16 मिनट पहलेलेखक: शिवाकान्त शुक्ल
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कहते हैं, जहां प्यार होता है, वहां तकरार भी होती है। लेकिन तकरार के बाद माफी मांग लेना किसी भी हेल्दी रिश्ते का एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह विनम्रता, सहानुभूति और अपनी गलती की जिम्मेदारी लेने की इच्छा को दिखाता है। हालांकि हर समय ‘सॉरी’ बोलना किसी भी रिश्ते के लिए अच्छा नहीं है। कई बार माफी न मांगने से भी रिश्ता मजबूत होता है।
तो आज रिलेशनशिप कॉलम में हम बात करेंगे कि पार्टनर से किन स्थितियों में सॉरी नहीं बोलना चाहिए। साथ ही जानेंगे कि ज्यादा सॉरी बोलना रिश्ते के लिए कैसे नुकसानदायक हो सकता है।
पार्टनर से कब सॉरी नहीं बोलना चाहिए?
प्यार में कपल्स के बीच झगड़े होना स्वाभाविक है। लेकिन अगर हर बार किसी एक पार्टनर को ही माफी मांगनी पड़े तो ये रिश्ते को अनहेल्दी बना सकता है। कई बार रिश्ते को मजबूत बनाने या अपनी बात को साबित करने के लिए सॉरी न बोलना भी जरूरी है। नीचे ग्राफिक में कुछ ऐसी परिस्थितियां बताई गई हैं, जब पार्टनर से माफी नहीं मांगनी चाहिए।
अब आइए ऊपर दिए पॉइंट्स के बारे में विस्तार से बात करते हैं।
जब आपकी कोई गलती न हो
रिलेशनशिप में कुछ लोग अपने पार्टनर से अक्सर माफी मांगते हैं, जबकि उन्हें पता होता है कि वे सही हैं। वह जानते हैं कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है, फिर भी वे अपने रिश्ते को बचाए रखने के लिए ऐसा करते हैं। लेकिन हर बार किसी एक को ऐसा नहीं लगना चाहिए कि माफी मांगने की जिम्मेदारी केवल उसी की है। रिश्ते को बचाने के लिए दोनों पार्टनर्स की बराबर साझेदारी होनी चाहिए, तभी रिश्ता मजबूत होता है।
जब आप कोई सच्चाई बता रहे हों
रिश्ते में बहुत से लोग अपने पार्टनर से तब भी माफी मांगते हैं, जब वे कोई फैक्ट्स बता रहे होते हैं। वे ऐसा रिश्ते में संतुलन और सामंजस्य बनाए रखने के लिए करते हैं। हालांकि अगर यह आदत बन जाए तो लॉन्ग टाइम में रिलेशनशिप के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
जब आपका नजरिया अलग हो
रिलेशनशिप में पार्टनर्स किसी बात को लेकर सहमत या असहमत हो सकते हैं। इसे लेकर दोनों के बीच म्युचुअल अंडरस्टैंडिंग होनी चाहिए। अगर आप पार्टनर की किसी बात से असहमत हैं और उसे कहने से पहले आपको माफी मांगनी पड़ती है तो यह हेल्दी रिलेशनशिप का साइन नहीं है। यह दर्शाता है कि रिश्ते में दरार न आए, इसलिए आप ऐसा कर रहे हैं।
सेल्फ-केयर के लिए समय निकालने पर
कई बार लोग खुद के लिए समय निकालना चाहते हैं। लेकिन किन्हीं वजहों से वे ऐसा नहीं कर पाते हैं और मन-ही-मन इसे लेकर खुद को कोसते रहते हैं। जब कभी वह ऐसा करते भी हैं तो उन्हें लगता है कि वह पार्टनर के साथ गलत कर रहे हैं। इसके लिए वह अपने पार्टनर से माफी भी मांगते हैं।
हालांकि सेल्फ केयर रिलेशनशिप के लिए बुरा नहीं है। इससे रिश्ते पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। हर किसी को खुद के लिए वक्त निकालने का अधिकार है। इसके लिए सॉरी या गिल्ट की कोई आवश्यकता नहीं है।
इस्राइल में 15 सालों से कपल एंड फैमिली थेरेपिस्ट के रूप में काम कर रहे डॉ. आसेल रोमानेली ने माफी की बहुत ही शानदार परिभाषा दी है।
जब अपने अधिकारों के लिए खड़े हों
रिलेशनशिप में कई बार व्यक्ति अपनी आवाज उठाने की जरूरत महसूस करता है। अपने अधिकारों के लिए खड़े होना अच्छी बात है। लेकिन इसके लिए माफी मांगने की जरूरत नहीं होनी चाहिए।
जब पार्टनर को बता रहे हों कि वह गलत हैं
अगर आपका पार्टनर कुछ गलत कर रहा है और आप उसे ये बताना चाहते हैं तो इसमें सॉरी बोलने की कोई जरूरत नहीं है। इसमें हिचकिचाहट भी महसूस नहीं करनी चाहिए।
जब पार्टनर की बात नहीं मानना चाहते
ऐसे कई मौके होते हैं, जब आप अपने पार्टनर के साथ सहमत नहीं होते। मान लीजिए कि आपका पार्टनर किसी पार्टी में जाना चाहता है, लेकिन आपका बिल्कुल मन नहीं है। ऐसे में आप उसे स्पष्ट मना कर सकते हैं। इसमें सॉरी बोलने की जरूरत नहीं है।
जब अपनी फीलिंग्स बयां कर रहे हों
जब कभी आप पार्टनर के साथ अपनी भावनाओं को बयां कर रहे हों, उस वक्त सॉरी बोलने की कोई जरूरत नहीं है। इस कंडीशन में सॉरी बोलने का मतलब है कि आप अपनी वैल्यू खो चुके हैं।
ज्यादा माफी मांगने के नुकसान
जो लोग अपने पार्टनर से बहुत अधिक माफी मांगते हैं, वे स्वयं को कमतर महसूस करते हैं। ऐसा लगता है कि वे उन पर बोझ हैं या उनका अपना कोई अस्तित्व नहीं है। लगातार माफी मांगने से गिल्ट की भावना पैदा हो सकती है। नीचे ग्राफिक में देखें कि ज्यादा माफी मांगने के और क्या नुकसान हैं।
किस स्थिति में माफी मांगना सही
यह सुनने में बहुत ही साधारण सवाल लग सकता है। लेकिन माफी की जरूरत सिर्फ तभी होती है, जब आपने कुछ गलत किया हो। तब नहीं, जब कोई बिना कारण के आप पर नाराज हो। तब भी नहीं, जब आप किसी विवाद को शांत करने के लिए दोष अपने ऊपर लेना चाहते हों।
हालांकि जब आपने कोई गड़बड़ी की हो और किसी को चोट पहुंचाई हो तो जरूर आगे बढ़कर माफी मांगनी चाहिए। यह जवाबदेही का एक रूप है। यह कहने का एक तरीका है कि आप जिम्मेदारी ले रहे हैं। उनके दर्द को स्वीकार कर रहे हैं और वादा कर रहे हैं कि भविष्य में ऐसा नहीं करेंगे।