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Winter Heart Risk Prevention Tips; Blood Pressure | Cholesterol Level | सेहतनामा- सर्दियों में 31% बढ़ता हार्ट अटैक का खतरा: ठंड के मौसम में दिल का कैसे रखें ख्याल, डॉक्टर ने बताई 12 सावधानियां

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6 मिनट पहलेलेखक: शिवाकान्त शुक्ल

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सर्दियों के मौसम में हार्ट संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए हाेता है क्योंकि ठंड में शरीर को गर्म रखने के लिए हार्ट को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। यह उन लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है, जिन्हें पहले से कोई हार्ट डिजीज या हार्ट से जुड़ी हेल्थ कंडीशन है।

पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस जर्नल में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, जिन्हें पहले से कोई हार्ट डिजीज है, उनमें ठंड में हार्ट अटैक का खतरा 31% तक बढ़ जाता है। इसलिए ठंड के महीनों में हार्ट को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है।

तो चलिए, आज सेहतनामा में हम बात करेंगे कि सर्दियों में अपने हार्ट का ख्याल कैसे रखें। साथ ही जानेंगे कि-

  • ठंड के मौसम में हार्ट से जुड़ी परेशानियां ज्यादा क्यों होती हैं?
  • ठंड में हार्ट संबंधी किस तरह की परेशानियां हो सकती हैं?
  • सर्दियों में हार्ट का ख्याल रखने के लिए क्या सावधानियां बरतें?

दुनिया भर में हार्ट डिजीज से हर साल होतीं 2 करोड़ मौतें

वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के मुताबिक, पूरी दुनिया में हार्ट से जुड़ी समस्याओं के कारण हर साल तकरीबन 2 करोड़ से अधिक लोगों की मौत होती है। इसका मतलब है कि हर 1.5 सेकेंड पर एक व्यक्ति हार्ट से जुड़ी बीमारियों के कारण मर रहा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, हार्ट से जुड़ी समस्याएं दुनिया भर में मौत का सबसे बड़ा कारण हैं। वर्ष 2019 में इससे करीब 1.79 करोड़ लोगों की मौत हुई। इनमें से 85% मौतें हार्ट अटैक और स्ट्रोक के कारण हुई थीं।

जर्नल ऑफ अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में पब्लिश स्टडी के मुताबिक, वर्ष 2016 में भारत में हार्ट डिजीज से पीड़ित लोगों की संख्या 5.4 करोड़ थी। ये आंकड़ा साल दर साल बढ़ रहा है।

दिसंबर महीने में होता है सबसे ज्यादा हार्ट अटैक

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में साल 2018 में एक जरूरी स्टडी पब्लिश हुई। इस स्टडी में साल 1998 से 2013 के बीच 16 सालों में स्वीडन में हुए हार्ट अटैक केसेज की स्टडी की गई। इसमें रिसर्चर्स ने पाया कि हर साल सर्दी के मौसम में ​हार्ट अटैक के मामले 15% तक बढ़ गए थे। अकेले क्रिसमस से एक दिन पहले 24 दिसंबर को हार्ट अटैक में 37% का इजाफा देखने को मिला।

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल ‘सर्कुलेशन’ में साल 2004 में एक स्टडी पब्लिश हुई। यह स्टडी कहती है कि अमेरिका में पूरे साल हार्ट अटैक से उतनी मौतें नहीं होतीं, जितनी अकेले सिर्फ 25 दिसंबर के दिन होती हैं। इसके बाद 26 दिसंबर और फिर 1 जनवरी को हार्ट अटैक से सबसे ज्यादा मौतें दर्ज की जाती हैं।

ठंड में क्यों बढ़ती हैं हार्ट से जुड़ी परेशानियां

सर्दियों में हार्ट को पूरे शरीर में ऑक्सीजन पंप करने के लिए दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है। ठंड के कारण धमनियां (Arteries) सिकुड़ जाती हैं। इससे ब्लड फ्लो धीमा होता है और हार्ट की मसल्स को कम ऑक्सीजन मिल पाती है। ऐसे में स्ट्रोक या हार्ट अटैक की संभावना अधिक होती है।

