47 मिनट पहलेलेखक: गौरव तिवारी
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शाहरुख खान ने 2 नवंबर को यानी अपने बर्थडे के दिन सार्वजनिक किया कि उन्होंने स्मोकिंग छोड़ दी है। करोड़ों लोगों के दिलों पर राज करने वाले बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख खान ने 26 साल की उम्र में सिगरेट पीना शुरू किया था और तकरीबन 59 की उम्र तक वो सिगरेट पीते रहे।
शाहरुख के स्मोकिंग छोड़ने की सबसे अच्छी बात ये है कि इस फैसले से उनके बहुत से चाहने वालों को भी यह विल पावर मिलेगी कि वह भी स्मोकिंग छोड़ सकते हैं।
सच तो ये है कि दुनिया का हर स्मोकर जानता है कि सिगरेट का हर कश उसके लंग्स को नुकसान पहुंचा रहा है। उसके शरीर के सभी अंगों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है। इसके कारण लंग कैंसर, हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, अस्थमा और COPD जैसी खतरनाक बीमारियों का जोखिम बढ़ रहा है।
शाहरुख खान ने बताया है कि अभी उन्हें सांस लेने में मुश्किल हो रही है। इससे यह सवाल उठता है कि स्मोकिंग छोड़ने के कितने दिन बाद हार्ट हेल्थ में सुधार होना शुरू होता है। बॉडी को अब तक स्मोकिंग से हुए डैमेज को रिकवर करने में कितना वक्त लगता है।
अमेरिकन कैंसर सोसायटी के मुताबिक, सिगरेट छोड़ने के अगले ही मिनट से सुधार होना शुरू हो जाता है। आखिरी सिगरेट पीने के 20 मिनट बाद हमारा ब्लड प्रेशर सामान्य होने लगता है, हार्ट रेट भी सामान्य होने लगती है।
हालांकि हार्ट की कंप्लीट हीलिंग में कितना समय लगेगा, यह इस पर निर्भर करता है कि कोई व्यक्ति कितने लंबे समय से स्मोकिंग कर रहा है और वह दिन भर में कितनी सिगरेट पीता है?
आज ‘सेहतनामा’ में जानेंगे कि सिगरेट के बाद हीलिंग में कितना समय लगता है। साथ ही जानेंगे कि-
- स्मोकिंग से देश-दुनिया में कितने लोगों की मौत हो रही है?
- स्मोकिंग के कारण किन बीमारियों का जोखिम बढ़ता है?
- सिगरेट छोड़ने पर हमारा हार्ट कैसे हील करता है?
स्मोकिंग के कारण हर साल लाखों लोगों की मौत
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, अमेरिका में हर साल हर 5 में से 1 मौत सिगरेट स्मोकिंग के कारण होती है। यहां हर साल स्मोकिंग के कारण 4 लाख 80 हजार लोगों की मौत हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, पूरी दुनिया में हर साल स्मोकिंग के कारण 80 लाख से ज्यादा लोगों की कम उम्र में ही मौत हो जाती है। भारत में हर साल स्मोकिंग के कारण 10 लाख से अधिक लोगों की मौत होती है।
स्मोकिंग के कारण किन बीमारियों का जोखिम बढ़ता है?
