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Winter Health Tips; Children Respiratory Infections Signs | Symptoms | जरूरत की खबर- सर्दियों में बच्चों में बढ़ता रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन: ये 8 लक्षण दिखें तो न करें इग्नोर, डॉक्टर से जानें बचाव के तरीके

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11 मिनट पहलेलेखक: शिवाकान्त शुक्ल

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सर्दियों का मौसम बच्‍चों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होता है। ठंडा तापमान, ड्राई हवा और ज्यादा समय घर के अंदर रहने के कारण उनकी इम्‍यून‍िटी कमजोर हो जाती है। ऐसे में बच्चों को सही देखभाल की जरूरत होती है। जरा सी लापरवाही बरतने से उन्हें सर्दी-जुकाम, फ्लू, ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) और निमोनिया जैसी सांस संबंधी बीमारियां हो सकती हैं।

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर साल पांच साल से कम उम्र के करीब 4 लाख बच्चों की श्वसन संबंधी बीमारियों की वजह से मौत होती है। हर साल भारत में विभिन्न कारणों से बच्चों की जितनी डेथ होती हैं, उनमें से 13% से 16% का कारण एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (ARI) ही होता है। इससे हम इसकी गंभीरता का अंदाजा लगा सकते हैं।

सर्दियों में बच्चों में रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि सही देखभाल और पर्याप्त सुरक्षा उपायों से बच्चों को इससे बचाया जा सकता है।

इसलिए आज जरूरत की खबर में हम रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन के बारे में बात करेंगे।

एक्सपर्ट: डॉ. एस. जेड. जाफरी, पल्मोनोलॉजिस्ट और एलर्जिस्ट, इंदौर

सवाल- रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन क्या है?

जवाब- रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन सांस से जुड़ी एक गंभीर समस्या है। यह तब होती है, जब मुंह या नाक के माध्यम से कोई वायरस या बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश करता है। ये इन्फेक्शन नाक, गले, सांस नली या फेफड़ों में हो सकता है। ये इन्फेक्शन हवा में मौजूद बैक्टीरिया या इन्फेक्टेड व्यक्तियों के संपर्क में आने से फैल सकता है।

बच्चों और बुजुर्गों में रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन का खतरा अधिक रहता है। आमतौर पर लोग इसके लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन कई बार यह गंभीर समस्या का कारण बन सकता है।

सवाल- सर्दियों में बच्चों को रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन का खतरा अधिक क्यों होता है?

जवाब- सर्दियों में बच्चों में रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन होने का एक बड़ा कारण उनका कमजोर इम्यून सिस्टम है। ठंड में बच्चे अधिक समय तक घर के अंदर रहते हैं। ऐसे में घर में नमी की वजह से पनपे बैक्टीरिया इन्फेक्शन का कारण बन सकते हैं।

इसके अलावा अधिकांश बच्चे ठंड की वजह से हाथ कम धोते हैं। जब वे अपनी उंगलियां को आंख, नाक या मुंह में डालते हैं तो इससे बैक्टीरिया आसानी उनके शरीर में पहुंच जाते हैं।

नीचे ग्राफिक से समझिए कि सर्दियों में बच्चों में सांस संबंधी कौन-सी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

सवाल- रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन के लक्षण क्या हैं?

जवाब- अगर बच्चे को बार-बार जुकाम, बुखार, खांसी या सांस लेने में परेशानी होती है तो ये रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन का संकेत हो सकता है। इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसके अलावा रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन के कुछ और भी लक्षण हैं। इसे नीचे ग्राफिक से समझिए-

सवाल- किन बच्चों को रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन का खतरा अधिक रहता है?

जवाब- नवजात शिशु से लेकर 5 साल तक के बच्चों को रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन का खतरा अधिक रहता है। इसके अलावा इन बच्चों को भी ज्यादा रिस्क होता है–

  • जिन बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर है।
  • जिन बच्चों को हार्ट या लंग्स से संबंधित बीमारी है।
  • जिन बच्चों के घर में कोई स्मोकिंग करता है।
  • जिन बच्चों की मां ने प्रेग्नेंसी के दौरान डायरेक्ट या पैसिव स्मोकिंग की है।
  • जो बच्चे ऐसे एरिया में रहते हैं, जहां प्रदूषण अधिक है।

सवाल- रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन कितना खतरनाक है?

जवाब- रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन की गंभीरता इस पर निर्भर करती है कि यह किस लेवल का है। आमतौर पर ये दो तरह का होता है। पहला अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (URTI) और दूसरा लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (LRTI)।

अपर रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (URTI)

इसमें बैक्टीरिया या वायरस ऊपरी रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट यानी नाक, गले और वॉइस बॉक्स को प्रभावित करता है। यह छींक या खांसी से निकलने वाली बूंदों के सीधे संपर्क में आने से फैल सकता है।

इसके अलावा वायरस या बैक्टीरिया के संपर्क में आए हाथों से अपनी नाक या मुंह को छूने से भी फैल सकता है। ये आमतौर पर इलाज के बाद ठीक हो जाता है, लेकिन लंबे समय तक इन्फेक्शन रहने से कान में दर्द या गले में सूजन आ सकती है।

लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (LRTI)

ये लंग्स और गले के नीचे के ट्रैक्ट को प्रभावित करता है। ये इन्फेक्शन ज्यादा गंभीर हो सकता है। इसमें निमोनिया, अस्थमा या ब्रोंकाइटिस का खतरा होता है। इसलिए कोई भी लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।

सवाल- अगर बच्चे को रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन हो जाए तो क्या करें?

जवाब- बच्चे को सांस संबंधी समस्या होने पर बिना देरी किए तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। डॉक्टर बच्चे के लक्षण के आधार पर दवाएं और सावधानियां बताएंगे। इसे फॉलो करें।

सवाल- पेरेंट्स अपने बच्चों को रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन से बचाने के लिए क्या करें?

जवाब- पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. एस. जेड. जाफरी बताते हैं कि बच्चों को इससे बचाने के लिए साल में एक बार इन्फ्लुएंजा वैक्सीन जरूर लगवाएं। ये वैक्सीन वायरल इन्फेक्शन के खतरे को कम करती है। इसके अलावा पेरेंट्स कुछ और भी उपाय अपना सकते हैं। इसे नीचे ग्राफिक से समझिए-

सवाल- रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन का उपचार क्या है?

जवाब- इसके लिए डॉक्टर एंटीवायरल या एंटीबायोटिक दवाएं देते हैं। वे लगातार और परेशान करने वाली खांसी को कम करने के लिए सीरप दे सकते हैं। अगर स्थिति बिगड़ती है तो ऑक्सीजन थेरेपी भी दी जा सकती है।

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सर्दियों में सर्दी-जुकाम या खांसी होना सबसे आम है। यह वायरल इन्फेक्शन तेजी से फैलता है। आमतौर पर सर्दी-जुकाम 1-2 हफ्तों में ठीक हो जाता है, लेकिन कई बार ये लंबे समय तक परेशान कर सकता है। इससे बचने के लिए हमारी इम्यूनिटी का स्ट्रॉन्ग होना जरूरी है। इम्यूनिटी जितनी स्ट्रॉन्ग होगी, सर्दी जुकाम और वायरल इन्फेक्शन का खतरा उतना ही कम रहेगा। पूरी खबर पढ़िए…

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