इसके अलावा जैसे-जैसे तापमान गिरता है, बॉडी में ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने लगता है। इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। सर्दियों में हार्ट अटैक का सबसे ज्यादा खतरा किसे है, नीचे ग्राफिक में देखिए-

सर्दियों में हो सकती हैं हार्ट संबंधी ये समस्याएं

ठंड में कई तरह की हार्ट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इनमें हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर और कार्डियक अरेस्ट शामिल हैं। ठंड में किन कंडीशंस में हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है, नीचे पॉइंटर्स से समझिए-

  • ठंडे मौसम में दौड़ने या तेज चलने से थकान हो सकती है। इससे हार्ट की ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ जाती है। ऐसे में पर्याप्त ऑक्सीजन न मिल पाने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। हार्ट डिजीज से पीड़ित लोगों को ठंड में आउटडोर एक्टिविटीज से बचना चाहिए।
  • सर्दियों में सीजनल फ्लू के चांस बढ़ जाते हैं। अगर किसी का हार्ट पहले से कमजोर है तो एक साधारण फ्लू या सीजनल बुखार भी उसके दिल पर काम का बोझ बढ़ा सकता है। बॉडी ज्यादा ऑक्सीजन डिमांड करेगी और हार्ट को ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी।
  • ठंड में शरीर को गर्म रखने के लिए ऊनी कपड़े पहनना जरूरी है। लेकिन जब वर्कआउट कर रहे हों तो उस वक्त ज्यादा मोटे गर्म कपड़े न पहनें। इस दौरान शरीर से गर्मी निकलती है।

इसके अलावा सर्दियों में दो और गंभीर हार्ट डिजीज हो सकती हैं। इसे नीचे देखिए-

हाइपोथर्मिया

यह एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है, जिसमें शरीर जितनी तेजी से गर्मी पैदा करता है, उससे कहीं ज्यादा तेजी से गर्मी खो देता है। हाइपोथर्मिया के कारण शरीर का तापमान सामान्य यानी 98.6 फारेनहाइट (37°C) से नीचे चला जाता है।

हाइपोथर्मिया के लक्षणों में कंपकंपी, थकावट, ज्यादा सोना और अस्पष्ट बोलना शामिल है। तुरंत इलाज न मिलने से हाइपोथर्मिया जानलेवा भी हो सकता है। पहले से किसी हार्ट डिजीज से जूझ रहे लोगों में इसका खतरा अधिक हो सकता है। अगर किसी को हाइपोथर्मिया है तो उसे किसी गर्म स्थान पर ले जाएं और हवा से बचाएं। डॉक्टरी सलाह अवश्य लें।

एनजाइना पेक्टोरिस

एनजाइना एक कोरोनरी आर्टरी डिजीज है। सर्दियों में ब्लड फ्लो धीमा होने के कारण कोई भी इसका शिकार हो सकता है। इसके लक्षणों में सीने में दर्द, बेचैनी, जकड़न, पसीना आना और सांस फूलना शामिल है। ये लक्षण हर किसी में अलग-अलग हो सकते हैं और कुछ सेकेंड से लेकर कुछ मिनट तक रह सकते हैं।

एनजाइना के लक्षण तब शुरू हो सकते हैं, जब आपके हार्ट को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और उसे पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। ऐसा तब हो सकता है, जब कोई फिजिकली ज्यादा मेहनत करता है, इमोशनली परेशान होता है या ज्यादा हैवी डाइट लेता है। कभी-कभी ये स्थिति खतरनाक हो सकती है। इसलिए ऐसी कंडीशन में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

सर्दियों में हार्ट का ऐसे रखें ख्याल

जैसाकि हमने कई स्टडी, रिसर्च और उदाहरणों से हमने जाना कि सर्दियों का मौसम हार्ट के लिए खतरनाक हो सकता है। लेकिन सवाल ये है कि इस खतरे से खुद को बचाएं कैसे।

इसके लिए जरूरी है हेल्दी लाइफस्टाइल, खानपान और स्वास्थ्य के नियमों का ध्यान, पर्याप्त नींद, सिगरेट–शराब से दूरी और नियमित वर्कआउट। इसके अलावा डिटेल नीचे ग्राफिक में देखिए-

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