Vinesh Phogat Petition Dismissed: ‘मां मैं हार गई और कुश्ती जीत गई…’ पेरिस ओलंपिक के दौरान ही यह बात कहकर भारत की स्टार रेसलर विनेश फोगाट ने संन्यास का ऐलान किया था. उन्होंने यह निराशा और उदाशीन भरे शब्दों का इस्तेमाल क्यों किया? यह तो सभी जानते हैं. एक से बढ़कर एक पहलवानों को धूल चटाने वाली विनेश के जज्बे और जुनून पर नियम भारी पड़ गए और उन्हें रिंग के बाहर कानूनी लड़ाई में हार झेलनी पड़ी.
रिंग में विनेश ने पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल पाने के लिए एक ही दिन में 3 धुरंधर पहलवानों को पटखनी दी थी. उन्हें सिर्फ फाइनल मैच खेलना था जिसे जीतकर गोल्ड अपने नाम कर लेतीं. मगर इस मेडल मैच और विनेश के बीच रेसलिंग का एक नियम आ गया, जिसके आगे यह भारतीय पहलवान चित हो गई.
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100 ग्राम ज्यादा वजन और डिसक्वालिफाई हुईं विनेश
दरअसल, पेरिस ओलंपिक के दौरान विनेश ने 6 अगस्त को ही लगातार 3 मैच खेलकर 50 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल में एंट्री कर सिल्वर मेडल पक्का कर लिया था. गोल्ड मेडल मैच 7 अगस्त की रात को होना था, लेकिन उसी दिन सुबह विनेश को डिसक्वालिफाई कर दिया गया था, क्योंकि मैच से पहले उनका वजन 50 किग्रा की कैटेगरी के लिहाज से 100 ग्राम ज्यादा था.
इसके बाद विनेश ने CAS में अपील की थी. उनकी पहली मांग तो यही थी कि उन्हें गोल्ड मेडल मैच खेलने की अनुमति दी जाए. मगर नियमों का हवाला देते हुए उनकी यह मांग तुरंत ही नामंजूर कर दी थी. इसके बाद विनेश ने अपील करते हुए कहा कि उन्हें इस इवेंट में सिल्वर मेडल दिया जाना चाहिए. अब इस अपील को भी खारिज कर दिया गया है.
विनेश ने रिंग के बाहर सिल्वर मेडल के लिए 8 दिन तक कानूनी लड़ाई लड़ी, लेकिन यहां उन्हें हार मिली और अब उन्हें बगैर मेडल के ही भारत लौटना होगा. विनेश अभी पेरिस में ही हैं. हालांकि उन्होंने ओलंपिक विलेज छोड़ दिया है. अब वो होटल में ठहरी हुई हैं. विनेश 17 अगस्त को भारत लौटेंगीं.
एक दिन में इन 3 दिग्गज पहलवानों को किया चित
पेरिस ओलंपिक में विनेश के लिए पहला राउंड पार करना बेहद कठिन काम था, क्योंकि उनका पहला ही मुकाबला जापान की उस खिलाड़ी से था, जिसने टोक्यो ओलंपिक में एक भी अंक गंवाए बिना गोल्ड मेडल जीता था. दरअसल, विनेश के सामने पिछले ओलंपिक की विजेता और 4 बार की वर्ल्ड चैम्पियन युई सुसाकी की चुनौती थी.
विनेश से टक्कर से पहले सुसाकी ने अपने इंटरनेशनल करियर में एक भी हार का सामना नहीं किया था. सुसाकी ने लगातार 82 मुकाबले जीते थे. ऐसी धुरंधर पहलवान को विनेश ने 3-2 से हराया. मुकाबले में विनेश के सामने सुसाकी की एक ना चली.
फिर विनेश का क्वार्टर फाइनल मुकाबला यूक्रेन की नंबर-1 महिला पहलवान ओक्साना लिवाच से था. मगर इसमें भी विनेश ने 7-5 से धांसू जीत दर्ज की. इसी दिन विनेश को अपना सेमीफाइनल मुकाबला क्यूबा की रेसलर युसनेइलिस गुजमैन से खेलना था. लगातार दो पहलवानों को चित करने के बावजूद विनेश का हौसला बुलंद ही था. ऐसे में उन्होंने गुजमैन को 5-0 से पटखनी देकर फाइनल में जगह बनाई थी.