सिगरेट का धुआं हमारे फेफड़ों से होकर हार्ट में जाता है। इसके बाद दिल के जरिए खून में समा जाता है। यह धुआं खून के जरिए हमारे ब्रेन और किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों तक पहुंचता है। यह सभी अंगों के कामकाज को प्रभावित करता है। इसके अलावा धुएं में मौजूद कार्सिनोजेन ही बाद में कैंसर का कारण बनते हैं।
स्मोकिंग से और भी कई जानलेवा बीमारियों का जेखिम बढ़ता है, ग्राफिक में देखिए:
जयपुर के नारायणा हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉक्टर देवेन्द्र श्रीमाल कहते हैं कि इन खतरनाक बीमारियों से बचने का सिर्फ एक ही उपाय है– स्मोकिंग छोड़ना। अगर आपके दिमाग में बार-बार ये सवाल आता है कि स्मोकिंग छोड़ने के कितने दिन बाद आपका हार्ट पहले की तरह हो जाएगा तो आइए नीचे दिए कुछ ग्राफिक्स के जरिए इसे समझते हैं।
सबसे पहले ब्लड प्रेशर सामान्य होता है
सिगरेट में निकोटिन की मौजूदगी के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर बढ़ने के और भी कई कारण हैं, जैसे इसका धुआं ब्लड वेसल्स की दीवारों में जमा होने के कारण वेसल्स संकरी हो जाती हैं। इससे ब्लड क्लॉटिंग की आशंका भी बढ़ती है। इसलिए हार्ट को खून की आवाजाही के लिए अधिक जोर लगाना पड़ता है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।
जब हम स्मोकिंग छोड़ते हैं तो हमें ब्लड प्रेशर का प्रमुख कारण निकोटिन मिलना बंद हो जाता है। इसलिए यह धीरे-धीरे सामान्य हो जाता है। निकोटिन नहीं मिलने से हार्ट रेट भी सामान्य हो जाता है। यह प्रक्रिया आखिरी सिगरेट पीने के आधे घंटे के भीतर ही शुरू हो जाती है।
लगभग 12 से 24 घंटे बीतने पर सिगरेट के धुएं के कारण हमारे ब्लड में घुले मोनोऑक्साइड का स्तर भी कम होने लगता है। इससे हार्ट अटैक का जोखिम कम हो जाता है। अगले 2-3 सप्ताह में और 1 से 9 महीने में शरीर में क्या हीलिंग होती है, ग्राफिक में देखिए:
एक साल बाद हार्ट डिजीज और कैंसर का जोखिम आधा हो जाता है
स्मोकिंग करने वाले लोगों में अन्य लोगों की अपेक्षा कैंसर, हार्ट डिजीज और अस्थमा जैसी बीमारियों का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। अगर कोई व्यक्ति स्मोकिंग छोड़ देता है तो हीलिंग से एक साल के अंदर कोरोनरी हार्ट डिजीज का जोखिम आधा हो जाता है। इसका मतलब है कि हमारा हार्ट और शरीर मात्र एक साल में अपनी आधी रिकवरी कर लेता है।
10 से 15 साल में पहले जैसा हो जाता है दिल और शरीर
स्मोकिंग छोड़ने के 10 साल बाद लंग कैंसर से मौत का जोखिम स्मोकिंग करने वालों की तुलना में आधा हो जाता है। ब्लैडर कैंसर और सर्वाइकल कैंसर का जोखिम भी लगभग आधा रह जाता है।
अगर स्मोकिंग छोड़े हुए लगभग 15 साल बीत चुके हैं तो कोरोनरी हार्ट डिजीज का जोखिम स्मोकिंग न करने वाले लोगों के जितना ही रह जाता है।
स्मोकिंग कैसे छोड़ें
स्मोकिंग छोड़ने के लिए सबसे पहले एक मोटिवेशन खोजना होता है, जिसके बल पर खुद को समझा सकें कि हम इसलिए स्मोकिंग छोड़ना चाहते हैं। ये कुछ भी हो सकता है। जैसे हम अपने बच्चों को पैसिव स्मोकर नहीं बनाना चाहते हैं। आगे का जीवन स्वस्थ तरीके से जीना चाहते हैं।
इसके बाद यह देखना होगा कि किन इमोशनल ट्रिगर्स पर हम स्मोकिंग की तरफ रुख करते हैं। उन्हें काबू करने से स्मोकिंग छोड़ना आसान हो जाएगा। इसके अलावा हमें ट्रिगर फूड्स का भी ख्याल रखना होगा। इनसे सिगरेट पीने की क्रेविंग बढ़ सकती है।
इसके अलावा नीचे ग्राफिक में दिए पॉइंट्स को ध्यान से देखें और फॉलो करें। अगर आप स्मोकर हैं तो आज ही इस जहरीली आदत से मुक्त होने का प्रण लें।
ग्राफिक्स: अंकुर बंसल
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अमेरिका में प्रतिवर्ष हर पांच में से एक मौत सिगरेट स्मोकिंग के चलते होती है। हर साल 4 लाख 80 हजार लोग स्मोकिंग के कारण मौत का शिकार हो रहे हैं। पूरी खबर पढ़िए…