11 दिन पहले
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पिछले कुछ सालों में टेक्नोलॉजी की दुनिया में तेजी से बदलाव आया है। खासकर कोरोना काल के बाद डिजिटल ट्रांजेक्शन तेजी से बढ़ा है। डिजिटलाइजेशन के इस बढ़ते दौर में पर्सनल और फाइनेंशियल डेटा को सुरक्षित रखना एक चुनौती है। इसी को ध्यान में रखते हुए डिजिटल सिग्नेचर का चलन तेजी से बढ़ रहा है। डिजिटल सिग्नेचर एक सिक्योर लॉगिन ID और पासवर्ड होता है, जिसका इस्तेमाल डॉक्यूमेंट को वेरिफाई करने के लिए किया जाता है।
लेकिन डिजिटल सिग्नेचर को लेकर बेहद सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि डॉक्यूसाइन का उपयोग करके ई-सिग्नेचर स्कैम और फिशिंग का शिकार बनाया जा सकता है।
इसलिए आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि डिजिटल सिग्नेचर क्या है? साथ ही जानेंगे कि-
- डिजिटल सिग्नेचर कितना फायदेमंद है?
- डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल करते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
सवाल- डिजिटल सिग्नेचर क्या है?
जवाब- जिस तरह पहचान को प्रमाणित करने के लिए सामान्य सिग्नेचर होते हैं। उसी तरह डिजिटल सिग्नेचर भी पहचान को प्रमाणित करता है।
इंटरनेट के जरिए भेजे जाने वाले डॉक्यूमेंट को वेरिफाई करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। डिजिटल सिग्नेचर को सामान्य सिग्नेचर की तुलना में ज्यादा विश्वसनीय और सिक्योर माना जाता है। ई-कॉमर्स, फाइनेंशियल लेन-देन, डिस्ट्रिब्यूशन जैसे कामों के लिए डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल किया जाता है। डिजिटल सिग्नेचर से ही डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट मिलता है।
नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट के क्या फायदे हैं।
सवाल- डिजिटल सिग्नेचर अभी चर्चा में क्यों आया है?
जवाब- दरअसल कुछ दिन पहले भारतीय क्रिप्टो वॉलेट WazirX हैकिंग का शिकार हुआ था। हैकिंग में WazirX के वॉलेट से लोगों के 1900 करोड़ रुपए निकाले गए।
माना जा रहा है कि इस हैकिंग को मल्टी सिग्नेचर वॉलेट के जरिए अंजाम दिया गया है, जिसका इस्तेमाल डिजिटल सिग्नेचर के लिए किया जाता है।
हैकर्स ने डिजिटल सिग्नेचर को पहले कॉपी किया। इसके बाद लोगों के वॉलेट में सेंधमारी की।
सवाल- डिजिटल सर्टिफिकेट को लेकर क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
जवाब- डिजिटल सिग्नेचर कानूनी रूप से वैलिड है और यह सामान्य सिग्नेचर के बराबर है। इसलिए इसका सिक्योर रहना बेहद जरूरी है। इसे किसी भी व्यक्ति के साथ साझा नहीं करना चाहिए।
डॉक्यूमेंट्स को सुरक्षित रखने के लिए USB टोकन/स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल करना चाहिए। USB-टोकन का काम डिजिटल सिग्नेचर को स्टोर करना होता है। अगर किसी व्यक्ति का ई-टोकन चोरी हो जाता है तो उसे डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट रद्द करके नया सर्टिफिकेट बनवाना चाहिए।
सवाल- अपने डिजिटल सिग्नेचर को कैसे सिक्योर कर सकते हैं?
