2 मिनट पहलेलेखक: शैली आचार्य
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बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की असामयिक मृत्यु के बाद एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती का जीवन मानो पूरी तरह से उलट गया। इस दौरान उन्होंने अपनी जिंदगी का सबसे मुश्किल वक्त गुजारा। हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में रिया ने जेल में बीते अपने बुरे वक्त के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि कैसे मुश्किल समय ने उनका आत्मविश्वास और पहचान दोनों छीन ली। उन्हें कितना मानिसक आघात पहुंचा और इससे बाहर निकलने में उन्हें कितनी मुश्किल हुई।
रिया ने कहा, “जेल वास्तव में एक बहुत ही अलग दुनिया है क्योंकि जेल में कोई समाज नहीं है। एक अजीब सा समानता का भाव है। यहां आपको हर दिन सिर्फ जिंदा रहना है और वो एक दिन एक साल के बराबर लगता है।”
रिया ने बताया कि जेल ने उन्हें पूरी तरह बदल दिया। उन्हें सोशल मीडिया पर लोगों के खूब ताने सुनने पड़े थे। किसी ने उन्हें चुड़ैल कहा तो किसी ने ये तक कह दिया कि वो काला जादू करती हैं। इसका उनकी जिंदगी पर बहुत बुरा असर हुआ।
रिया की तरह ही हम में से कई लोग हैं, जो जीवन में कठिन वक्त का सामना करते हैं। कुछ लोग मुश्किल वक्त से गुजरने के बाद अपनी असली पहचान वापस पाने में कठिनाई महसूस करते हैं। तो कुछ लोग आत्मविश्वास ही खो देते हैं और समाज से वापस जुड़ नहीं पाते। वहीं कई लोग ऐसे भी हैं, जो ऐसी परिस्थितियों का सामना करने के बाद डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, डिप्रेशन किसी को भी हो सकता है। जो लोग दुर्व्यवहार, गंभीर नुकसान या कोई मुश्किल या तनावपूर्ण अनुभव से गुजरे हैं।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं को डिप्रेशन होने की संभावना ज्यादा होती है। आंकड़े कहते हैं कि 3.8% आबादी अवसाद का अनुभव करती है, जिसमें 5% एडल्ट (पुरुषों में 4% और महिलाओं में 6%) और 5.7% 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग शामिल हैं। दुनिया में लगभग 2.8 करोड़ लोग अवसाद से पीड़ित हैं।
तो आज ‘रिलेशनशिप’ में बात करेंगे कैसे जीवन में कठिन परिस्थितियों से उबरें। कैसे आप अपना खोया हुआ आत्मविश्वास और पहचान वापस पा सकते हैं। साथ ही समाज से वापस खुद को कैसे जोड़ सकते हैं।
बुरा वक्त का सबसे बुरा असर मानसिक स्वास्थ्य पर
जीवन में बुरे अनुभवों का सबसे गंभीर प्रभाव मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। चूंकि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य आपस में जुड़े हुए हैं तो शरीर पर इसका बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
जीवन एक संघर्ष है, ऐसे में चुनौतियां तो आएंगी ही। लेकिन जब यह चुनौतियां हमारे दिमाग में बुरी छाप छोड़ जाती हैं तो वापस सामान्य जीवन में लौटना मुश्किल हो जाता है। साथ ही कई बार ऐसा भी होता है कि हम अपना आत्मविश्वास खो बैठते हैं। लोगों के बीच जाने में डरते हैं और जीवन में आगे बढ़ना भी किसी पहाड़ तोड़ने से कम नहीं लगता है।
इन परिस्थितियों का जीवन में पड़ता सबसे गहरा असर-
- किसी करीबी की मृत्यु होने पर
- पार्टनर से डिवोर्स होने पर
- नौकरी छूट जाने पर
- किसी परीक्षा या इंटरव्यू में बार-बार फेल होने पर
- परिवार में हमेशा झगड़े का माहौल होने पर
- जीवन में युद्ध या किसी भयानक प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप, सुनामी, बाढ़ या आग का करीब से अनुभव करने पर
- शारीरिक या मानसिक हिंसा का शिकार होने पर
आत्मविश्वास खो देना
जीवन में जब हम बुरे वक्त से गुजर रहे होते हैं या उससे उबर जाते हैं तो उसका सबसे गहरा असर हमारे आत्मविश्वास पर पड़ता है। कुछ लोग भीड़ में जाने से घबराते हैं, लोगों से बात करने में हिचकिचाते हैं और वो काम जो वे सबसे बेहतर कर सकते थे, वो भी नहीं कर पाते हैं।
किशोरों में आइडेंटिटी क्राइसिस सबसे ज्यादा
आइडेंटिटी क्राइसिस किसी भी आयु के लोगों को हो सकता है। लेकिन यह सबसे ज्यादा किशोरों में देखी जाती है। यूनिवर्सिटी ऑफ फीनिक्स में 2015 में हुई एक स्टडी के मुताबिक, कम उम्र में ट्रॉमा से गुजरे 37% किशोरों को अपनी पहचान वापस पाने में मुश्किल का सामना करना पड़ा।
इसके अलावा अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के मुताबिक, कुछ एडल्ट्स मिडलाइफ क्राइसिस का भी अनुभव करते हैं। खासकर जब कोई चुनौती या जीवन में कठिन परिवर्तन आते हैं।
पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD)
यह एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, जो जीवन में किसी दर्दनाक घटना के बाद हो सकती है। PTSD के लक्षणों में गंभीर चिंता, गुस्सा, चिड़चिड़ापन, घटना के बारे में बेकाबू विचार, सोने में कठिनाई वगैरह शामिल है।
खोए आत्मविश्वास और पहचान को कैसे वापस पाएं
जब जीवन में मुश्किलें या कठिन वक्त आता है तो जीवन पटरी से उतर जाता है। ऐसे में नई चुनौतियों का सामना करना कठिन हो सकता है, खासकर तब जब आप अपनी क्षमताओं या परिणाम के बारे में सुनिश्चित न हों। हालांकि, जीवनशैली में बदलाव लाना, नए स्किल सीखना, व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों तरह से फायदेमंद भी हो सकता है।
साइकेट्रिस्ट रूमा भट्टाचार्य बताती हैं कि मुश्किल परिस्थितियों के बाद आत्मविश्वास और पहचान को वापस पाना बहुत मु्श्किल हो जाता है, लेकिन ये नामुमकिन नहीं है। इसके लिए आप अपने परिवार, दोस्तों के साथ बैठें, उनसे अपनी बातें शेयर करें। अपने आपको अकेला न छोड़ें और व्यस्त रखने की कोशिश करें। प्रोफेशनल लेवल पर आपने कुछ खोया है तो अपने हक और सम्मान के लिए लड़ें, हार नहीं मानें।
नीचे ग्राफिक में देखें कैसे आप जीवन में कठिन परिस्थितियों से उबर सकते हैं-