अब फैन्स के मन में सवाल है कि आखिर एक रात में ऐसा क्या हुआ कि विनेश बाहर हो गईं? फैन्स उस नियम के बारे में भी जानना चाह रहे होंगे जिसके कारण विनेश बाहर हुई हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में…
रेसलिंग में क्या है वजन का नियम?
दरअसल, रेसलिंग में वेट कैटेगरी होती हैं. यानी कि एक पहलवान को मैच में अपने बराबर वजन के ही रेसलर से भिड़ना होता है. जैसे विनेश 50 किग्रा वेट कैटेगरी में उतरी थीं. ऐसे में विनेश और सामने वाली रेसलर दोनों का वजन 50 किग्रा से थोड़ा भी ज्यादा नहीं होना चाहिए था. इस खेल में नियम बनाने का अधिकार यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) का है.
UWW का आर्टिकल 11 कहता है- मैच में एंट्री से पहले टीम के लीडर को ‘फाइनल एथलीट्स’ का नाम देना होता है, जो मुकाबले में लड़ेगा. इसकी जानकारी पहले से देनी होती है. हर मैच से पहले खिलाड़ी का वजन किया जाता है. वजन का ब्योरा मैच से एक दिन पहले 12वें घंटे तक जमा करना होता है. अपनी वेट कैटेगरी के अलावा दूसरे वेट कैटेगरी के पहलवान से मैच नहीं होता.
वजन के दौरान कौन से कपड़े पहनते हैं?
नियम के मुताबिक, जो एथलीट वजन के अनुरुप नहीं होता, उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाता है. इसके अलावा यदि कोई एथलीट पहले या दूसरे, दोनों बार में भी वज़न नहीं करवाता तो भी उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाता है. साथ ही उसे बिना कोई रैंक दिए आखिरी स्थान पर रखा जाता है.
वज़न करवाने के दौरान सिर्फ एक ही पोशाक जिसे ‘सिंगलेट’ कहा जाता है, सिर्फ वही पहनने की इजाज़त होती है. वज़न के दौरान प्रतियोगी के नाखून भी ठीक से कटे होने चाहिए. पूरे वजन प्रक्रिया के दौरान रेसलर्स जितनी बार चाहें, वज़न करवा सकते हैं.
विनेश ने सुनवाई के दौरान दिए ये चार तर्क…
1. विनेश ने दलील दी कि उन्होंने कोई धोखाधड़ी नहीं की.
2. उनका वजन बढ़ना शरीर की नेचुली रिकवरी प्रक्रिया के कारण था.
3. विनेश ये भी दलील दी कि अपने शरीर की देखभाल करना एथलीट का मौलिक अधिकार है.
4. विनेश की ओर से ये भी तर्क दिया गया कि प्रतियोगिता के पहले दिन उसके शरीर का वजन निर्धारित सीमा से कम था. वजन केवल रिकवरी के कारण बढ़ा और यह धोखाधड़ी का मामला नहीं है. अपने शरीर को स्वस्थ होने के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करना उनका मौलिक अधिकार है.
पहलवान विनेश ने रेसलिंग से लिया संन्यास
7 अगस्त को हुए फाइनल के बाद अगले दिन विनेश ने रेसलिंग से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ‘मां कुश्ती मेरे से जीत गई. मैं हार गई माफ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके. इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब. अलविदा कुश्ती 2001-2024. उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी.’
कॉमनवेल्थ में 3 गोल्ड जीत चुकी हैं विनेश
विनेश फोगाट ने कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार 3 गोल्ड जीते हैं. उन्होंने यह गोल्ड 2014 ग्लास्गो, 2018 गोल्ड कोस्ट और 2022 बर्मिंघम गेम्स में जीते थे. इसके अलावा विनेश ने 2018 जकार्ता एशियन गेम्स में भी गोल्ड अपने नाम किया था.
एशियन चैम्पियनशिप 2021 में भी गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. इसके अलावा उन्होंने एशियन चैम्पियनशिप में 3 सिल्वर मेडल भी अपने नाम किए. वर्ल्ड चैम्पियनशिप में विनेश फोगाट अब तक 2 बार ब्रॉन्ज मेडल ही जीत सकी हैं.