13 मिनट पहलेलेखक: शैली आचार्य
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सितंबर का महीना ओवेरियन कैंसर अवेयरनेस मंथ है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी ने लोगों में ओवेरियन कैंसर को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए इसकी शुरुआत की थी।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक, ओवेरियन कैंसर भारत में महिलाओं में होने वाला तीसरा सबसे बड़ा कैंसर है। पूरी दुनिया में हर साल तकरीबन पौने दो लाख औरतों की मृत्यु ओवेरियन कैंसर के कारण होती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO )की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018 पूरी दुनिया में ओवरियन कैंसर से 184,799 औरतों की मृत्यु हो गई.
बॉलीवुड एक्ट्रेस मनीषा कोइराला भी इस बीमारी से जूझ चुकी हैं। हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू में इस बारे में बात की थी।
मनीषा कोइराला ने कहा, “मेरे जीवन में कहीं-न-कहीं कुछ अधूरा है। जैसे-जैसे आप बड़े होते हैं, अपनी रिएलिटी को स्वीकार कर लेते हैं। ऐसे बहुत से सपने हैं, जिनके बारे में आपको एहसास होता है कि वो पूरे नहीं होंगे और आप उससे समझौता कर लेते हैं। मदरहुड उनमें से एक है। मेरे लिए ओवेरियन कैंसर होना और मां न बन पाना कठिन था, लेकिन मैंने इसे एक्सेप्ट किया।”
सिर्फ मनीषा ही नहीं, देश में कई महिलाएं इस बीमारी से लड़ रही हैं। कई महिलाओं को तो पता भी नहीं है कि उन्हें ये बीमारी है। क्योंकि इसके लक्षण काफी देर से पता चल पाते हैं।
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के मुताबिक कि वर्ष 2024 में अब तक अकेले अमेरिका में ओवेरियन कैंसर के लगभग 19,680 नए मामले सामने आए हैं।
ICMR के मुताबिक, भारत में ओवेरियन कैंसर की दर प्रति 1,00,000 महिलाओं पर लगभग 6.8 है। इसका खतरा उम्र के साथ-साथ बढ़ता जाता है। ये 35 साल की उम्र से बढ़ता है और 55-64 वर्ष की उम्र के बीच चरम पर होता है।
इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में बात करेंगे ओवेरियन कैंसर, उसके लक्षण और गंभीरता की। साथ ही जानेंगे कि-
- ओवेरियन कैंसर के रिस्क फैक्टर क्या हैं?
- ओवेरियन कैंसर से कैसे कर सकते हैं बचाव।
ओवेरियन कैंसर क्या है और यह कितना खतरनाक
ओवेरियन कैंसर महिलाओं की ओवरी (अंडाशय) में होता है। ओवरी वह रिप्रोडक्टिव अंग है, जहां अंडे बनते हैं। ये अंडे फैलोपियन ट्यूब्स से गर्भाशय में जाते हैं, जहां निषेचित अंडा (Fertilized Egg) भ्रूण में विकसित होता है। अंडाशय में किसी भी तरह के कैंसर का विकास ही ओवेरियन कैंसर है। ओवेरियन कैंसर ज्यादातर अंडाशय की बाहरी परत से पैदा होता है।
अंडाशय फीमेल हॉर्मोन्स एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्ट्रोन (Progesterone) का भी मुख्य स्त्रोत है। जब फैलोपियन ट्यूब में असामान्य कोशिकाएं बढ़ जाती हैं और नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं, तब ये कैंसर का रूप ले लेती हैं। ओवेरियन कैंसर का पता लगाना मुश्किल होता है। ओवेरियन कैंसर के बाद महिला का कंसीव कर पाना इस बात पर निर्भर करता है कि उसका कैंसर का कौन सी स्टेज पर है।
