पार्टनर को दोष दिए बिना अपनी भावनाएं शेयर करें। ये रिश्ते को मजबूत और गहरा बना सकता है। ध्यान रहे कि खुद बोलने के साथ ही अपने पार्टनर को सुनना भी जरूरी है।

ओवरथिंकिंग से बचें

अपने दिमाग में आने वाले हर नकारात्मक विचार पर न साेचें। ऐसे ख्याल आने पर उससे ध्यान भटकाने की कोशिश करें। इसके लिए कोई फिजिकल एक्टिविटी या मेडिटेशन कर सकते हैं। इसके अलावा किसी दूसरी चीजों पर ध्यान केंद्रित करके ओवरथिंकिंग को कम कर सकते हैं।

सेल्फ अवेयरनेस पर ध्यान दें

रिलेशनशिप में सेल्फ अवेयर होने का मतलब अपनी भावनाओं, विचारों, कमजोरियों, चुनौतियों और ताकतों को समझना है। यह हेल्दी रिश्ते का एक अहम हिस्सा है। सेल्फ अवेयरनेस से इनसिक्योरिटी की भावनाओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

खुद पर और अपने पार्टनर पर विश्वास करें

भरोसा किसी भी रिश्ते की नींव है। जिस रिश्ते में भरोसा नहीं होता है, वह ज्यादा समय तक चल नहीं पाता है। इसलिए खुद पर और अपने पार्टनर पर विश्वास करना जरूरी है। इनसिक्योरिटी की भावना इसमें बाधा डालती है। लेकिन एक-दूसरे के विश्वास के सहारे भरोसे की डोर को मजबूत किया जा सकता है।

किसी थेरेपिस्ट की मदद लें

जब इनसिक्योरिटी की भावना खुद पर हावी हो जाए और चाहकर भी उससे न निकल पाएं तो किसी साइकोलॉजिस्ट की मदद ले सकते हैं। वे इस भावना से उबरने में आपकी मदद कर सकते हैं।

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