जवाब- डिजिटल सिग्नेचर भारत में बिजनेस का एक अनिवार्य हिस्सा है। डिजिटल सिग्नेचर हाई लेवल की सिक्योरिटी देता है, क्योंकि इसे कॉपी करना या बनाना मुश्किल होता है। लेकिन फिर भी साइबर क्रिमिनल्स लोगों के अकाउंट में सेंधमारी करने के लिए नए-नए हड़कंडे आजमाते हैं।
अपने डिजिटल सिग्नेचर को और अधिक सिक्योर बनाने के लिए नीचे ग्राफिक में दिए कुछ तरीके अपना सकते हैं।
आइए ग्राफिक में दिए इन पॉइंट्स को विस्तार से समझते हैं।
- आपका डिजिटल सिग्नेचर पासवर्ड आपके डिजिटल सिग्नेचर को सिक्योर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए हमेशा एक स्ट्रांग पासवर्ड का इस्तेमाल करना चाहिए, जिसका अनुमान लगाना कठिन हो। डिजिटल सिग्नेचर पासवर्ड कम-से-कम 12 अक्षर का होना चाहिए। इसमें अपर केस और लोअर केस के अक्षर, नंबर्स और सिंबल शामिल होने चाहिए।
- अपना डिजिटल सिग्नेचर पासवर्ड कभी भी किसी के साथ शेयर न करें। अपने पासवर्ड को अनऑथराइज्ड वेबसाइट्स या किसी ऐप पर भी न डालें।। इसके अलावा अपना पासवर्ड डायरी या फोन के नोट में लिखकर न रखें।
- अगर आपका डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट एक सिक्योर डिवाइस जैसे USB ड्राइव या स्मार्ट कार्ड में स्टोर है तो इस डिवाइस को अनऑथराइज्ड वेबसाइट्स से दूर रखें। इसके अलावा अपने डिवाइस को किसी सुरक्षित जगह पर रखें।
- अपने डिजिटल सिग्नेचर बनाने और मैनेज करने के लिए आप जिस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं, उसे हमेशा अपडेट रखना चाहिए। सॉफ्टवेयर अपडेट करने से सिक्योरिटी की एक लेयर बनती है, जो आपके डिजिटल सिग्नेचर को साइबर हमलों से बचाने में मदद करती है।
- साइबर क्रिमिनल डिजिटल सिग्नेचर चुराने के लिए फिशिंग का इस्तेमाल करते हैं। फिशिंग ईमेल ऐसे डिजाइन किए जाते हैं जैसेकि वे किसी वैलिड सोर्स से आए हों, जैसे आपका बैंक या सरकार। इन ईमेल में अक्सर ऐसे लिंक होते हैं, जिन पर क्लिक करने के बाद आप असली जैसी दिखने वाली नकली और फर्जी वेबसाइट पर पहुंच जाएंगे। अगर आप इस फर्जी वेबसाइट पर अपना डिजिटल सिग्नेचर पासवर्ड डालते हैं तो इससे साइबर क्रिमिनल आपका डिजिटल सिग्नेचर पासवर्ड चुरा सकते हैं।
सवाल- साइबर क्रिमिनल डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल करके क्या नुकसान पहुंचा सकते हैं?
जवाब- डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल करके साइबर क्रिमिनल कई तरह से लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। जैसेकि-
स्कैम का शिकार बना सकते हैं
साइबर क्रिमिनल्स द्वारा स्कैम करने के लिए डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल किया जा सकता है। उदाहरण के लिए कोई साइबर क्रिमिनल किसी कॉन्ट्रैक्ट या इनवॉइस पर सिग्नेचर करने के लिए चोरी हुए डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल कर सकता है।
डेटा चोरी का खतरा
अगर आपका डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट गुम हो जाता है या चोरी हो जाता है तो आपके डिजिटल सिग्नेचर से एग्रीमेंट किया जा सकता है।
मालवेयर से हैकिंग
डिजिटल सिग्नेचर चुराने के लिए मालवेयर का इस्तेमाल किया जा सकता है। एक मालवेयर इन्फेक्टेड डिवाइस किसी साइबर क्रिमिनल को आपके डिजिटल सिग्नेचर पासवर्ड तक पहुंचने की परमिशन दे सकता है।
सवाल- क्या डिजिटल सिग्नेचर व्यक्ति या कंपनी को जारी होता है?
जवाब- डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट किसी भी व्यक्ति को किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर कानूनी रूप से वैध लेन-देन करने के लिए जारी किया जाता है। कोई भी संस्था डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट प्राप्त नहीं कर सकती। किसी संगठन का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्ति को कंपनी के प्रतिनिधि के रूप में डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट मिलता है।