ओवेरियन कैंसर की स्टेज और टाइप
- एपिथेलियल ओवेरियन कैंसर (Epithelial Ovarian Cancer)- यह सबसे आम प्रकार का कैंसर है। यह अक्सर 20 से 25 साल की महिलाओं में होता है।
- प्राइमरी पेरिटोनियल कैंसर (Primary Peritoneal Cancer)- यह पेरिटोनियम का एक दुर्लभ कैंसर है। इसका सर्वाइवल रेट 11-17 महीने का होता है।
- फैलोपियन ट्यूब कैंसर (Fallopian Tube Cancer)- यह कैंसर दुर्लभ है, इसके होने की संभावना सिर्फ 1% है।
- बॉर्डरलाइन ओवेरियन ट्यूमर (Borderline Ovarian Tumours)- इसमें अंडाशय को कवर करने वाले टिशूज में असामान्य कोशिकाएं बन जाती हैं। यह आमतौर पर सर्जरी से ठीक हो जाता है।
ओवेरियन कैंसर के लक्षण
ओवेरियन कैंसर के लक्षण ज्यादातर महिलाएं नजरअंदाज कर देती हैं। इसीलिए अंडाशय का कैंसर लेट स्टेज में पता लग पाता है, जबकि गर्भाशय का कैंसर ज्यादातर महिलाओं में पहली स्टेज में ही पता लग जाता है। इसे अल्ट्रासाउंड, MRI और CT स्कैन से पता लगाया जा सकता है।
इस बीमारी के कई लक्षण हो सकते हैं। नीचे ग्राफिक में देखें-
ओवेरियन कैंसर महिलाओं की फर्टिलिटी को कैसे प्रभावित करता है
ओवेरियन कैंसर के उपचार का मतलब यह हो सकता है कि आप स्वाभाविक रूप से गर्भवती नहीं हो सकेंगी। लेकिन आपके पास अभी भी इसके विकल्प हो सकते हैं। यह इस पर भी निर्भर करता है कि ओवेरियन कैंसर की कौन-सी स्टेज है।
ओवेरियन कैंसर क्यों होता है
ओवेरियन कैंसर के कई कारण हो सकते हैं, जैसे उम्र, लाइफस्टाइल या फैमिली हिस्ट्री या स्मोकिंग और शराब का सेवन। इंटरनेशनल एंजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के मुताबिक, एपिथेलियल ओवेरियन कैंसर तंबाकू और स्मोकिंग के कारण हो सकता है।
ओवेरियन कैंसर का इलाज क्या है
ओवेरियन कैंसर के उपचार कई तरह से हो सकते हैं। इसका ट्रीटमेंट अंडाशय कैंसर के प्रकार, स्टेज और स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए ही किया जाता है। इसमें शामिल हैं-
- सर्जरी
- कीमोथेरेपी (Chemotherapy)
- सर्जरी और कीमोथेरेपी दोनों का संयोजन
- रेडियोथेरेपी
ओवेरियन कैंसर से कैसे बचा जाए
ओवेरियन कैंसर से बचने के लिए महिलाओं को अपनी लाइफस्टाइल पर सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए। महिलाएं इन बातों का विशेष ध्यान रखें-
- प्रोटीन से भरपूर डाइट लें, फास्ट फूड और ज्यादा फैट वाले खाने से परहेज करें।
- हर रोज व्यायाम या कोई एक्सरसाइज करें।
- सिगरेट और अल्कोहल से परहेज करें।
- महिलाओं को नियमित रूप में बॉडी स्क्रीनिंग टेस्ट करवाते रहना चाहिए।
- जिन महिलाओं के परिवार में कभी किसी को कोलोन कैंसर (Colon Cancer), प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) या गर्भाशय का कैंसर (Uterine Cancer) रह चुका है, उन महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और नियमित जांच करवानी चाहिए।
- स्वस्थ वजन बनाए रखने से ओवेरियन कैंसर होने का खतरा कुछ हद तक कम हो जाता है।
- पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग और दर्द ज्यादा हो तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
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